बड़सर/हमीरपुर: प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए शासन और प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं. मंदिरों में 23 अप्रैल से अगले आदेशों तक केवल पूजा अर्चना के आदेश जारी किए गए हैं. इसके साथ ही प्रदेश में तमाम भंडारे व अन्य कार्यक्रमों को बंद किया गया है. ऐसे में उत्तरी भारत के प्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में 23 अप्रैल से फिर से लॉकडाउन जैसी स्थिति बन जाएगी. इस फैसले से मंदिर परिसर और आस-पास के दुकानदार काफी परेशान हैं.
बता दें कि हमीरपुर प्रशासन के द्वारा सुबह 6 बजे से शाम को 6 बजे तक दुकानें खोलने का निर्णय लिया गया है, लेकिन अगर मंदिर ही बंद हो जाएंगे तो यहां के दुकानदारों को भी दुकानें बंद करनी पड़ेगी. मंदिर बंद होने पर कोई भी श्रद्धालु यहां पर शीश नवाने के लिए नहीं पहुंचेगा, जिसके चलते यहां के दुकानदार काफी परेशान हैं.
कोरोना संकट से दुकानदार प्रभावित
गौर रहे कि पिछले साल भी 6 से 7 महीने के अंतराल के बाद बाबा बालक नाथ के दरबार खुला था. 6 से 7 महीने यहां के दुकानदारों को कुछ भी रोजगार नहीं था. अब 23 अप्रैल से यहां पर फिर से बाबा बालक नाथ की नगरी बिन श्रद्धालुओं के सुनी पड़ जाएगी. 23 अप्रैल से श्रद्धालुओं के लिए शक्तिपीठ बंद कर दिए जाएंगे जिससे यहां के दुकानदार काफी परेशान हैं.
बाबा बालक नाथ नगरी में है करीब 250 दुकान
बता दें कि बाबा बालक नाथ की नगरी में 200 से 250 के करीब दुकानें हैं और कम से कम 1000 से 1200 परिवारों का रोजगार यहां से चलता है जो यहां के स्थानीय निवासी हैं. इनकी रोजी-रोटी सिर्फ यहां की दुकानों पर ही निर्भर है. उनका और कोई भी रोजगार नहीं है. उनके परिवार से कोई भी नौकरी नहीं करता है. अगर अब मंदिर ही बंद हो जाएंगे तो यहां की दुकानें भी बंद हो जाएंगी जिस कारण उनका रोजगार भी बंद हो जाएगा.
प्रशासन से दुकानदारों की अपील
यहां के स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि उनके रोजगार के बारे में भी कुछ सोचा जाए नहीं तो उन्हें मंदी के दौर से गुजरना पड़ेगा.
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