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पोषण अभियान सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा, हमीरपुर में अंडरवेट पैदा हो रहा हर 5वां बच्चा - himachal news

पोषण अभियान सर्वे में हमीरपुर जिला में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. जिला में पैदा होने वाला हर पांचवां बच्चा अंडरवेट है. सर्वे के दौरान पाया गया कि जिला में 19.4 फीसदी बच्चों का जन्म के समय भार बहुत कम है.

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Published : Jul 28, 2019, 2:27 PM IST

हमीरपुर: जन्म के समय बच्चे का भार ढाई से तीन किलोग्राम होना चाहिए. जबकि हमीरपुर में पैदा होने वाले हर पांचवें बच्चे का वजन ढाई किलोग्राम से कम है. कम वजन होने से नवजात बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सही पोषण न मिलने के कारण भ्रूण का गर्भ में विकास नहीं हो पा रहा. जिसकी वजह से बच्चा कमजोर पैदा हो रहा है.

वीडियो.

विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से नवजात बच्चों में देखी जा रही एस समस्या के बारे में जागरूक किया जा रहा है. हालांकि जागरूकता के बावजूद हमीरपुर का बचपन कमजोर है. बता दें कि नवजात के कम वजन होने से भविष्य में उसे कई तरह की शारीरिक व मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में नवजात के बीमारी से जल्द ग्रसित होने के चांस भी बढ़ जाते हैं.अंडरवेट पैदा होने पर बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है. यही कारण है कि रोग उसे जल्दी जकड़ लेते हैं. गर्भावस्था में शिशु का वजन बढ़ना या घटना उसकी माता के खानपान पर निर्भर करता है. शिशु की मां अगर सही सुंतलित आहर ले तो बच्चे का वजन कम नहीं हो सकता.

सामने आए आंकड़ों के बाद विभाग अब आगामी रणनीति बनाएगा. महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी तिलक राज आचार्य ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है, ताकि महिलाएं गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार लें.

ऐसे बढ़ाएं बच्चे का वजन
गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन लगातार बढ़ना चाहिए. गर्भधारण के तीन महीने में एक किलोग्राम, अगले तीन महीने में पांच किलोग्राम और आगामी तीन महीने में पांच किलोग्राम वजन बढ़ना चाहिए. गर्भावस्था के दौरान महिला का 11 किलोग्राम वजन बढ़ना चाहिए. गर्भधारण के दौरान यदि गर्भवती महिला का वजन नहीं बढ़ रहा तो महिला को प्रोटीनयुक्त भोजन खाना चाहिए. गर्भवती महिला के आहार में दालें, अंडे, मीट व मछली शामिल करना चाहिए. शारीरिक दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.

गर्भावस्था में महिलाएं क्या न करें
आधुनिकता के दौर में महिलाओं द्वारा धूम्रपान और शराब का सेवन आम बात हो चुकी है. अगर गर्भवती महिला नशे का सेवन करती है, तो इसका बुरा असर पेट में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है. गर्भावस्था के दौरान महिला को नशे से परहेज करना चाहिए. यहां तक कि गर्भवती को धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के पास भी नहीं बैठना चाहिए.

हमीरपुर: जन्म के समय बच्चे का भार ढाई से तीन किलोग्राम होना चाहिए. जबकि हमीरपुर में पैदा होने वाले हर पांचवें बच्चे का वजन ढाई किलोग्राम से कम है. कम वजन होने से नवजात बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सही पोषण न मिलने के कारण भ्रूण का गर्भ में विकास नहीं हो पा रहा. जिसकी वजह से बच्चा कमजोर पैदा हो रहा है.

वीडियो.

विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से नवजात बच्चों में देखी जा रही एस समस्या के बारे में जागरूक किया जा रहा है. हालांकि जागरूकता के बावजूद हमीरपुर का बचपन कमजोर है. बता दें कि नवजात के कम वजन होने से भविष्य में उसे कई तरह की शारीरिक व मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में नवजात के बीमारी से जल्द ग्रसित होने के चांस भी बढ़ जाते हैं.अंडरवेट पैदा होने पर बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है. यही कारण है कि रोग उसे जल्दी जकड़ लेते हैं. गर्भावस्था में शिशु का वजन बढ़ना या घटना उसकी माता के खानपान पर निर्भर करता है. शिशु की मां अगर सही सुंतलित आहर ले तो बच्चे का वजन कम नहीं हो सकता.

