हमीरपुर: बिहार के छपरा जिले में इन दिनों जहरीली शराब का मामला छाया हुआ है जिसमें कई लोगों की मौत हो चुकी है. वैसे बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों में इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं. लेकिन साल 2022 में जहरीली शराब के मामले ने हिमाचल में भी सनसनी फैला दी थी. ये हिमाचल में पहला मौका था जब जहरीली शराब पीने के बाद हिमाचल में लोगों की मौत भी हो गई थी.
7 लोगों की हुई थी मौत- 18 जनवरी 2022 को हिमाचल के मंडी जिले से 5 लोगों की मौत की खबर सामने आई. जिले के सुंदरनगर उपमंडल के सलापड़ में 5 लोगों की मौत की वजह बताई गई. कुछ लोगों को अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया जहां दो और लोगों ने दम तोड़ दिया. 18 से 21 जनवरी के बीच 7 लोगों की जान जहरीली शराब ने ली तो हड़कंप मच गया.
SIT ने शुरू की जांच- हिमाचल में पहली बार जहरीली शराब से 7 लोगों की मौत का मामला था. पुलिस भी आनन-फानन में एक्शन मोड में आ गई. एसआईटी का गठन किया गया. जिसने मंडी से लेकर हमीरपुर और कांगड़ा से लेकर नालगढ़ तक में छापे मारे. कई जिलों से 28 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किए. जोगिंदर नगर, नालागढ़ और हमीरपुर में 3 अवैध फैक्ट्रियां भी पकड़ी. इस दौरान अवैध शराब की खेप भी पकड़ी गई थी.
![Himachal spurious liquor case](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17256753_new.png)
VRV Foods के बजाए VRV FOOLS नाम के स्टीकर: दरअसल यह अवैध तरीके से शराब बनाने का धंधा प्रदेश भर में चल रहा था. बोतलों पर VRV Foods की बजाय VRV FOOLS नाम के स्टीकर लगाकर शासन और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकी जा रही थी. वीआरवी फूड्स एक अधिकृत शराब का ब्रांड है जो कि हिमाचल में देसी शराब बनाता है जबकि इसी के लेबल और मारका का इस्तेमाल कर तस्करों ने अवैध तरीके से शराब बनाकर वीआरवी फूल्स बनाकर बेचा था. शुरुआती चरण में हमीरपुर जिले पर जांच केंद्रित हो गई थी जहां जिला मुख्यालय से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर अवैध तरीके से चलाई जा रही शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था, जहां से शराब, स्टीकर और शराब बनाने का सामान मिले थे. लेकिन बाद में जहरीली शराब के सैंपल यहां पर बनाई गई शराब से मैच नहीं हुए थे, जबकि प्रदेश के अन्य जगहों पर भी शराब फैक्ट्रियों का खुलासा जांच के दौरान हुआ था.
ठेकों के लाइसेंस भी किए गए थे रद्द: हमीरपुर के साथ ही प्रदेश भर में बड़े स्तर पर अवैध शराब को बरामद किया गया था. पुलिस ने 3 दिन के भीतर ही इस मामले का भंडाफोड़ करने का दावा किया था, लेकिन इस बीच बड़े स्तर पर प्रदेश में अवैध तरीके से बनाई गई शराब को तस्करों ने ठिकाने लगा दिया था. ऐसे में बाद में कुछ शराब कारोबारियों के ठेके सस्पेंड कर दिए गए थे और आबकारी एवं कराधान विभाग ने नए सिरे से इन ठेकों को फिर आवंटित किया था. इस मामले में विभागीय स्तर पर आबकारी एवं कराधान विभाग ने भी जांच की थी. जिसमें एक महिला अधिकारी को निलंबित किया गया था. महिला अधिकारी पर ड्यूटी के दौरान कोताही बरतने का आरोप था. इस मामले में प्रदेश भर के कई थानों में मामले दर्ज हुए थे.
![Year Ender 2022](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17256753_two.jpg)
मामले पर जमकर हुई सियासत: शराब कांड मामले में कई गिरफ्तारियां भी हुई. चुनावी साल में 7 लोगों की जहरीली शराब से मौत पर सियासी रंग भी चढ़ा. आरोपियों के नाम के साथ-साथ सियासी दलों का नाम भी जुड़ा तो सियासी बवाल भी मचा. हमीरपुर जिले में एक कांग्रेसी नेता को इस मामले में फंसने के बाद पार्टी ने निष्कासित भी कर दिया था.
मामले में जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी. डीआईजी मध्य जोन मधुसूदन की अगुवाई में यह एसआईटी गठित की गई थी. इस जहरीली शराब कांड मामले में 28 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई थी. इस मामले में कोर्ट में कुल 650 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है. इस मामले में गठित एसआईटी को डीआईजी मध्य जोन मधुसूदन ने लीड किया था, जबकि 3 दिन उनके भीतर कार्रवाई और अवैध शराब फैक्ट्रियों के भंडाफोड़ का खुलासा हाईटेक प्रेस वार्ता के जरिए डीजीपी संजय कुंडू ने किया था. (Year Ender 2022) (Himachal spurious liquor case) (Mandi Poisonous Liquor Case)
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