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मेडिकल कॉलेज हमीरपुर का हाल बेहाल, अब क्लास-4 कर्मचारी करेंगे ECG

हमीरपुर के डॉ.राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज में अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मरीजों की ईसीजी करेंगे. अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कर्मचारीयों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

Class 4 employees will do ECG in Medical College Hamirpur
डॉ.राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज
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Published : Jun 30, 2020, 9:44 AM IST

हमीरपुर: जिला के डॉ.राधाकृष्णन मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अब मरीजों की ईसीजी (इलेक्ट्रो कार्डियोग्राफी) करेंगे. इसके लिए बकायदा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ईसीजी करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ईसीजी का काम कैसे कर पाएंगे, यह बात सभी को खटक रही है. हालांकि चिकित्सकों समेत नर्सों को भी ईसीजी करने का प्रशिक्षण दिया गया है.

बताया जा रहा है मेडिकल कॉलेज में ईसीजी टेक्नीशियन की कोई पोस्ट नहीं है. ऐसे में अब ईसीजी करने का जिम्मा स्वास्थ्य महकमे के अन्य कर्मचारियों पर होगा. डॉक्टरों और नर्सों की बात तो सही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इस काम के लिए सही हैं? टेक्नीशियन का काम आखिरकार यह कर्मचारी कैसे कर पाएंगे.

वहीं, मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल प्रबंधन की मानें तो हर एक कर्मचारी को इसका प्रशिक्षण दिया जाना है, ताकि किसी भी मरीज की ईसीजी आसानी से की जा सके. यहां तक की चतुर्थ क्लास कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण प्रदान कर दिया गया है. अब मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चतुर्थ क्लास कर्मचारी भी मरीजों की ईसीजी करेंगे.

मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सक अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वह इस काम को बखूबी कर सकें.

ये भी पढ़ें: पालमपुर होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने ऑनलाइन बैठक का किया आयोजन, रखी ये मांगे

हमीरपुर: जिला के डॉ.राधाकृष्णन मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अब मरीजों की ईसीजी (इलेक्ट्रो कार्डियोग्राफी) करेंगे. इसके लिए बकायदा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ईसीजी करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ईसीजी का काम कैसे कर पाएंगे, यह बात सभी को खटक रही है. हालांकि चिकित्सकों समेत नर्सों को भी ईसीजी करने का प्रशिक्षण दिया गया है.

बताया जा रहा है मेडिकल कॉलेज में ईसीजी टेक्नीशियन की कोई पोस्ट नहीं है. ऐसे में अब ईसीजी करने का जिम्मा स्वास्थ्य महकमे के अन्य कर्मचारियों पर होगा. डॉक्टरों और नर्सों की बात तो सही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इस काम के लिए सही हैं? टेक्नीशियन का काम आखिरकार यह कर्मचारी कैसे कर पाएंगे.

वहीं, मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल प्रबंधन की मानें तो हर एक कर्मचारी को इसका प्रशिक्षण दिया जाना है, ताकि किसी भी मरीज की ईसीजी आसानी से की जा सके. यहां तक की चतुर्थ क्लास कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण प्रदान कर दिया गया है. अब मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चतुर्थ क्लास कर्मचारी भी मरीजों की ईसीजी करेंगे.

मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सक अधीक्षक डॉ. अनिल वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वह इस काम को बखूबी कर सकें.

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