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Hamirpur Paper Leak Case: पूर्व सचिव जितेंद्र कमर 17 मई तक न्यायिक हिरासत में, भाई-बहन को इस दिन तक न्यायिक हिरासत - पूर्व सचिव जितेंद्र कमर की न्यायिक हिरासत बढ़ी

हमीरपुर पेपर लीक मामले में आरोपी पूर्व सचिव जितेंद्र कमर की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया गया है. वहीं, जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट आईटी पोस्ट कोड 939 में मुख्य आरोपी उम्र आजाद के पड़ोसी भाई- बहन को भी न्यायिक हिरासत भेजा गया है.

हमीरपुर पेपर लीक प्रकरण
हमीरपुर पेपर लीक प्रकरण
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Published : May 5, 2023, 9:33 AM IST

हमीरपुर: हमीरपुर पेपर लीक मामले में आरोपी पूर्व सचिव जितेंद्र कमर की न्यायिक हिरासत को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है. जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट आईटी पोस्ट कोड 939 में मुख्य आरोपी उम्र आजाद के पड़ोसी भाई- बहन को भी 17 मई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. 29 अप्रैल को कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक प्रकरण में मुख्य आरोपी उमा आजाद के पड़ोसी भाई -बहन गोपाल और नीतू को गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों ने पोस्टकोड 939 की परीक्षा को उत्तीर्ण किया था.

आरोपियों ने उमा आजाद से खरीदा था पेपर: दोनों ही आरोपियों ने उमा आजाद के जरिए पेपर खरीदा था. इस पोस्टकोड में 2 चपरासी, चपरासी के बेटे, भतीजे और उमा आजाद की भांजी और दलाल की पत्नी समेत कुल 8 लोगों को अभी तक विजिलेंस गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं, पेपर लीक प्रकरण में दर्ज प्रथम एफआईआर में नामजद किए गए आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर की न्यायिक हिरासत को एक बार फिर अदालत ने बढ़ा दिया.

अभी तक पूर्व सचिव निलंबित नहीं: अभी तक पूर्व सचिव को निलंबित नहीं किया है , जबकि पुलिस रिमांड के बाद दोबारा उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. पूर्व सचिव को जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 965 के मामले में दर्ज एफआईआर. में नामजद किया गया था. इस मामले में 23 दिसंबर को पेपर लीक प्रकरण की पहली एफआईआर. दर्ज की गई थी. प्रदेश सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था.अभी तक पेपर लीक प्रकरण में से एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, लेकिन अधिकारी को निलंबित नहीं किया जाना अभी तक बड़ा सवाल बना हुआ है.

सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की: इस मामले की मुख्य आरोपी कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात वरिष्ठ सहायक उमा आजाद को भी निलंबित कर दिया गया है. पेपर लीक मामले में भर्ती परीक्षाओं का पर्चा खरीद कर नौकरी हासिल करने वाले एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई है. मामले में सरकार की तरफ से सख्त कार्रवाई की गई ,लेकिन पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर पर अभी तक विभागीय या सरकार स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

अभी तक 6 एफआईआर दर्ज: अभी तक 6 एफआईआर पेपर लीक प्रकरण में दर्ज की जा चुकी है इस मामले में अभी तक कुल 20 के लगभग पोस्ट कोड की जांच विजिलेंस की टीम कर रही है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में अन्य कई भर्ती परीक्षाओं के मामले में एफआईआर दर्ज की जा सकती है.

ये भी पढ़ें : कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर बंद होने से अभ्यर्थी परेशान, सीएम से मिलने पहुंचे युवकों ने की ये मांग

हमीरपुर: हमीरपुर पेपर लीक मामले में आरोपी पूर्व सचिव जितेंद्र कमर की न्यायिक हिरासत को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है. जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट आईटी पोस्ट कोड 939 में मुख्य आरोपी उम्र आजाद के पड़ोसी भाई- बहन को भी 17 मई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. 29 अप्रैल को कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक प्रकरण में मुख्य आरोपी उमा आजाद के पड़ोसी भाई -बहन गोपाल और नीतू को गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों ने पोस्टकोड 939 की परीक्षा को उत्तीर्ण किया था.

आरोपियों ने उमा आजाद से खरीदा था पेपर: दोनों ही आरोपियों ने उमा आजाद के जरिए पेपर खरीदा था. इस पोस्टकोड में 2 चपरासी, चपरासी के बेटे, भतीजे और उमा आजाद की भांजी और दलाल की पत्नी समेत कुल 8 लोगों को अभी तक विजिलेंस गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं, पेपर लीक प्रकरण में दर्ज प्रथम एफआईआर में नामजद किए गए आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर की न्यायिक हिरासत को एक बार फिर अदालत ने बढ़ा दिया.

अभी तक पूर्व सचिव निलंबित नहीं: अभी तक पूर्व सचिव को निलंबित नहीं किया है , जबकि पुलिस रिमांड के बाद दोबारा उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. पूर्व सचिव को जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 965 के मामले में दर्ज एफआईआर. में नामजद किया गया था. इस मामले में 23 दिसंबर को पेपर लीक प्रकरण की पहली एफआईआर. दर्ज की गई थी. प्रदेश सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था.अभी तक पेपर लीक प्रकरण में से एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, लेकिन अधिकारी को निलंबित नहीं किया जाना अभी तक बड़ा सवाल बना हुआ है.

सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की: इस मामले की मुख्य आरोपी कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात वरिष्ठ सहायक उमा आजाद को भी निलंबित कर दिया गया है. पेपर लीक मामले में भर्ती परीक्षाओं का पर्चा खरीद कर नौकरी हासिल करने वाले एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई है. मामले में सरकार की तरफ से सख्त कार्रवाई की गई ,लेकिन पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर पर अभी तक विभागीय या सरकार स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

अभी तक 6 एफआईआर दर्ज: अभी तक 6 एफआईआर पेपर लीक प्रकरण में दर्ज की जा चुकी है इस मामले में अभी तक कुल 20 के लगभग पोस्ट कोड की जांच विजिलेंस की टीम कर रही है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में अन्य कई भर्ती परीक्षाओं के मामले में एफआईआर दर्ज की जा सकती है.

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