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Hamirpur Farmer Prakash Chand: सेना से रिटायर प्रकाश चंद ने पेश की मिसाल, 70 की उम्र में कर रहे दोहरी खेती, हर साल हो रही लाखों की कमाई - hamirpur farmer Prakash Chand

जिस उम्र में लोग ज्यादा चलने और काम करने की हिम्मत नहीं करते हैं. उस उम्र में हमीरपुर के प्रकाश चंद युवाओं को मात दे रहे हैं. 70 साल की आयु में वो एक साथ दोहरी खेती कर रहे हैं. प्रकाश बागवानी और खेती का सारा काम अकेले ही करते हैं. साथ ही हर साल लाखों की कमाई करते हैं. (Hamirpur Prakash Chand doing gardening and farming) (gardening and farming in Hamirpur)

Hamirpur Farmer Prakash Chand
सेना से रिटायर प्रकाश चंद ने पेश की मिसाल
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 18, 2023, 7:56 PM IST

Updated : Sep 18, 2023, 9:31 PM IST

सेना से रिटायर प्रकाश चंद ने पेश की मिसाल, 70 की उम्र में कर रहे दोहरी खेती

हमीरपुर: वीर भूमि हमीरपुर के सेना से रिटायर कैप्टन प्रकाश चंद 70 साल की उम्र में दोहरी खेती कर दूसरों के लिए मिसाल कायम कर रहे हैं. कैहड़रू गांव के रहने वाले प्रकाश इस उम्र में युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. प्रकाश एक साथ खेती और बागवानी दोनों कर रहे हैं. बगानों में अनार के पौधे भी लगे हैं. वहीं, खाली जगह पर अदरक, कचालू, सोयाबीन और गोभी की खेती कर रहे हैं. जिससे उन्हें हर साल लाखों की कमाई हो रही है.

एक साथ बागवानी और खेती: प्रकाश चंद बागवानी और खेती दोनों एक साथ कर रहे हैं. मौसमी और अनार के पौधों पर लगे फलों के अच्छे दाम मिल रहे हैं. वहीं, क्विंटल के हिसाब से कचालू की फसल का भी उत्पादन हो रहा है. कैप्टन प्रकाश चंद के परिवार को न तो कभी दुकान से सब्जी खरीदना पड़ता है और न ही टमाटर और प्याज के लिए मंडी जाना पड़ता है. वे हर चीजों की खेती अपने 20 कनाल के बगीचे में ही कर रहे हैं. कैप्टन प्रकाश चंद 70 साल की आयु में भी बागवानी कर लाखों रुपये घर बैठे कमा रहे हैं.

Hamirpur Farmer Prakash Chand
सेना से रिटायर प्रकाश चंद ने कर रहे दोहरी खेती

70 की उम्र में भी खेती-बागवानी: 70 वर्षीय रिटायर कैप्टन प्रकाश चंद ने साल 2019 में एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत बागवानी करने का निर्णय लिया. एचपी प्रोजेक्ट के तहत किसानों को बागबानी करने के टिप्स और आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाती है. प्रकाश चंद ने बताया कि वे बगीचे में ही फसलों और सब्जियों की बिजाई करते हैं. जिससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त होती है. प्रकाश चंद्र ने बताया वह रोज सुबह 5 बजे उठ जाते हैं और अपनी बागवानी का कामकाज अकेले ही करते हैं. जो किसान अपनी जमीनों को खाली छोड़ रहे हैं, उन किसानों को बागवानी अपनानी चाहिए. जिससे उन्हें काफी अधिक आय होगी.

Hamirpur Farmer Prakash Chand
एक साथ बागवानी और खेती का प्रयोग

पारंपरिक खेती की जगह बागवानी: उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यतः मक्की और गेहूं की बिजाई की जाती है, लेकिन इससे किसानों को उतनी आमदनी नहीं हो पाती है. जिस कारण किसान खेतीबाड़ी छोड़ रहे हैं. उन्होंने किसानों को नसीहत दी है कि पारंपरिक खेती को छोड़कर अपनी जमीनों में बागवानी का काम करें. जिससे उन्हें लाखों रुपए की आमदनी घर बैठे ही प्राप्त होगी. जमीन को हरा भरा देखकर मन खुश होता है. मुझे आमदनी से कोई लगाव नहीं है.

Hamirpur Farmer Prakash Chand
20 कनाल भूमि में खेती से प्रकाश चंद कमा रहे लाखों रुपये

20 कनाल में मौसमी और अनार की खेती: एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत ही कैप्टन प्रकाश चंद ने बंजर पड़ी 20 कनाल भूमि पर मौसमी और अनार के पौधे लगाए. जिनकी देख-रेख 70 साल कैप्टन प्रकाश चंद स्वयं करते हैं. बीते तीन वर्षों से कैप्टन प्रकाश चंद मौसम्मी और अनार की फसल से लाखों रुपए की आमदनी कर चुके हैं. इस वर्ष भी कैप्टन को मौसमी की बंपर फसल होने की उम्मीद है. क्योंकि इस बार मौसमी के पौधे में बहुत सारे फल लगे हैं, जो पिछले सालों की अपेक्षा काफी अधिक है. यही नहीं प्रकाश चंद अपने बगीचे में ही मौसमी और अनार के साथ-साथ सब्जी उत्पादन का काम भी कर रहे हैं. जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी हो रही है. आमदनी से उन्हें कोई खास लगाव नहीं है, लेकिन जमीन को हरा भरा देखकर उन्हें बेहद खुशी होती है.

