हमीरपुर: किसी बड़े आदमी का कुत्ता मरा होता तो, वहां पर शासन के तमाम अधिकारी पहुंच जाते हैं. गरीब की बच्ची मरी है, तो किसी के पास वहां जाने का समय ही नहीं है. यह बेहद ही शर्मनाक है. हमीरपुर कांग्रेस के अध्यक्ष पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया ने नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर 8 में लावारिस कुत्तों के लौटने के कारण 3 साल की मासूम किरण की मौत के मामले में यह प्रतिक्रिया दी है.
कुलदीप पठानिया ने कहा कि यह बेहद ही शर्मनाक है कि प्रशासन की तरफ से कोई भी अधिकारी इस पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुंचा, अगर प्रशासन की व्यवस्था में कोई कमी है, तो उस कमी को दूर करना चाहिए व्यवस्था में कमियां होने के कारण ही इस तरह की घटनाएं सामने आती है. ऐसे में पीड़ित परिवार से मिलना कोई समाधान नहीं है, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों को परिवार से मिलकर इस समस्या के समाधान का प्रयास करना चाहिए.
कुलदीप पठानिया ने कहा कि यह बेहद ही शर्मसार कर देने वाली घटना है. इतना भारी प्रशासनिक तंत्र होने के बावजूद इस तरह की घटना सामने आना इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना है. जिला प्रशासन के लिए यह शर्म का विषय है, दिल को दहला देने वाली इस घटना को बयां करना मुश्किल है. प्रशासन लावारिस कुत्तों की समस्या से निजात दिलाने के लिए जरूरी कदम उठाए और भविष्य में इस तरह की कोई घटना पेश ना आए इसको लेकर भी जरूरी कार्रवाई करने की जरूरत है.
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बता दें, अधिकारियों की तरफ से मामले में क्या कार्रवाई की गई है, इसको लेकर भी अभी तक जिला प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है. चुनावों के चलते प्रदेश में आचार संहिता लागू है ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका और भी अधिक महत्वपूर्ण होती है, लेकिन हमीरपुर जिला में इसके विपरीत अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने की बजाय कन्नी काटते नजर आ रहे हैं. इस घटना के बाद नगर परिषद हमीरपुर के अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास तुरंत मौके पर पहुंचे थे. नगर परिषद के अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास ने अपने निजी तौर पर यहां पर परिवार को ₹3000 की आर्थिक मदद दी थी.
बता दें कि बीते गुरुवार को देर शाम नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नंबर 8 में 3 साल की मासूम बच्ची किरण को लावारिस कुत्तों ने झुग्गी के आंगन से उठाकर झाड़ियों में ले जाकर मौत के घाट उतार दिया था. घटना के 24 घंटे के भीतर प्रशासन की तरफ से कोई फौरी राहत तक परिवार को नहीं दी गई थी और ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी इस परिवार से मिलने पहुंचा. ऐसे में अब कांग्रेस की तरफ से भी प्रशासनिक अधिकारियों की इस संवेदनहीनता पर सवाल उठाए जा रहे हैं.