सामने आए आंकड़ों के बाद विभाग अब आगामी रणनीति बनाएगा. महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी तिलक राज आचार्य ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है, ताकि महिलाएं गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार लें.

ऐसे बढ़ाएं बच्चे का वजन
गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन लगातार बढ़ना चाहिए. गर्भधारण के तीन महीने में एक किलोग्राम, अगले तीन महीने में पांच किलोग्राम और आगामी तीन महीने में पांच किलोग्राम वजन बढ़ना चाहिए. गर्भावस्था के दौरान महिला का 11 किलोग्राम वजन बढ़ना चाहिए. गर्भधारण के दौरान यदि गर्भवती महिला का वजन नहीं बढ़ रहा तो महिला को प्रोटीनयुक्त भोजन खाना चाहिए. गर्भवती महिला के आहार में दालें, अंडे, मीट व मछली शामिल करना चाहिए. शारीरिक दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.

गर्भावस्था में महिलाएं क्या न करें
आधुनिकता के दौर में महिलाओं द्वारा धूम्रपान और शराब का सेवन आम बात हो चुकी है. अगर गर्भवती महिला नशे का सेवन करती है, तो इसका बुरा असर पेट में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है. गर्भावस्था के दौरान महिला को नशे से परहेज करना चाहिए. यहां तक कि गर्भवती को धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के पास भी नहीं बैठना चाहिए.

Intro:पोषण अभियान में खुलासा: हमीरपुर में पैदा हो रहा हर पांचवा बच्चा अंडरवेट
हमीरपुर.
पोषण अभियान सर्वे में हमीरपुर जिला में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. जिला में पैदा होने वाला हर पांचवां बच्चा कमजोर है। बताया जा रहा है कि सही पोषण न मिलने के कारण भ्रूण का गर्भ में विकास नहीं हो पा रहा। बाद में बच्चा कमजोर पैदा हो रहा है। सर्वे के दौरान पाया गया कि जिला में 19.4 फीसदी बच्चों का जन्म के समय भार बहुत कम है। जन्म के समय बच्चे का भार 2.50 से तीन किलोग्राम होना चाहिए। पैदा होने वाले हरेक पांचवें बच्चे का वजन 2.50 किलोग्राम से कम है। कम वजन होने से नवजात बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कंेद्रों के माध्यम से इसके बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जागरूकता के बावजूद हमीरपुर का बचपन कमजोर है। अगर बच्चा बचपन से कमजोर होगा तो भविष्य में उसे कई तरह की शारीरिक व मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। बीमारी से जल्दी ग्रसित होने के चांस भी बढ़ जाते हैं। अंडरवेट पैदा होने पर बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। यही कारण है कि रोग उसे जल्दी जकड़ लेते हैं। गर्भावस्था में शिशु का वजन बढ़ना या घटना उसकी माता के खानपान पर निर्भर करता है। शिशु की मां अगर सही सुंतलित आहर ले तो बच्चे का वजन कम नहीं हो सकता। फिलहाल सामने आए आंकड़ों के बाद विभाग अब आगामी रणनीति बनाएगा। 


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महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी तिलक राज आचार्य ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है ताकि महिलाएं गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार लें.

ऐसे बढ़ाएं बच्चे का वजन
गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन लगातार बढ़ना चाहिए। गर्भधारण के तीन महीने में एक किलोग्राम, अगले तीन महीने में पांच किलोग्राम तथा आगामी तीन माह में पांच किलोग्राम वजन महिला का बढ़ना चाहिए। पूरे प्रेग्नेेंसी पीरियड में 11 किलोग्राम वजन महिला का बढ़ना चाहिए। इससे बच्चा स्वस्थ्य पैदा होगा। अगर वजन नहीं बढ़ रहा तो महिला को प्रोटीनयुक्त भोजन करना चाहिए। दालें, अंडे, मीट व मछली खाएं। यदि इसके अलावा कोई शारीरिक दिक्कत हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।

गर्भावस्था में महिलाएं क्या न करें
गर्भावस्था के दौरान महिला को बिलकुल भी धूम्रपान नहीं करना चाहिए। यहां तक की धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के नजदीक भी न बैठें। अल्कोहल का सेवन भी बच्चे के लिए घातक है। मादक पदार्थों से पूरी तरह परहेज करें।



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