Hamirpur Farmer Prakash Chand
बगान में लगाए मौसमी के 600 पौधे

एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को मदद: कैप्टन प्रकाश चंद ने बताया कि एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा संचालित एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को बागवानी करने के लिए सहायता दी जा रही है. इसी कड़ी के तहत उन्होंने उद्यान विभाग से संपर्क किया और बगीचा लगाने की सलाह दी गई. अगस्त 2019 में 600 मौसमी के पौधे और 300 अनार के पौधे लगाए, जो महाराष्ट्र से उद्यान विभाग द्वारा मंगवाए गए थे. उसके बाद उद्यान विभाग ने उन्हें बागवानी करने के टिप्स दिए गए. परिणाम स्वरूप सभी पौधे सफल रहे.

बागवानी-खेती से लाखों की कमाई: बागवान कैप्टन प्रकाश चंद ने बताया दूसरे साल बगीचे से उन्होंने 50 हजार रुपये की मौसमी और 10 हजार रुपए के अनार बिक्री किए. जबकि तीसरे साल बगीचे डेढ़ लाख रुपये की मौसमी और करीब 35 हजार रुपये के अनार बिक्री किए. प्रकाश चंद ने बताया कि बगीचे को इस वर्ष 4 साल होने वाले हैं, लेकिन इस बार भारी बारिश के चलते अनार की फसल कम हुई है. जबकि मौसमी की फसल बंपर होने की उम्मीद है. क्योंकि सभी पौधों पर बहुत ज्यादा फल लगे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष तीन से चार लाख रुपए की आमदनी होगी.

बगीचे में फल और सब्जियों का उत्पादन: बागवान प्रकाश चंद की पत्नी कश्मीरा देवी ने बताया कि वह खेती में थोड़ी बहुत मदद करती हैं, लेकिन अधिकतर काम उनके पति ही करते हैं. वह सुबह 5 बजे उठकर खेतों में चले जाते हैं और दिनभर काम में लगे रहते हैं. उन्होंने जब से बगीचा लगाया है कि उन्हें काफी आमदनी हो रही है. कश्मीरा ने कहा कि बगीचे में अतिरिक्त साग सब्जियां भी लगते हैं. जिनकी भी काफी पैदावार होती है.

ये भी पढ़ें: Products Made from Coconut Waste: जीवानंद शर्मा की कला देख हो जाएंगे हैरान, नारियल के वेस्ट टुकड़ों से बनाया कप-प्लेट और सजावटी सामान

सेना से रिटायर प्रकाश चंद ने पेश की मिसाल, 70 की उम्र में कर रहे दोहरी खेती

हमीरपुर: वीर भूमि हमीरपुर के सेना से रिटायर कैप्टन प्रकाश चंद 70 साल की उम्र में दोहरी खेती कर दूसरों के लिए मिसाल कायम कर रहे हैं. कैहड़रू गांव के रहने वाले प्रकाश इस उम्र में युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. प्रकाश एक साथ खेती और बागवानी दोनों कर रहे हैं. बगानों में अनार के पौधे भी लगे हैं. वहीं, खाली जगह पर अदरक, कचालू, सोयाबीन और गोभी की खेती कर रहे हैं. जिससे उन्हें हर साल लाखों की कमाई हो रही है.

एक साथ बागवानी और खेती: प्रकाश चंद बागवानी और खेती दोनों एक साथ कर रहे हैं. मौसमी और अनार के पौधों पर लगे फलों के अच्छे दाम मिल रहे हैं. वहीं, क्विंटल के हिसाब से कचालू की फसल का भी उत्पादन हो रहा है. कैप्टन प्रकाश चंद के परिवार को न तो कभी दुकान से सब्जी खरीदना पड़ता है और न ही टमाटर और प्याज के लिए मंडी जाना पड़ता है. वे हर चीजों की खेती अपने 20 कनाल के बगीचे में ही कर रहे हैं. कैप्टन प्रकाश चंद 70 साल की आयु में भी बागवानी कर लाखों रुपये घर बैठे कमा रहे हैं.

