हमीरपुर: उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ मंदिर दियोटसिद्ध में चैत्र मास मेलों में श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर चढ़ावा चढ़ाया है. पिछली साल आयोजित मेलों के मुकाबले इस बार 65 लाख अधिक आमदनी हुई है. इस बार रिकॉर्ड में 7 करोड़ 23 लाख 91 हजार 10 रुपये की आमदनी चढ़ावे के रूप में हुई है. रुपए के अलावा सोना और चांदी भी पिछले साल के मेलों के मुकाबले श्रद्धालुओं ने अधिक दान दिया है.
साल 2022 के मेलों में यह आमदन 6 करोड़ 58 लाख 73 हजार 357 रुपये थी. इस बार इस आमदन में 65,00,000 से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. गौरतलब है कि हर साल बाबा बालकनाथ मंदिर में 14 मार्च से 13 अप्रैल तक मेले आयोजित किए जाते हैं. आधिकारिक तौर पर यह मेले 13 अप्रैल को समाप्त हो जाते हैं, लेकिन करीब 2 महीने तक श्रद्धालु अधिक तादाद में देश-विदेश से दर्शन के लिए बाबा के दरबार में पहुंचते हैं.
10 लाख के करीब श्रद्धालुओं ने मंदिर में नवाया शीश: साल 2020 और 21 में कोरोना वायरस की वजह से अधिक संख्या में श्रद्धालु मंदिर में नहीं पहुंच पाए थे, जिस वजह से आमदनी भी कम हुई थी. लेकिन पिछले 2 सालों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. मंदिर ट्रस्ट के एक अनुमान के मुताबिक 1 महीने के भीतर ही 10 लाख के करीब श्रद्धालु मंदिर में माथा टेक चुके हैं. कोरोना महामारी से पहले भी यह आंकड़ा इतना ही रहता था.
सोने चांदी के दान में भी हुआ इजाफा: बाबा बालकनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं ने सोना और चांदी भी दिल खोलकर चढ़ाया है. इस साल 297 ग्राम 550 मिलीग्राम सोना चढ़ाया गया है. पिछले वर्ष 2022 में 181 ग्राम 100 मिलीग्राम था. चांदी के चढ़ावे में भी इजाफा हुआ है. इस बार श्रद्धालुओं ने 5,537 ग्राम 140 मिलीग्राम चांदी का चढ़ावा चढ़ाया है. पिछले साल के 3,413 ग्राम 600 मिलीग्राम चांदी श्रद्धालुओं ने दान की थी.
विदेशी मुद्रा ने भी भरा खजाना: मंदिर अधिकारी धर्मपाल नेगी ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस बार मेलों में अधिक दान प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि भारतीय करेंसी के अलावा सोने चांदी तथा विदेशी मुद्रा में भी श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर दान दिया है. विदेशी मुद्रा की अगर बात करें तो इंग्लैंड 8215, यूएसए 7802, यूरो 4130, कनाडा 16027, ऑस्ट्रेलिया 9005, यूएई दिरम 1950, कतर रियाल 447, सऊदी रियाल 2197, न्यूजीलैंड 876, बहरीन दीनार 5 एवं सिंगापुर 37 डॉलर का चढ़ावा श्रद्धालुओं की तरफ से चढ़ाया गया है.
ये भी पढ़ें: Markandeya Temple Baisakhi Fair: झंडा चढ़ाई रस्म के बाद बैसाखी मेले का आगज, हजारों श्रद्धालुओं ने नवाया शीश