हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के कर्ता-धर्ता वरिष्ठ अधिकारी पर अब मुकदमा चलाने को सरकार ने विजिलेंस और एसआईटी को मंजूरी दे दी है. इस अधिकारी के ऊपर ही कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर का तमाम कार्य निर्भर करता था. प्रशासनिक कार्यों से लेकर कंट्रोलर ऑफ एग्जाम का जिम्मा भी इस अधिकारी के पास ही था. पिछले कल ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बड़ा ऐलान करते हुए कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया था और अगले ही दिन जांच में जुटी एसआईटी को आयोग के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अभियोग चलाने के मंजूरी भी दे दी है. हालांकि इस मामले में जांच में जुटे अधिकारी कोई पुष्टि नहीं कर रहे हैं.
कुछ दिन पहले ही विजिलेंस के तरफ से उक्त अधिकारी के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी सरकार से मांगी गई थी. बताया जा रहा है कि यह अधिकारी परीक्षाओं के आयोजन में मुख्य भूमिका में था. ऐसे में सरकार की मंजूरी के बाद अब अधिकारी पर जल्द ही मुकदमा दर्ज हो सकता है. गौरतलब है कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में सेक्रेटरी और कंट्रोलर ऑफ एग्जाम के रूप में जितेंद्र कंवर पिछले 6 साल से तैनात थे.
लंबे समय तक लगातार उनकी तैनाती को लेकर भी सवाल उठते रहे थे और इस मामले में सीधे तौर पर सचिव को ही उत्तरदायी माना जा रहा था. पेपर लीक मामले में उनके संलिप्त होने के सबूत विजिलेंस की टीम को नहीं मिले थे. लेकिन परीक्षाओं के आयोजन में उनकी अहम भूमिका को देखते हुए यह कार्रवाई तय मानी जा रही थी. जांच में जुटी टीम लंबे समय से उन पर कार्रवाई करने की तैयारी में थी, लेकिन आखिरकार अब सरकार की मंजूरी के बाद वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है.
अब कोर्ट में सप्लीमेंट्री चालान होगा पेश, फिलहाल 8 आरोपी: कुछ दिन पहले ही विजिलेंस ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 965 पेपर लीक मामले में 8 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया है. इसमें मुख्य आरोपी कर्मचारी चयन आयोग के गोपनीय शाखा में तैनात निलंबित महिला कर्मचारी उमा आजाद उसके दो बेटे समेत 8 लोग शामिल हैं. बताया जा रहा है कि तकनीकी तौर पर मामला दर्ज होने के 60 दिन के भीतर कोर्ट में चालान पेश किया गया है ताकि आरोपियों को आसानी से जमानत ना मिल सके. इस मामले में अभी तक 4 आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं. जबकि चार आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. अब इस मामले में वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी मिलने पर सप्लीमेंट्री चालान कोर्ट में पेश किए जाने की संभावना है.
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