Hamirpur Farmer Prakash Chand
सेना से रिटायर प्रकाश चंद ने कर रहे दोहरी खेती

70 की उम्र में भी खेती-बागवानी: 70 वर्षीय रिटायर कैप्टन प्रकाश चंद ने साल 2019 में एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत बागवानी करने का निर्णय लिया. एचपी प्रोजेक्ट के तहत किसानों को बागबानी करने के टिप्स और आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाती है. प्रकाश चंद ने बताया कि वे बगीचे में ही फसलों और सब्जियों की बिजाई करते हैं. जिससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त होती है. प्रकाश चंद्र ने बताया वह रोज सुबह 5 बजे उठ जाते हैं और अपनी बागवानी का कामकाज अकेले ही करते हैं. जो किसान अपनी जमीनों को खाली छोड़ रहे हैं, उन किसानों को बागवानी अपनानी चाहिए. जिससे उन्हें काफी अधिक आय होगी.

Hamirpur Farmer Prakash Chand
एक साथ बागवानी और खेती का प्रयोग

पारंपरिक खेती की जगह बागवानी: उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यतः मक्की और गेहूं की बिजाई की जाती है, लेकिन इससे किसानों को उतनी आमदनी नहीं हो पाती है. जिस कारण किसान खेतीबाड़ी छोड़ रहे हैं. उन्होंने किसानों को नसीहत दी है कि पारंपरिक खेती को छोड़कर अपनी जमीनों में बागवानी का काम करें. जिससे उन्हें लाखों रुपए की आमदनी घर बैठे ही प्राप्त होगी. जमीन को हरा भरा देखकर मन खुश होता है. मुझे आमदनी से कोई लगाव नहीं है.

Hamirpur Farmer Prakash Chand
20 कनाल भूमि में खेती से प्रकाश चंद कमा रहे लाखों रुपये

20 कनाल में मौसमी और अनार की खेती: एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत ही कैप्टन प्रकाश चंद ने बंजर पड़ी 20 कनाल भूमि पर मौसमी और अनार के पौधे लगाए. जिनकी देख-रेख 70 साल कैप्टन प्रकाश चंद स्वयं करते हैं. बीते तीन वर्षों से कैप्टन प्रकाश चंद मौसम्मी और अनार की फसल से लाखों रुपए की आमदनी कर चुके हैं. इस वर्ष भी कैप्टन को मौसमी की बंपर फसल होने की उम्मीद है. क्योंकि इस बार मौसमी के पौधे में बहुत सारे फल लगे हैं, जो पिछले सालों की अपेक्षा काफी अधिक है. यही नहीं प्रकाश चंद अपने बगीचे में ही मौसमी और अनार के साथ-साथ सब्जी उत्पादन का काम भी कर रहे हैं. जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी हो रही है. आमदनी से उन्हें कोई खास लगाव नहीं है, लेकिन जमीन को हरा भरा देखकर उन्हें बेहद खुशी होती है.

Hamirpur Farmer Prakash Chand
बगान में लगाए मौसमी के 600 पौधे

एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को मदद: कैप्टन प्रकाश चंद ने बताया कि एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा संचालित एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को बागवानी करने के लिए सहायता दी जा रही है. इसी कड़ी के तहत उन्होंने उद्यान विभाग से संपर्क किया और बगीचा लगाने की सलाह दी गई. अगस्त 2019 में 600 मौसमी के पौधे और 300 अनार के पौधे लगाए, जो महाराष्ट्र से उद्यान विभाग द्वारा मंगवाए गए थे. उसके बाद उद्यान विभाग ने उन्हें बागवानी करने के टिप्स दिए गए. परिणाम स्वरूप सभी पौधे सफल रहे.

बागवानी-खेती से लाखों की कमाई: बागवान कैप्टन प्रकाश चंद ने बताया दूसरे साल बगीचे से उन्होंने 50 हजार रुपये की मौसमी और 10 हजार रुपए के अनार बिक्री किए. जबकि तीसरे साल बगीचे डेढ़ लाख रुपये की मौसमी और करीब 35 हजार रुपये के अनार बिक्री किए. प्रकाश चंद ने बताया कि बगीचे को इस वर्ष 4 साल होने वाले हैं, लेकिन इस बार भारी बारिश के चलते अनार की फसल कम हुई है. जबकि मौसमी की फसल बंपर होने की उम्मीद है. क्योंकि सभी पौधों पर बहुत ज्यादा फल लगे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष तीन से चार लाख रुपए की आमदनी होगी.

बगीचे में फल और सब्जियों का उत्पादन: बागवान प्रकाश चंद की पत्नी कश्मीरा देवी ने बताया कि वह खेती में थोड़ी बहुत मदद करती हैं, लेकिन अधिकतर काम उनके पति ही करते हैं. वह सुबह 5 बजे उठकर खेतों में चले जाते हैं और दिनभर काम में लगे रहते हैं. उन्होंने जब से बगीचा लगाया है कि उन्हें काफी आमदनी हो रही है. कश्मीरा ने कहा कि बगीचे में अतिरिक्त साग सब्जियां भी लगते हैं. जिनकी भी काफी पैदावार होती है.

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Last Updated : Sep 18, 2023, 9:31 PM IST
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