हमीरपुर: सरकारी नौकरी की उम्मीद लगाए बैठे हिमाचल के बेरोजगार युवाओं ने हमीरपुर जिला से छात्र सत्याग्रह का आगाज कर दिया है. बुधवार को भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय हमीरपुर के बाहर दर्जनों बेरोजगार युवा एकत्र हुए और यहां पर पदयात्रा का आगाज किया. 15 मार्च से हमीरपुर से शुरू हुई यह पदयात्रा 18 मार्च को शिमला में पहुंचेगी. यहां पर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर यह युवा अपनी मांग सरकार के समक्ष रखेंगे.
इस पदयात्रा में शामिल अधिकतर युवा भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर की विभिन्न भर्ती परीक्षाओं के अभ्यर्थी हैं. इस पदयात्रा को युवाओं ने छात्र सत्याग्रह का नाम दिया है. छात्र सत्याग्रह के माध्यम से पुरानी भर्तियों को बहाल करने, कर्मचारी चयन आयोग द्वारा विज्ञापित भर्तियों को शीघ्र करवाने और कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय हमीरपुर को बहाल करने की मांग प्रमुखता से उठाई जा रही है. पदयात्रा में शामिल युवाओं की माने तो यह सभी युवा पैदल राजधानी में पहुंचेंगे और यहां पर सरकार के समक्ष अपनी समस्याएं रखेंगे. इन युवाओं का दावा है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक वह राजधानी शिमला में डटे रहेंगे.
युवा विशाल खजुरिया का कहना है कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को बहाल किया जाना चाहिए. हिमाचल लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती परीक्षाओं के आयोजन में लंबा वक्त लग सकता है ऐसे में युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ होगा. सरकार को कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय हमीरपुर को बहाल कर भर्ती प्रक्रिया को 15 दिन के भीतर बहाल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर हमीरपुर से पदयात्रा शुरू की गई है और 18 मार्च को शिमला में पहुंचेगी. इस पदयात्रा के माध्यम से सरकार के समक्ष मांगे रखी जा रही है ताकि युवाओं को न्याय मिल सके.
युवा नीरज ठाकुर का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया पर पूर्णतया रोक लग चुकी है. जिस वजह से प्रदेश के युवा आक्रोशित हैं. उन्होंने कहा कि पदयात्रा 18 मार्च को शिमला में पहुंचेगी और युवा राजधानी में तब तक डटे रहेंगे जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी. बता दें कि कर्मचारी चयन आयोग कार्यालय भंग होने से भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से लटक गई ह. जिन युवाओं ने विभिन्न पोस्टकोड के तहत आवेदन किया है वह इंतजार करने को मजबूर हैं, लेकिन कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है.
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