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हमीरपुर जिले में मशरूम उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, बाजार में मिल रहे बेहतर दाम

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Published : Dec 20, 2022, 5:10 PM IST

सुजानपुर ब्लॉक में हिमोत्थान सोसाइटी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग दी जा रही है. प्रथम चरण में हमीरपुर जिले में 21 यूनिट स्थापित किए गए हैं. ऐसे में महिलाएं मशरूम उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं और बाजार में उन्हें मशरूम के अच्छे दाम मिल रहे हैं. (mushroom production Training to women in Hamirpur)

Mushroom Production in Hamirpur
हमीरपुर में मशरूम उत्पादन
हमीरपुर में मशरूम उत्पादन

हमीरपुर: जिले में अब मशरूम की खेती से किसान जुड़ने लगे हैं. खास बात यह है कि इन किसानों में शत प्रतिशत महिलाएं हैं. प्रथम चरण में हमीरपुर जिले में 21 यूनिट स्थापित किए गए हैं और द्वितीय चरण में हमीरपुर जिले में 100 यूनिट चलाए जाएंगे. सुजानपुर ब्लॉक में हिमोत्थान सोसाइटी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग दी जा रही है. (Mushroom Production in Hamirpur)

मशरूम उत्पादन कर महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर: सुजानपुर ब्लॉक में मशरूम उत्पादन की 21 यूनिट हिमोत्थान सोसाइटी द्वारा स्थापित की गई है. जिसमें ग्रामीण महिलाएं मशरूम का उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. गौरतलब है कि हिमोत्थान सोसाइटी के जरिए मशरूम के उत्पादन के लिए महिलाओं को यूनिट में बैग उपलब्ध करवाए जा रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के तहत शुरू की गई कंपनी मनीषा फूड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड महिलाओं को मशरूम उगाने के लिए ट्रेनिंग दे रही है. (mushroom production Training to women in Hamirpur)

Mushroom Production in Hamirpur
मशरूम उत्पादन के लिए महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण

पारंपरिक फसलों के बजाय अधिक मुनाफा: हमीरपुर जिले में महिलाएं अब मशरूम उत्पादन कर अपने परिवार की आर्थिकी को सुदृढ़ कर रही हैं. जिले में हिमोत्थान सोसाइटी के माध्यम से तीन प्रजाति के मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है. जिसमें बटन मशरूम, ढींगरी मशरूम और मिल्की मशरूम शामिल है. ऐसे में 10 बाई 10 वर्ग फीट के एक कमरे में मशरूम का उत्पादन कर 3 माह के भीतर 50,000 के लगभग मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है.

महिलाओं की आर्थिकी हो रही मजबूत: सुजानपुर ब्लॉक के स्वाहल गांव की बंदना देवी ने हिमोत्थान सोसाइटी के माध्यम से 4 दिन की ट्रेनिंग कर अपने घर में मशरूम का उत्पादन करना शुरू किया है. बंदना देवी ने बताया कि उनकी मशरूम की फसल तैयार हो गई है जिससे उन्हें लाभ होगा. उन्होंने बताया कि वह अपने घर के कामकाज के साथ-साथ मशरूम की खेती भी कर रही हैं. बंदना ने अन्य महिलाओं से भी अनुरोध किया है कि वह मशरूम उत्पादन कर अतिरिक्त लाभ कमा सकती हैं. जिससे महिलाओं की आर्थिकी मजबूत होगी.

बाजार में मिल रहे बेहतर दाम: मशरूम विशेषज्ञ विनोद कुमार ने बताया कि हिमोत्थान सोसाइटी द्वारा ग्रामीण किसानों की आर्थिकी मजबूत करने के उद्देश्य से 21 मशरूम के यूनिट लगाए गए हैं. जिससे ग्रामीण महिलाएं घर के कामकाज के साथ-साथ मशरूम का उत्पादन कर अतिरिक्त लाभ कमा रही हैं. विनोद ने बताया कि मशरूम की फसल एक माह में तैयार हो जाती है और आगामी 60 दिनों तक मशरूम निकलता रहता है. मौजूदा समय में मशरूम की कीमत बाजार में अच्छी मिल रही है.

