हमीरपुरः प्रदेश सरकार की होम क्वारंटाइन की व्यवस्था और नोडल अधिकारियों को मोबाइल देने पर सवाल उठने लगे हैं. सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर कश्मीर ठाकुर ने सरकार के इस कदम को जनता के खून पसीने की कमाई की बर्बादी करार दिया है.
ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर ठाकुर ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस के नियंत्रण को लेकर बिल्कुल भी संजीदा नहीं है. देश में गलत तरीके से लॉकडाउन लागू किया गया.
कश्मीर ठाकुर ने बताया कि मजदूरों के प्रति सरकार की नीतियां बिल्कुल सही नहीं है. उन्होंने सरकार पर मजदूरों के हकों का दमन करने के आरोप लगाते हुए कहा, सरकार को लोग इस आपदा से निपटने के लिए सहयोग कर रहे हैं. जनता से आर्थिक रूप से भी सहयोग दिया जा रहा है, लेकिन उस पैसे से अधिकारियों को 18-18 हजार रुपये के मोबाइल खरीद कर दिए जा रहे हैं, जो बेहद गलत है.
डॉ. ठाकुर का कहना है कि सरकार ने लोगों से तालियां बजवाईं, मोमबत्ती भी जलवाई, लेकिन कोरोना से नियंत्रण को लेकर धरातल पर कदम नहीं उठाए गए. लोगों को बाहरी राज्यों से हिमाचल लाने में भी सरकार ने बेहतर तरीके से रणनीति नहीं अपनाई.
आपको बता दें कि प्रदेश भर में सोशल मीडिया पर भी प्रदेश सरकार द्वारा नामित नोडल ऑफिसर को मोबाइल फोन देने की आलोचना हो रही है. प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों से लोगों को हिमाचल में लाने के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं. इन्हें सरकार की तरफ से एंड्रॉयड फोन दिए गए हैं. ऐसे में सरकार के इस कदम पर सीटों के राष्ट्रीय सचिव ने भी बड़े सवाल उठाए हैं.
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