हमीरपुर: जिला में जबरन पंचायतों को बीपीएल मुक्त करने पर अब पंचायत सचिवों पर गाज गिरेगी. बता दें कि इन दिनों एक-दूसरे पंचायतों की देखादेखी में अपनी पंचायत को बीपीएल मुक्त पंचायत बनाने की होड़ में पात्र परिवारों को बीपीएल सूची से हटाने की शिकायतें मिल रही हैं. इस पर अब जिला प्रशासन ने कड़ी आपत्ति जताई है.
उपायुक्त हरिकेश मीणा ने इस मामले में खंड विकास अधिकारी के माध्यम से पंचायत सचिवों को सख्त हिदायत दी है. डीसी ने कहा है कि अगर कोई दिव्यांग, गंभीर बीमारी से पीड़ित निर्धन पात्र परिवार बीपीएल सूची से हटाया गया, तो संबंधित पंचायत सचिव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पात्र परिवारों को बीपीएल सूची से हटाने की लगातार उपायुक्त को शिकायतें मिल रही थी. जिस पर एक्शन लेते हुए उपायुक्त ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी जारी की है.
ये भी पढ़ें: 9 महीने बाद मनाली काजा बस सेवा शुरू, पर्यटन कारोबारियों ने ली राहत की सांस
बता दें कि पिछले दिनों ग्राम पंचायत सौर, उप-तहसील भोटा से एक दिव्यांग अधेड़ व्यक्ति उपायुक्त के समक्ष शिकायत लेकर आया. भगवान दास ने बताया कि वह दिव्यांग है और दिहाड़ी करने वाले छोटे बेटे के साथ रहता है. परिवार में आय का कोई साधन नहीं है. बावजूद इसके पंचायत ने उनका नाम बीपीएल सूची से हटा दिया. पीड़ित ने उपायुक्त से उचित कार्रवाई करने की गुहार लगाई. इससे पहले ग्राम पंचायत चमनेड़ में भी पात्र परिवारों को बीपीएल सूची से हटाने की शिकायत प्रशासन को मिली थी. आए दिन जिला प्रशासन के पास इस तरह की शिकायतें पहुंच रही हैं.
ये भी पढ़ें: शिमला के कारोबारी से चंडीगढ़ के गैंग ने मांगी 10 करोड़ की रंगदारी, बच्चों को मारने की दी धमकी
वहीं, उपायुक्त हरिकेश मीणा ने मामले को गंभीर लेते हुए कहा कि अगर गंभीर बीमारी से पीड़ित और दिव्यांग निर्धन पात्र परिवारों को बीपीएल सूची से जबरन हटाया तो पंचायत सचिव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.