हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के छात्रों ने हार्ट अटैक को लेकर एक हार्ट अटैक अलर्ट घड़ी का मॉडल बनाया है. दरअसल, यह कलाई घड़ी हार्ट अटैक आने से पहले ही मरीज के परिजनों को खुद ही संदेश भेज अलर्ट कर देगी. जिससे समय पर जान बचाई जा सकेगी. घड़ी के इस प्रोटोटाइप मॉडल को एनआईटी हमीरपुर में चल रहे चार दिवसीय राज्यस्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन में प्रदर्शित किया गया है. जिसे देखकर हर कोई हैरान हो रहे है.
छात्रा सुहानी का कहना है कि उनके एक रिश्तेदार की अकेले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. रात को कमरे में अकेले थे और सुबह उन्हें मृत हालत में देखा गया. किसी की हार्ट अटैक के कारण इस तरह से मौत न हो, इसके लिए यह अलर्ट सिस्टम विकसित किया गया है. कार्डियक अलर्ट सिस्टम को तैयार करने के लिए माइक्रो कंट्रोलर आरडीनो, एलडीआर सेंसर, दो इलेक्ट्रोड आरडीनी यूनो और दो बैटरी और स्विच एक एनपीएन ट्रांजिस्टर 547 और कॉलिंग मॉड्यूल का इस्तेमाल किया गया है.
छात्रा सुहानी ने बताया कि उपकरण में लगी दो इलेक्ट्रोड पल्स रेट को बतातीं हैं. यह इलेक्ट्रोड माइक्रो कंट्रोलर को पल्स रेट के 50 के नीचे जाने पर अलर्ट देंगे. अलर्ट मिलते ही माइक्रो कंट्रोलर से कॉलिंग मॉड्यूल को संकेत मिलेगा. संकेत मिलते ही इस सिस्टम में पहले से फीड नंबर पर कॉल चली जाएगी. सुहानी और पार्श्व ने इस प्रोटोटाइप में पुराने कॉलिंग फोन का इस्तेमाल किया है. इस प्रोटोटाइप की कुल लागत 1300 रुपये आई है. सुहानी का कहना है कि इसे कलाई घड़ी का रूप देने पर दो हजार रुपये के करीब लागत आएगी. बता दें कि राज्य स्तरीय बाल विज्ञान सम्मेलन में प्रदेश भर के छह सौ से ज्यादा बाल वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे है. वहीं, नन्हें वैज्ञानिकों के तरह तरह के बनाए मॉडलों को देखकर हर कोई दंग रह रहा है.
बता दे कि रिश्तेदार की अकेले कमरे में रात के समय हार्ट अटैक आने से मौत होने के बाद छात्रा सुहानी ने इस मॉडल को बनाने के बारे में सोचा. कार्डियक अलर्ट सिस्टम की खास बात यह है कि पुराने सामान और कुछ नए उपकरणों की मदद से महज तीन हजार में इसे विकसित किया गया है. चुवाड़ी के हिमालयन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल की छात्रा सुहानी चौहान और पार्श्व शर्मा ने इस प्रोटोटाइप को बनाया है. इस अलर्ट सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की पल्स रेट 50 प्रति मिनट से नीचे जाने पर पहले से फीड किए गए इमरजेंसी नंबर पर कॉल चली जाएगी. रक्तचाप के मरीजों में 50 से नीचे और 150 से ऊपर बीपी रहने पर हार्ट अटैक का खतरा रहता है. हालांकि, यह उपकरण निम्न रक्तचाप रहने पर अलर्ट देगा, इसमें उच्च रक्तचाप को लेकर प्रोग्रामिंग नहीं की गई है.