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Diarrhea Cases Hamirpur: आखिर कब आएगी पानी के सैंपल की रिपोर्ट, 6 दिन से सप्लाई ठप, टैंकरों से मिल रहा पानी

diarrhea cases hamirpur, diarrhea cases himachal: हमीरपुर में डायरिया फैले हुए 6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति विभाग अभी भी पेयजल सैंपल उसके रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति विभाग की तरफ से इन 6 दिन में पेयजल के 25 सैंपल लिए गए हैं, लेकिन एक भी सैंपल की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. ऐसे में इन पेयजल योजनाओं के बहाली के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. हालात यह है कि 5 दिनों के भीतर इस बीमारी की चपेट में 999 लोग आ चुके हैं, जबकि पेयजल के दूषित होने का वास्तविक या साइंटिफिक कारण विभाग और सरकार को मालूम ही नहीं है.

Diarrhea Cases Hamirpur
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Published : Feb 2, 2023, 5:02 PM IST

Updated : Feb 2, 2023, 5:18 PM IST

जानकारी देते हुए ETV BHARAT संवाददाता कमलेश भारद्वाज.

हमीरपुर: जिला हमीरपुर में डायरिया फैले हुए 6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति विभाग अभी भी पेयजल सैंपल उसके रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. हालात ऐसे हैं कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र में डायरिया प्रभावित दर्जनों गांव में लोगों को तीसरे दिन टैंकर के जरिए पानी उपलब्ध हो पा रहा है. 6 दिन से लाखों लीटर की पेयजल सप्लाई करने वाली पेयजल योजना को फिलहाल बंद कर दिया गया है.

स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति विभाग की तरफ से इन 6 दिन में पेयजल के 25 सैंपल लिए गए हैं, लेकिन एक भी सैंपल की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. ऐसे में इन पेयजल योजनाओं के बहाली के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. हालात यह है कि 5 दिनों के भीतर इस बीमारी की चपेट में 999 लोग आ चुके हैं, जबकि पेयजल के दूषित होने का वास्तविक या साइंटिफिक कारण विभाग और सरकार को मालूम ही नहीं है.

हैरत इस बात की है कि जल के दूषित होने के कारणों को जानने के लिए ना तो सरकार के नुमाइंदे इच्छुक नजर आ रहे हैं और ना ही विभाग के आला अधिकारी संजीदा प्रतीत हो रहे हैं. यही वजह है कि हिमाचल के डिप्टी सीएम जिनके पास जल शक्ति विभाग भी है वह हमीरपुर दौरे के दौरान विभाग के द्वारा गढ़ी गई थ्योरी से संतुष्ट नजर आए.

diarrhea cases hamirpur, diarrhea cases himachal
पानी लेने के लिए खड़े लोग.

आखिर पहले क्यों नहीं हुई खनन के खिलाफ शिकायत, जल शक्ति विभाग से सवालों में

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर दौरे के दौरान डायरिया प्रभावित पेयजल योजना का निरीक्षण करने के बाद खनन पर एफआईआर करवाने की बात कह गए, लेकिन यह एफआईआर किसके खिलाफ होगी यह स्पष्ट नहीं हो सका है. पेयजल योजना के साथ ही क्रशर चल रहा है और सरकार की लीज तहत यह लंबे समय से कार्य कर रहा है. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि क्या यहां पर क्रशर मालिक के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज करवाएगा या फिर अवैध खनन को लेकर यह अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. हमीरपुर पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज होने की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.

