हमीरपुर: जनधन और किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत बीमा देने के सरकार के दावों पर लगातार प्रदेश भर में जनमचों के दौरान सवाल उठ रहे हैं. जिले के लगभग हर जनमंच में इससे जुड़ी शिकायतें सामने आ रही है. जनधन खाते एवं किसान क्रेडिट कार्ड समेत अन्य कई योजनाओं में बीमे का दावा लोगों से छलावा साबित हो रहा है.
केंद्र और प्रदेश सरकार बैंकों के माध्यम से इन योजनाओं को लंबे समय से चला रही हैं ,लेकिन नियम और शर्तें स्पष्ट न होने के कारण लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है. एक जनमंच से दूसरे जनमंच में इस तरह की शिकायतें पहुंच रही है.
केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं में अधिकारी लोगों जानकारी देते है कि जनधन का खाता खोलने अथवा किसान क्रेडिट कार्ड योजना को अपनाने से उन्हें बीमा नि:शुल्क दिया जाता है, जबकि अगर बारीकी से से देखा जाए तो यह निजी बीमा कंपनियों की तरह भूल भुलैया के अलावा कुछ और नहीं है.
दरअसल इन दोनों ही योजनाओं के तहत दुर्घटना में हुई मौत पर बीमे के तहत राहत राशि दी जाती है. लोगों में यह भ्रम है कि प्राकृतिक मौत होने पर भी उन्हें यह राहत राशि दी जाएगी. बड़सर में आयोजित जन मंच में भी इस तरह की कई मांग सामने आई.
मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा बताया यदि कभी कोई गलती इस तरह के मामलों में हो जाए तो उसमें सुधार की गुंजाइश होती है. आपको बता दें कि हार्ट अटैक से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है और हार्टअटैक को प्राकृतिक मौत सरकार मानती है.
ऐसे में जन धन योजना और किसान क्रेडिट कार्ड के तहत बीमे का फायदा प्रभावित परिवार को नहीं मिल पाता है. जिस कारण इस तरह की शिकायतें और लोगों की समस्याएं लगातार जनमंच में सामने आ रही हैं. यदि इन योजनाओं में कुछ संशोधन किया जाता है तो हजारों प्रभावित परिवारों को इसका फायदा मिल सकता है.