हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू से मुलाकात की. संघ के पदाधिकारियों ने आयोग को भंग किए जाने के बाद कर्मचारियों को पेश आ रही समस्याओं के सिलसिले में सर्किट हाउस हमीरपुर में मुलाकात की है. पदाधिकारियों का कहना है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग भी गई है.
कर्मचारी संघ ने इस मुलाकात के दौरान सौंपे गए ज्ञापन में यह कहा है कि आरोपी उमा आजाद को आयोग द्वारा वर्ष 2012 में किया गया था, जिसकी बहाली के आदेश भी प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार हुए हैं. सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध आयोग के कर्मचारियों ने मामला उच्च न्यायलय में दायर कर रखा है जो कि अभी तक न्यायलय में विधाराधीन है. संघ पदाधिकारियों का कहना है आयोग के अधिकतर कर्मचारियों के बच्चे हमीरपुर स्थित विभिन्न शिक्षण संस्थानों में दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षाओं में अध्ययनरत है जिनकी पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. संघ ने प्रदेश सरकार से आग्रह है किया है कि आयोग से संबंधित कर्मचारियों व प्रदेश के बेरोजगार युवकों के हितों को ध्यान में रखते हुए आयोग की कार्यप्रणाली में आवश्यक संशोधन करके और पारदर्शी व्यवस्था अपनाते हुए आयोग को पुनः बहाल करने के बारे में शीघ्र निर्णय लें. ताकि लंबित व आगामी भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र-अतिशीघ्र पूर्ण किया जा सके.
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग कर्मचारी संघ के महासचिव जोगिंदर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा बिट्टू से संघ पदाधिकारियों ने मुलाकात की है. उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के दौरान कर्मचारियों को पेश आ रही समस्याओं से उन्हें अवगत करवाया गया है. साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई गई है. उन्होंने कहा कि अगर आयोग में कार्यरत कर्मचारियों को अन्य विभागों में भेजा जाता है तो उनकी वरिष्ठता व पदोन्नति से सम्बन्धित मामले सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. जिसके कारण उन्हें भविष्य में होने वाले लाभों से पूर्णतय वंचित होना पड़ेगा.
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