पानी सोर्स तक पहुंचाने के लिए खोद दी नाली, अखिर क्यों कार्रवाई की जहमत नहीं उठाई

सैकड़ों लोगों के बीमार होने के बाद अब एफआईआर दर्ज करने की बात तो कही जा रही है, लेकिन इससे पहले यहां पर कार्य करने वाले अधिकारियों की भूमिका सवालों में है. सवाल यह है कि आखिर क्यों उच्च अधिकारियों को इस विषय पर सूचित नहीं किया गया. पेयजल योजना के मुख्य सोर्स तक पानी पहुंचाने के लिए कुनाह खड्ड में अधिकारियों ने नाली तो खोद दी, लेकिन यहां पर अवैज्ञानिक तरीके से किये गए खनन को लेकर ना तो उच्च अधिकारियों को सूचित किया और ना ही एफआईआर दर्ज करवाई. ऐसे में इन अधिकारियों के खिलाफ क्या कोई कार्रवाई की जाएगी इसे लेकर भी फिलहाल उप मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान कोई संकेत नजर नहीं आए हैं. विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई के विपरीत उपमुख्यमंत्री अधिकारियों की गढ़ी थ्योरी से संतुष्ट नजर आए हैं.

diarrhea cases hamirpur, diarrhea cases himachal
तीसरे दिन टैंकर से मिल रहा डायरिया प्रभावित क्षेत्रों में पानी

स्वास्थ्य विभाग ने 20, जल शक्ति विभाग ने 5 सैंपल लिए, रिपोर्ट का इंतजार

डायरिया फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 6 दिन के भीतर पानी के बीच सैंपल क्षेत्र से लिए हैं और इन सैंपल को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर भेजा गया है. हैरत की बात यह है कि 6 दिन के बाद भी ना तो स्वास्थ्य विभाग के सैंपल की रिपोर्ट आई है और ना ही जल शक्ति विभाग द्वारा लिए गए पानी के सैंपल की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है. जल शक्ति विभाग ने लोगों के घरों और पेयजल योजना से पानी के सैंपल उठाए हैं. जल शक्ति विभाग ने पानी के यहां सैंपल जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित लैब के लिए भेजे हैं, लेकिन 6 दिन के बाद भी आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट नहीं आई है.

2 जेई, एक एसडीओ और एक एक्सईएन से जवाब तलब

जल शक्ति विभाग हमीरपुर में इस मामले में इन पेयजल योजनाओं से संबंधित दो कनिष्ठ और दो वरिष्ठ अधिकारियों से 7 दिन के भीतर जवाब तलब किया गया है. जल शक्ति विभाग हमीरपुर की तरफ से दो कनिष्ठ अभियंताओं एक सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता से 1 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया गया है कारण बताओ नोटिस में यह पूछा गया है कि आखिर क्यों पेयजल योजना के दायरे में खनन होता रहा और इसके खिलाफ शिकायत दर्ज क्यों नहीं की गई.

ये भी पढ़ें- हमीरपुर में पहली बार होगी एचएएस की मेन परीक्षा, पुलिस की कड़ी निगरानी में होगा पेपर

जानकारी देते हुए ETV BHARAT संवाददाता कमलेश भारद्वाज.

हमीरपुर: जिला हमीरपुर में डायरिया फैले हुए 6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति विभाग अभी भी पेयजल सैंपल उसके रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. हालात ऐसे हैं कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र में डायरिया प्रभावित दर्जनों गांव में लोगों को तीसरे दिन टैंकर के जरिए पानी उपलब्ध हो पा रहा है. 6 दिन से लाखों लीटर की पेयजल सप्लाई करने वाली पेयजल योजना को फिलहाल बंद कर दिया गया है.

स्वास्थ्य विभाग और जल शक्ति विभाग की तरफ से इन 6 दिन में पेयजल के 25 सैंपल लिए गए हैं, लेकिन एक भी सैंपल की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. ऐसे में इन पेयजल योजनाओं के बहाली के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. हालात यह है कि 5 दिनों के भीतर इस बीमारी की चपेट में 999 लोग आ चुके हैं, जबकि पेयजल के दूषित होने का वास्तविक या साइंटिफिक कारण विभाग और सरकार को मालूम ही नहीं है.

हैरत इस बात की है कि जल के दूषित होने के कारणों को जानने के लिए ना तो सरकार के नुमाइंदे इच्छुक नजर आ रहे हैं और ना ही विभाग के आला अधिकारी संजीदा प्रतीत हो रहे हैं. यही वजह है कि हिमाचल के डिप्टी सीएम जिनके पास जल शक्ति विभाग भी है वह हमीरपुर दौरे के दौरान विभाग के द्वारा गढ़ी गई थ्योरी से संतुष्ट नजर आए.

diarrhea cases hamirpur, diarrhea cases himachal
पानी लेने के लिए खड़े लोग.

