हमीरपुर: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन की गोइस पंचायत के खोरड़ गांव को सड़क से जोड़ने के लिए प्रशासन द्वारा धरातल पर प्रयास नजर आने लगे हैं. स्थानीय ग्रामीणों और पूर्व सैनिकों ने डीसी हमीरपुर से सड़क निर्माण के सिलसिले में बुधवार को मुलाकात की थी प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व सैनिक और परिवारों ने सड़क निर्माण ना होने से आहत होकर अपने मेडल लौटाने की पेशकश डीसी के समक्ष की थी. मामले में डीसी हमीरपुर हेमराज बैरवा ने एक्शन करते हुए तुरंत एसडीएम को इस मामले में मौके पर जाने के निर्देश दिए थे. डीसी हमीरपुर ने ग्रामीणों को भी 2 दिन के भीतर इस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था. मौके पर पहुंचे एसडीएम अपराजिता चंदेल और अन्य अधिकारियों ने ग्रामीणों को सड़क निर्माण का सहयोग करने के लिए भी सहमत कर दिया है. ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अब यह गांव सड़क सुविधा से जुड़ेगा.
क्या है समस्या, प्रशासन का समाधान: दरअसल इस गांव के लिए 800 मीटर लंबी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है. इस दूरी के बीच कुछ परिवारों के निजी भूमि पाई जाने का दावा एक पक्ष द्वारा किया जाता है. यह परिवार सड़क निर्माण के लिए सहमत नहीं थे. जिस वजह से गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है. सभी पक्षों को एक जगह बुलाकर नए सिरे से तहसीलदार को जमीन का ततीमा काटने और इसे पंचायती राज विभाग के नाम करने का निर्णय लिया गया है. यदि इस दौरान किसी की निजी भूमि सड़क निर्माण के दायरे में पाई जाती है तो प्रशासन एक बार फिर उन परिवारों के साथ मिलकर सड़क निर्माण के लिए सहमत करने का प्रयास करेगा. प्रशासन ने 2 सप्ताह के भीतर तमाम प्रक्रिया को पूर्ण करने के साथ निर्माण शुरू करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है.
कारगिल युद्ध लड़ने वाले सेवानिवृत्त नायब सूबेदार प्रीतम सिंह का ने बताया कि एसडीएम ने मौके पर निरीक्षण किया है. उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि सरकारी दस्तावेजों में जो रास्ता है, वही मान्य होगा. यदि बाद में कोई सुधार होता है तो उस पर विचार किया जाएगा.
'जमीन देने के लिए माने ग्रामीण': एसडीएम नादौन अपराजिता चंदेल ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद वह मौके पर पहुंचे थे. लोगों को यहां पर एंबुलेंस रोड की सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि मौके के दौरान यह पाया गया है कि कुछ जगह पर 3 मीटर रास्ता संभव नहीं है और वहां पर निजी भूमि भी पाई गई है. मौके पर मौजूद लोगों ने निजी भूमि को भी दान देने की बात कही है. मौके पर ही तहसीलदार को जमीन का ततीमा काटकर, इस जमीन को पंचायती राज विभाग के नाम करने के निर्देश दिए गए हैं. यह कार्य होने के बाद यहां पर एक बार फिर मौके पर निरीक्षण कर रोड की एलाइनमेंट तय की जाएगी. यह तमाम औपचारिकताएं 2 हफ्ते में पूरी कर ली जाएंगी. मौके पर मौजूद लोगों ने जमीन देने के लिए अपनी सहमति जताई है.
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