हमीरपुर: कंडक्टर भर्ती परीक्षा विवाद बावजूद रद्द नहीं की जाएगी. इसके साथ ही गलत सवाल पूछने का भी प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग ग्रेस मार्क (कृपांक) देगा. भर्ती को रद्द ना करने और ग्रेस मार्क देने का फैसला परीक्षा आयोजित करने वाले कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने लिया है.
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन ब्रिगेडियर सतीश शर्मा ने बताया कि परीक्षा में 71 फीसदी अभ्यर्थियों (48,000) ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है. प्रदेश के बेरोजगारों के भविष्य को देखते हुए इस परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता. 304 परीक्षा केंद्रों में से महज 2 परीक्षा केंद्रों में ही मोबाइल फोन के प्रयोग के मामले सामने आए हैं. गलत प्रश्न के लिए अभ्यर्थियों को कृपांक दिए जाएंगे. इसके लिए अभ्यर्थी 7 दिन के भीतर आयोग को अपनी आपत्तियां भेज सकते हैं.
इसके साथ ही कंडक्टर भर्ती मामले में एक नया खुलासा हुआ है.जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार किया गया एक आरोपी परिवहन विभाग में ही एमटीएस के रूप में नियुक्त था. दूसरी ओर कर्मचारी चयन आयोग ने पुलिस थाना शाहपुर में मनोज कुमार (26) तहसील जवाली जिला कांगड़ा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
आरोप है कि परीक्षा केंद्र हाईट कॉलेज छतड़ी (शाहपुर) में मनोज ने अपने मोबाइल से प्रश्नपत्र को सोशल मीडिया पर वायरल किया है. पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए रात-दिन छापामारी कर रही है, लेकिन वह गिरफ्त से बाहर है. उल्लेखनीय है कि रविवार को शिमला के एपी गोयल विवि सेंटर से भी एक आरोपी फरार हो गया था, लेकिन उसे रात 8:00 बजे रोहड़ू से गिरफ्तार कर लिया गया था.
सोमवार को पुलिस ने इसका एक दिन का रिमांड हासिल किया है. आरोपी के मोबाइल को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. आरोप हैं कि इसने परीक्षा हॉल के अंदर मोबाइल से प्रश्नपत्र की फोटो को खींचकर अपने भाई के मोबाइल पर भेज दिया था. हालांकि, इससे पहले कि वह कुछ कर पाता परीक्षा केंद्र में तैनात निरीक्षक ने उसे मोबाइल समेत पकड़ लिया. तब तक उसकी आंसर शीट बिल्कुल खाली थी. उसके बाद आरोपी परीक्षा हॉल से चला गया. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची.
जांच में पाया गया है कि सोशल मीडिया पर वायरल कंडक्टर भर्ती का प्रश्न पत्र एपीजी यूनिवर्सिटी के परीक्षा हॉल से नहीं बल्कि कांगड़ा के एक परीक्षा केंद्र से लीक हुआ है.