आखिर पहले क्यों नहीं हुई खनन के खिलाफ शिकायत, जल शक्ति विभाग से सवालों में

डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर दौरे के दौरान डायरिया प्रभावित पेयजल योजना का निरीक्षण करने के बाद खनन पर एफआईआर करवाने की बात कह गए, लेकिन यह एफआईआर किसके खिलाफ होगी यह स्पष्ट नहीं हो सका है. पेयजल योजना के साथ ही क्रशर चल रहा है और सरकार की लीज तहत यह लंबे समय से कार्य कर रहा है. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि क्या यहां पर क्रशर मालिक के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज करवाएगा या फिर अवैध खनन को लेकर यह अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. हमीरपुर पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज होने की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.

पानी सोर्स तक पहुंचाने के लिए खोद दी नाली, अखिर क्यों कार्रवाई की जहमत नहीं उठाई

सैकड़ों लोगों के बीमार होने के बाद अब एफआईआर दर्ज करने की बात तो कही जा रही है, लेकिन इससे पहले यहां पर कार्य करने वाले अधिकारियों की भूमिका सवालों में है. सवाल यह है कि आखिर क्यों उच्च अधिकारियों को इस विषय पर सूचित नहीं किया गया. पेयजल योजना के मुख्य सोर्स तक पानी पहुंचाने के लिए कुनाह खड्ड में अधिकारियों ने नाली तो खोद दी, लेकिन यहां पर अवैज्ञानिक तरीके से किये गए खनन को लेकर ना तो उच्च अधिकारियों को सूचित किया और ना ही एफआईआर दर्ज करवाई. ऐसे में इन अधिकारियों के खिलाफ क्या कोई कार्रवाई की जाएगी इसे लेकर भी फिलहाल उप मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान कोई संकेत नजर नहीं आए हैं. विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई के विपरीत उपमुख्यमंत्री अधिकारियों की गढ़ी थ्योरी से संतुष्ट नजर आए हैं.

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तीसरे दिन टैंकर से मिल रहा डायरिया प्रभावित क्षेत्रों में पानी

स्वास्थ्य विभाग ने 20, जल शक्ति विभाग ने 5 सैंपल लिए, रिपोर्ट का इंतजार

डायरिया फैलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 6 दिन के भीतर पानी के बीच सैंपल क्षेत्र से लिए हैं और इन सैंपल को जांच के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर भेजा गया है. हैरत की बात यह है कि 6 दिन के बाद भी ना तो स्वास्थ्य विभाग के सैंपल की रिपोर्ट आई है और ना ही जल शक्ति विभाग द्वारा लिए गए पानी के सैंपल की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है. जल शक्ति विभाग ने लोगों के घरों और पेयजल योजना से पानी के सैंपल उठाए हैं. जल शक्ति विभाग ने पानी के यहां सैंपल जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित लैब के लिए भेजे हैं, लेकिन 6 दिन के बाद भी आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट नहीं आई है.

2 जेई, एक एसडीओ और एक एक्सईएन से जवाब तलब

जल शक्ति विभाग हमीरपुर में इस मामले में इन पेयजल योजनाओं से संबंधित दो कनिष्ठ और दो वरिष्ठ अधिकारियों से 7 दिन के भीतर जवाब तलब किया गया है. जल शक्ति विभाग हमीरपुर की तरफ से दो कनिष्ठ अभियंताओं एक सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता से 1 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया गया है कारण बताओ नोटिस में यह पूछा गया है कि आखिर क्यों पेयजल योजना के दायरे में खनन होता रहा और इसके खिलाफ शिकायत दर्ज क्यों नहीं की गई.

ये भी पढ़ें- हमीरपुर में पहली बार होगी एचएएस की मेन परीक्षा, पुलिस की कड़ी निगरानी में होगा पेपर

Last Updated : Feb 2, 2023, 5:18 PM IST
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