हमीरपुर: जिला परिषद हमीरपुर की बैठक में स्कूलों में आयोजित होने वाले समारोह में जिप सदस्य को ना बुलाए जाने पर खूब बवाल मचा. इस दौरान परिषद के सदस्यों ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए और विभाग के अधिकारियों पर भी बरसे.
जिला परिषद अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने भी इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भड़क गए. परिषद अध्यक्ष इतने तक ही नहीं रुके, उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर पैसे की बर्बादी का आरोप भी लगाया. अध्यक्ष बोले कि सालाना समारोह में कई स्कूलों में 500-500 निमंत्रण कार्ड छापे जाते हैं, इनमें से महज 100 कार्ड ही वितरित किए जाते हैं और बाकी स्कूल में ही पड़े रहते हैं. इस तरह से जनता और सरकार के पैसे की बर्बादी हो रही है.
स्कूल फंक्शन में ना बुलाए जाने पर भड़के जिप अध्यक्ष, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी ये वॉर्निंग - जिला परिषद हमीरपुर
जिला परिषद हमीरपुर की बैठक में स्कूलों में आयोजित होने वाले समारोह में जिप सदस्य को ना बुलाए जाने पर खूब बवाल मचा. इस दौरान परिषद के सदस्यों ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए और विभाग के अधिकारियों पर भी बरसे.
हमीरपुर: जिला परिषद हमीरपुर की बैठक में स्कूलों में आयोजित होने वाले समारोह में जिप सदस्य को ना बुलाए जाने पर खूब बवाल मचा. इस दौरान परिषद के सदस्यों ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए और विभाग के अधिकारियों पर भी बरसे.
जिला परिषद अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने भी इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भड़क गए. परिषद अध्यक्ष इतने तक ही नहीं रुके, उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर पैसे की बर्बादी का आरोप भी लगाया. अध्यक्ष बोले कि सालाना समारोह में कई स्कूलों में 500-500 निमंत्रण कार्ड छापे जाते हैं, इनमें से महज 100 कार्ड ही वितरित किए जाते हैं और बाकी स्कूल में ही पड़े रहते हैं. इस तरह से जनता और सरकार के पैसे की बर्बादी हो रही है.
अधिकारियों को चेताया जिला परिषद के हाउस में भी है ताकत वह भी कर सकते हैं किसी का घेराव
हमीरपुर।
जिला हमीरपुर में बुधवार को आयोजित जिला परिषद हमीरपुर की बैठक में स्कूलों में आयोजित होने वाले सालाना समारोह में जिप सदस्य को ना बुलाए जाने पर खूब बवाल मचा. जिला परिषद सदस्यों द्वारा शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जाने के बाद जिला परिषद अध्यक्ष खुद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर बरस गए. अध्यक्ष इतने तक ही नहीं रुके उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर पैसे की बर्बादी के आरोप तक लगा दिए। अध्यक्ष बोले कि सालाना समारोह में कई स्कूलों में 500-500 निमंत्रण कार्ड छापे जाते हैं, इनमें से महज 100 कार्ड ही वितरित किए जाते हैं और बाकी स्कूल में ही पड़े रहते हैं। इस तरह से जनता और सरकार के पैसे की बर्बादी हो रही है। स्कूलों के कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का भी कोई ध्यान नहीं रखा जाता है और विधायक के खास लोगों को पहले सम्मानित किया जाता है इसको लेकर भी जिला परिषद के सदस्य बैठक में शिक्षा विभाग पर बिफरे नजर आए।
Body:जिला परिषद अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि सरकारी स्कूल के मुखिया विधायक को कार्यक्रम में इसलिए बुला लेते हैं कि कहीं उनके ट्रांसफर ना हो जाए। लेकिन इस हाउस मे भी इतनी ताकत है कि वह किसी भी अधिकारी का घेराव कर सकते हैं। नाराजगी जाहिर करते हुए अध्यक्ष ने कहा कि कई दफा यह देखा गया है कि जिन स्कूलों में पंचायत प्रधानों जिला परिषद सदस्य बीडीसी मेंबर को बुलाया भी जाता है तो उन्हें उचित मान-सम्मान नहीं दिया जाता है। राकेश ठाकुर ने बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारी को कड़े शब्दों में कहा कि यह सदस्य की शिकायतें ही नहीं है बल्कि मुझे भी मेरे गृह क्षेत्र के मिडिल स्कूल के सालाना समारोह में नहीं बुलाया गया। इस पर शिक्षा विभाग के अधिकारी ने जवाब दिया कि सभी प्रतिनिधियों को बुलाया जाता है। इस पर जवाब में अध्यक्ष ने कहा कि जिन कार्यक्रमों में जिला परिषद सदस्यों को बुलाया भी जाता है उसमें प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा जाता है। वहां भी विधायक के खास आदमियों को पहले सम्मानित किया जाता है। कार्यक्रम में यह हेड मास्टर फर्स्ट पंक्ति में बैठा होता है और जिला परिषद सदस्य कहीं पीछे जाकर चौथी पंक्ति में बैठा होता है यह किस तरह का सम्मान है।
Conclusion:अध्यक्ष ने कहा कि जिला परिषद के सदस्य भी 10 से 15 हजार लोगों में से चुन कर आते हैं। अध्यक्ष का कहना है कि कोई पार्टी विशेष नहीं है कोई व्यक्ति विशेष नहीं है चुना हुआ व्यक्ति चाहे वह किसी विचारधारा से हो उसको सम्मान मिलना चाहिए। राकेश ठाकुर ने कहा कि यह बीडीसी जिला परिषद सभी के कॉमन प्रॉब्लम है आगे से इसका ध्यान रखा जाए। इस पर शिक्षा के अधिकार में जवाब देते हुए भविष्य में इस चीज का ध्यान रखने की बात कही।