ये भी पढ़ें: खेती के लिए अब मिट्टी की नहीं होगी जरूरत, पानी में उगेंगी सब्जियां, जानें कैसे

हमीरपुर में मशरूम उत्पादन

हमीरपुर: जिले में अब मशरूम की खेती से किसान जुड़ने लगे हैं. खास बात यह है कि इन किसानों में शत प्रतिशत महिलाएं हैं. प्रथम चरण में हमीरपुर जिले में 21 यूनिट स्थापित किए गए हैं और द्वितीय चरण में हमीरपुर जिले में 100 यूनिट चलाए जाएंगे. सुजानपुर ब्लॉक में हिमोत्थान सोसाइटी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग दी जा रही है. (Mushroom Production in Hamirpur)

मशरूम उत्पादन कर महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर: सुजानपुर ब्लॉक में मशरूम उत्पादन की 21 यूनिट हिमोत्थान सोसाइटी द्वारा स्थापित की गई है. जिसमें ग्रामीण महिलाएं मशरूम का उत्पादन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं. गौरतलब है कि हिमोत्थान सोसाइटी के जरिए मशरूम के उत्पादन के लिए महिलाओं को यूनिट में बैग उपलब्ध करवाए जा रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना के तहत शुरू की गई कंपनी मनीषा फूड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड महिलाओं को मशरूम उगाने के लिए ट्रेनिंग दे रही है. (mushroom production Training to women in Hamirpur)

Mushroom Production in Hamirpur
मशरूम उत्पादन के लिए महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण

पारंपरिक फसलों के बजाय अधिक मुनाफा: हमीरपुर जिले में महिलाएं अब मशरूम उत्पादन कर अपने परिवार की आर्थिकी को सुदृढ़ कर रही हैं. जिले में हिमोत्थान सोसाइटी के माध्यम से तीन प्रजाति के मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है. जिसमें बटन मशरूम, ढींगरी मशरूम और मिल्की मशरूम शामिल है. ऐसे में 10 बाई 10 वर्ग फीट के एक कमरे में मशरूम का उत्पादन कर 3 माह के भीतर 50,000 के लगभग मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है.

महिलाओं की आर्थिकी हो रही मजबूत: सुजानपुर ब्लॉक के स्वाहल गांव की बंदना देवी ने हिमोत्थान सोसाइटी के माध्यम से 4 दिन की ट्रेनिंग कर अपने घर में मशरूम का उत्पादन करना शुरू किया है. बंदना देवी ने बताया कि उनकी मशरूम की फसल तैयार हो गई है जिससे उन्हें लाभ होगा. उन्होंने बताया कि वह अपने घर के कामकाज के साथ-साथ मशरूम की खेती भी कर रही हैं. बंदना ने अन्य महिलाओं से भी अनुरोध किया है कि वह मशरूम उत्पादन कर अतिरिक्त लाभ कमा सकती हैं. जिससे महिलाओं की आर्थिकी मजबूत होगी.

बाजार में मिल रहे बेहतर दाम: मशरूम विशेषज्ञ विनोद कुमार ने बताया कि हिमोत्थान सोसाइटी द्वारा ग्रामीण किसानों की आर्थिकी मजबूत करने के उद्देश्य से 21 मशरूम के यूनिट लगाए गए हैं. जिससे ग्रामीण महिलाएं घर के कामकाज के साथ-साथ मशरूम का उत्पादन कर अतिरिक्त लाभ कमा रही हैं. विनोद ने बताया कि मशरूम की फसल एक माह में तैयार हो जाती है और आगामी 60 दिनों तक मशरूम निकलता रहता है. मौजूदा समय में मशरूम की कीमत बाजार में अच्छी मिल रही है.

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