हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद कथित लापरवाही का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. यहां पर प्रशिक्षित नर्सिंग एसोसिएशन ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाए थे. वहीं, अब इस मामले में हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला इकाई ने भी हस्तक्षेप करते हुए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को चेताया है.
महासंघ के पदाधिकारियों ने कड़े शब्दों में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की निंदा की है. साथ ही इस तरह की कार्यशैली में सुधार न लाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला इकाई हमीरपुर के प्रधान अरविंद मोदगिल ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से स्टाफ नर्सेज और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पॉजिटिव आए हैं. प्रबंधन के इस कार्य की लापरवाही की महासंघ कड़ी निंदा करता है.
अरविंद मोदगिल ने कहा कि कोरोना संक्रमित पाई गई महिला के संपर्क में आए सभी डॉक्टरों को गृह संगरोध में भेज दिया गया, लेकिन कुछ स्टाफ को कोरोना सैंपल देने के बावजूद भी ड्यूटी पर बुलाया गया. महासंघ इसकी कड़ी निंदा करता है. उन्होंने कहा कि वह प्रशासन से मांग करते हैं कि दोहरे मापदंड कार्य में ना अपनाए जाएं. इन गलतियों में सुधार न करने पर महासंघ धरना और प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेगा.
आपको बता दें कि जिला में अब तक कुल 18 से अधिक कोरोना वॉरियर्स इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं. ऐसे में स्वास्थ्य संस्थान मेडिकल कॉलेज में लापरवाही बरता जाना मेडिकल स्टाफ ही नहीं बल्कि मरीजों और तीमारदारों पर भी भारी पड़ सकता है. मेडिकल कॉलेज की इस लापरवाही से अब जिला में सामुदायिक संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है. इसके चलते अब कर्मचारी संगठनों के साथ ही सामाजिक संस्थाओं ने जिला प्रशासन से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है.
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