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हमीरपुर में आवारा कुत्तों का आतंक, लेकिन नगर परिषद की कोशिश सिर्फ टैक्स लगाने तक सीमित - नगर परिषद हमीरपुर

हमीरपुर में इन दिनों आवारा कुत्ते सबसे बड़ी समस्या बने हुए हैं. लोग दहशत में है क्योंकि आवारा कुत्तों के हमले में पिछले महीने एक मासूम बच्ची की मौत हो चुकी है. साथ ही आवारा कुत्तों के काटने के मामले अब भी सामने आते हैं. लेकिन नगर परिषद हमीरपुर के पास इस समस्या का कोई समाधान नहीं है.

हमीरपुर में आवारा कुत्तों का आतंक
हमीरपुर में आवारा कुत्तों का आतंक
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Published : Dec 22, 2022, 8:54 PM IST

हमीरपुर में आवारा कुत्तों का आतंक.

हमीरपुर : शहर में आवारा कुत्ते बड़ी समस्या बने हुए हैं. हमीरपुर में आवारा कुत्तों का आतंक इतना है कि नवंबर महीने में एक 3 साल की मासूम बच्ची की आवारा कुत्तों के हमले में मौत हो गई. लेकिन आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर स्थानीय प्रशासन की संजीदगी सवालों में है. शहर में आवारा कुत्ते बड़ी समस्या है, बच्ची की मौत के बाद नगर परिषद को मानवाधिकार आयोग का नोटिस भी मिल चुका है लेकिन नगर परिषद के पास इस समस्या का कोई समाधान नहीं है. (stray dogs problem in hamirpur)

नगर परिषद हमीरपुर के पदाधिकारियों और अधिकारियों ने पिछले दिनों बैठक आयोजित कर पालतू कुत्तों के लिए टैक्स तो तय कर दिए हैं लेकिन लावारिस कुत्तों की समस्या का समाधान कैसे होगा इस पर जमीनी स्तर पर कोई प्रयास नहीं दिख रहे हैं. आवारा कुत्तों की तादाद चिंता का विषय है जिसपर पदाधिकारियों की बैठक में चिंतन तो हो रहा है लेकिन समाधान के नाम पर सिर्फ दावे हैं जो धरातल पर कहीं नहीं दिख रहे. ये संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही है कि लावारिस कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए एक मासूम बच्ची की मौत के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है. औपचारिक तौर पर अभी तक स्थानीय जिला प्रशासन और नगर परिषद तथा संबंधित विभाग की कोई बैठक इस विषय पर नहीं हुई है. (Municipal Council Hamirpur)

एक अनुमान के मुताबिक हमीरपुर शहर में 250 के लगभग स्ट्रे डॉग्स है. बच्ची की दर्दनाक मौत के बावजूद इस भयंकर समस्या से निपटने के लिए घटना के करीब एक महीने बाद भी कोई रोड मैप प्रशासन और विभाग तय नहीं कर पाया है. मासूम बच्ची की मौत के बावजूद प्रशासनिक संवेदनहीनता को लेकर यहां पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की तरफ से संबंधित विभागों के अधिकारियों से औपचारिक तौर पर इस समस्या के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाने की जहमत नहीं की गई. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अधिकारियों की बैठक अथवा समस्या के समाधान के लिए कोई कदम उठाने के लिए एक मासूम बच्ची की मौत काफी नहीं है या फिर प्रशासन किसी और अनहोनी का इंतजार कर रहा है.

नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी अक्षित गुप्ता ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए नगर परिषद हमीरपुर के मासिक हाउस में चर्चा हुई है. जल्द ही डॉग कैचर अभियान चलाया जाएगा और कुत्तों की नसबंदी की जाएगी इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता वीना कपिल का कहना है कि शहर में सुबह सैर करने में भी लावारिस कुत्तों की वजह से समस्या पेश आ रही है. इस समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन संबंधित व पशुपालन विभाग और नगर परिषद हमीरपुर को मिल बैठकर प्रयास करने चाहिए. लोगों में लावारिस कुत्तों की वजह से दहशत है.

हमीरपुर में आवारा कुत्ते बड़ी समस्या है. वार्ड नंबर 8 के निवासी एडवोकेट सुशील शर्मा का कहना है कि शहर में आए दिन लोगों को कुत्तों द्वारा काटने की घटनाएं सामने आती है लगभग हर दिन इस तरह की खबर किसी न किसी वार्ड से सामने आती है. उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले इन कुत्तों के इस समस्या के समाधान के लिए नसबंदी का प्रयास किया गया था लेकिन नगर परिषद उस कार्य को पूरा नहीं कर पाई है. अपने राजस्व में बढ़ोतरी करने के लिए पालतू कुत्तों पर टैक्स लगाना नगर परिषद का अधिकार क्षेत्र है लेकिन समस्या आवारा कुत्तों की है उसके समाधान के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. हमीरपुर के वार्ड नंबर एक निवासी विशाल राणा का कहना है कि इस समस्या के समाधान के लिए साइंटिफिक अप्रोच के साथ प्रयास किए जाने की जरूरत है एक ज्वाइंट ऑपरेशन संबंधित विभागों को चलाना चाहिए जिसमें कारगर तरीके से जमीनी स्तर पर इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास किए जाने चाहिए.

