सुजानपुर: कोरोना वायरस के इस मुश्किल दौर में हजारों की संख्या में लोग अपने घरों का रुख कर रहे हैं. हिमाचल का हाल भी कुछ ऐसा ही है, सैकड़ों की तादाद में लोग वापस अपने घर लौट रहे हैं, लेकिन घर लौटने से पहले सभी को इंस्टीट्यूशनल या होम क्वारंटाइन किया जा रहा है.
बाहरी राज्यों से लौटे लोगों के साथ-साथ उनके परिवार को भी कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है, लेकिन बात अगर हिमाचल के हमीरपुर जिला की करें, तो यहां होम क्वारंटाइन किए गए लोगों को ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने ऐसे कई लोगों से बात की जो होम क्वारंटाइन की समय अवधि को पूरा कर चुके हैं.
अपनों को महफूज रखने के लिए परिवार के अन्य सदस्य पूरी सतर्कता बरत रहे हैं. दिल्ली से लौटे सूरज परमार के भाई धीरज परमार का कहना है कि उनका भाई रेड जोन से लौटा है, शुरुआत में उन्हें भी थोड़ी घबराहट हुई, लेकिन अपने परिवार और समाज की सुरक्षा के लिए वह घर से बाहर नहीं निकले.
होम क्वारंटाइन किए गए व्यक्ति के आसपास रह रहे लोगों में भी डर का माहौल था, पड़ोसियों से लेकर स्थानीय दुकानदार भी पूरी सतर्कता बरत रहे हैं. स्थानीय दुकानदारों की माने कोरोना को लेकर शुरुआत में उन्हें भी थोड़ी घबराहट हुई, लेकिन वह सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखकर सामान का वितरण करते रहे और सामाजिक सरोकार को निभाते आ रहे हैं.
कोरोना काल में आशा वर्कर्स भी होम क्वारंटाइन की प्रक्रिया से गुजर रहे लोगों का खास ख्याल रख रही हैं. वह सरकार के निर्देशों का पालन करने के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को भी निभा रही हैं.
एसडीएम हमीरपुर चिरंजी लाल चौहान का कहना है कि पंचायत के माध्यम से होम क्वारंटाइन किए लोगों की सूचना उपलब्ध हो जाती है. उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन किए गए लोगों पर पूरी नजर रखी जाती है,
देश के कई हिस्सों में होम क्वारंटाइन किए गए लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन हिमाचल के हमीरपुर में ऐसी स्थिति नहीं है, क्योंकि यहां के स्थानीय दुकानदारों से लेकर अन्य सामाजिक संगठन होम क्वारंटाइन से गुजर रहे लोगों का पूरा ख्याल रख रहे हैं.