हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में इस बरसात में फलदार पौधों की बिक्री की रिकॉर्ड टूट गए हैं. हमीरपुर जिले में बागवानी विभाग की तरफ से ही 90,000 फलदार पौधे किसानों और बागवानों को वितरित किए गए हैं, जबकि अपने स्तर पर भी हजारों पौधे किसानों ने जिले में लगाए हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मैदानी क्षेत्र में अब बागवानी की तरफ किसानों का रुझान बढ़ रहा है और मैदान में भी अब लोग बागवान बनने से पीछे नहीं हट रहे हैं.
बरसात के मौसम में हमीरपुर जिले में उद्यान विभाग ने 90,000 फलदार पौधे वितरित किए हैं. विभाग में 60,000 पौधे वितरित करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 90,000 पौधे वितरित किए गए हैं. मौसमी, नींबू और अमरूद के पौधों की ज्यादा डिमांड किसानों बागवानों में इस बार देखने को मिली है. खास बात यह है कि इस बार बरसात हुई अच्छी खासी हुई है. ऐसे में इन फलदार पौधों के Survival की संभावना भी अच्छी है.
इस बार बरसात काफी अच्छी रही है जिस वजह से ज्यादा से ज्यादा बागवानों ने इस बार फलदार पौधे लगाए हैं. बागवानी के सार्थक नतीजा अब नीचे एक क्षेत्र में भी सामने आने लगे हैं. हिमाचल प्रदेश में शिव प्रोजेक्ट की तरफ से क्लस्टर बनाए गए हैं और यहां पर फलदार पौधे बागवानों के लिए फायदा का सौदा बने हैं- डॉक्टर राजेश्वर परमार, उपनिदेशक, उद्यान विभाग हमीरपुर
उद्यान विभाग हमीरपुर के आंकड़ों के मुताबिक इस बार फलदार पौधों की बिक्री के पिछले पुराने सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं. आमतौर पर 50 से 60 हजार अधिकतम पौधों की बिक्री होती थी, लेकिन इस बार यह डेढ़ से दोगुना बढ़ गई है. ऐसे में आने वाले दिनों में यह संभावना जताई जा रही है कि बागवानी के प्रति यह रुझान और भी सार्थक नतीजे सामने ला सकता है. शिव प्रोजेक्ट के अंतर्गत हमीरपुर जिले में कई कलस्टर बनाए गए हैं. इन क्लस्टर में बागवान लाखों रुपये की कमाई फल बेचकर कर रहे हैं. इस परियोजना का नतीजा है कि अब हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों में भी लोगों का रुझान बागवानी की तरफ बढ़ने लगा है.