ये भी पढ़ें: शिमला में आम हुआ 'जाम', जनता परेशान, 1 KM के लिए 35 से 50 मिनट का लग रहा टाइम

हमीरपुर में आवारा कुत्तों का आतंक.

हमीरपुर : शहर में आवारा कुत्ते बड़ी समस्या बने हुए हैं. हमीरपुर में आवारा कुत्तों का आतंक इतना है कि नवंबर महीने में एक 3 साल की मासूम बच्ची की आवारा कुत्तों के हमले में मौत हो गई. लेकिन आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर स्थानीय प्रशासन की संजीदगी सवालों में है. शहर में आवारा कुत्ते बड़ी समस्या है, बच्ची की मौत के बाद नगर परिषद को मानवाधिकार आयोग का नोटिस भी मिल चुका है लेकिन नगर परिषद के पास इस समस्या का कोई समाधान नहीं है. (stray dogs problem in hamirpur)

नगर परिषद हमीरपुर के पदाधिकारियों और अधिकारियों ने पिछले दिनों बैठक आयोजित कर पालतू कुत्तों के लिए टैक्स तो तय कर दिए हैं लेकिन लावारिस कुत्तों की समस्या का समाधान कैसे होगा इस पर जमीनी स्तर पर कोई प्रयास नहीं दिख रहे हैं. आवारा कुत्तों की तादाद चिंता का विषय है जिसपर पदाधिकारियों की बैठक में चिंतन तो हो रहा है लेकिन समाधान के नाम पर सिर्फ दावे हैं जो धरातल पर कहीं नहीं दिख रहे. ये संवेदनहीनता की पराकाष्ठा ही है कि लावारिस कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए एक मासूम बच्ची की मौत के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है. औपचारिक तौर पर अभी तक स्थानीय जिला प्रशासन और नगर परिषद तथा संबंधित विभाग की कोई बैठक इस विषय पर नहीं हुई है. (Municipal Council Hamirpur)

एक अनुमान के मुताबिक हमीरपुर शहर में 250 के लगभग स्ट्रे डॉग्स है. बच्ची की दर्दनाक मौत के बावजूद इस भयंकर समस्या से निपटने के लिए घटना के करीब एक महीने बाद भी कोई रोड मैप प्रशासन और विभाग तय नहीं कर पाया है. मासूम बच्ची की मौत के बावजूद प्रशासनिक संवेदनहीनता को लेकर यहां पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. किसी भी जिम्मेदार अधिकारी की तरफ से संबंधित विभागों के अधिकारियों से औपचारिक तौर पर इस समस्या के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाने की जहमत नहीं की गई. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अधिकारियों की बैठक अथवा समस्या के समाधान के लिए कोई कदम उठाने के लिए एक मासूम बच्ची की मौत काफी नहीं है या फिर प्रशासन किसी और अनहोनी का इंतजार कर रहा है.

नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी अक्षित गुप्ता ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए नगर परिषद हमीरपुर के मासिक हाउस में चर्चा हुई है. जल्द ही डॉग कैचर अभियान चलाया जाएगा और कुत्तों की नसबंदी की जाएगी इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता वीना कपिल का कहना है कि शहर में सुबह सैर करने में भी लावारिस कुत्तों की वजह से समस्या पेश आ रही है. इस समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन संबंधित व पशुपालन विभाग और नगर परिषद हमीरपुर को मिल बैठकर प्रयास करने चाहिए. लोगों में लावारिस कुत्तों की वजह से दहशत है.

हमीरपुर में आवारा कुत्ते बड़ी समस्या है. वार्ड नंबर 8 के निवासी एडवोकेट सुशील शर्मा का कहना है कि शहर में आए दिन लोगों को कुत्तों द्वारा काटने की घटनाएं सामने आती है लगभग हर दिन इस तरह की खबर किसी न किसी वार्ड से सामने आती है. उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले इन कुत्तों के इस समस्या के समाधान के लिए नसबंदी का प्रयास किया गया था लेकिन नगर परिषद उस कार्य को पूरा नहीं कर पाई है. अपने राजस्व में बढ़ोतरी करने के लिए पालतू कुत्तों पर टैक्स लगाना नगर परिषद का अधिकार क्षेत्र है लेकिन समस्या आवारा कुत्तों की है उसके समाधान के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. हमीरपुर के वार्ड नंबर एक निवासी विशाल राणा का कहना है कि इस समस्या के समाधान के लिए साइंटिफिक अप्रोच के साथ प्रयास किए जाने की जरूरत है एक ज्वाइंट ऑपरेशन संबंधित विभागों को चलाना चाहिए जिसमें कारगर तरीके से जमीनी स्तर पर इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास किए जाने चाहिए.

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