हमीरपुर: जिला के चमनेड गांव में राजकीय माध्यमिक पाठशाला में बनाए गए संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र में रखे युवक ने पंचायत और प्रशासन पर उचित व्यवस्थाएं न करने का आरोप लगाया है. युवक का कहना है कि उसे न समय पर खाना मिल रहा है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था है.
युवक वीरेंद्र कुमार का कहना है कि बीती 11 मई को मामी की कैंसर की दवाई लेने के लिए लुधियाना गया था. टैक्सी की सुविधा न होने पर वो मामा-मामी को अपनी ही गाड़ी में लुधियाना ले गया था. शाम को लुधियाना से लौटने पर वो दो दिन मामा के घर में ही रहा और 13 मई को अपने गांव झमरेड़ा आ गया. अगले दिन सुबह ही उसे ग्राम पंचायत सचिव ने संस्थागत क्वारंटाइन में आने के लिए कहा. इसके बाद वह स्कूल में बने क्वारंटाइन केंद्र तो आ गया, लेकिन यहां पंचायत और प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं नाकाफी थी.
युवक ने बताया कि शुक्रवार रात को उसे भूखे ही सोना पड़ा. जबकि पंचायत की ओर से मिलने वाला खाना भी उसे समय पर नहीं मिल रहा है. हालांकि गांव के वार्ड नंबर तीन की एक महिला ने उसे दो दिन सुबह का खाना पहुंचाया है. पंचायत द्वारा दिए जाने वाले लंच का कोई समय निर्धारित नहीं है और न ही वहां पीने के पानी की व्यवस्था है.
पंचायत द्वारा मूलभूत सुविधाओं से भी युवक को वंचित रखा गया है. युवक का कहना है कि पंचायत द्वारा नहाने के लिए बाल्टी तक की व्यवस्था नहीं की गई है. पीने के पानी के लिए जो बोतल दी गई है, उसकी हालत भी दयनीय है. पिछले तीन दिनों से वह क्वारंटाइन केंद्र में है, लेकिन केंद्र में एक बार भी सेनिटाइजेशन नहीं की गई है.
वहीं, ग्राम पंचायत प्रधान कमल पठानिया का कहना है कि युवक को समय पर खाना दिया जा रहा है. युवक को संस्थागत क्वारंटाइन पर रखने के कारण वह आरोप लगा रहा है. लुधियाना से आने के बाद वह इधर-उधर घूम रहा था, जिसकी शिकायत मिलने और कोविड-19 के प्रोटोकॉल के आधार पर उसे केंद्र में रखा गया है.
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