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जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही 5 साल की अंशिका, परिजनों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

सिंघवीं गांव की रहने वाली पांच वर्षीय अंशिका पिछले 8 महीने से ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है. हालात यह हैं कि अंशिका पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर बेसुध हालत में पड़ी है. परिवारवालों के लिए अब अंशिका के इलाज का खर्चा उठाना भी मुश्किल हो रहा है. इसके चलते परिजनों ने सरकार और दूसरे लोगों से मदद की गुहार लगाई है, ताकि अंशिका का इलाज हो सके.

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Published : Aug 22, 2020, 3:04 PM IST

Brain tumor patient anshika
ब्रेन ट्यूमर की मरीज अंशिका

सुजानपुर: बड़सर उपमंडल में सिंघवीं गांव की रहने वाली पांच वर्षीय अंशिका पिछले 8 महीने से ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है. हालात यह हैं कि अंशिका पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर बेसुध हालत में पड़ी है.

परिवारवालों के लिए अब अंशिका के इलाज का खर्चा उठाना भी मुश्किल हो रहा है. इसके चलते परिजनों ने सरकार और दूसरे लोगों से मदद की गुहार लगाई है, ताकि अंशिका का इलाज हो सके.

दरअसल, अंशिका के पिता अशोक कुमार अंबाला में प्राइवेट जॉब करते थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान उनकी नौकरी भी चली गई. इसके कारण परिवार की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ गई है. रुपयों की कमी के चलते अशोक कुमार को बेटी के इलाज की चिंता सता रही है.

वीडियो.

जानकारी के अनुसार अंशिका 25 दिसंबर 2019 को अचानक बीमार पड़ गई थी. उसके बाद उसे इलाज के लिए शिमला ले जाया गया, जहां अस्पताल में अंशिका को ब्रेन ट्यूमर की बीमारी होने का पता चला. इसके बाद उसे इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया, लेकिन अंशिका की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती रही. अब हालात यह है कि पीजीआई के डॉक्टरों ने भी इलाज करने से अपने हाथ खींच लिए हैं.

डॉक्टरों का कहना है अंशिका का ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव नहीं है. वहीं, अशोक कुमार को लॉकडाउन के चलते अंशिका को पीजीआई ले जाना महंगा साबित हो रहा है. निजी गाड़ी कर पीजीआई पहुंचना पड़ रहा है. जिसका खर्चा उठाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है.

कुछ स्थानीय लोगों ने अशोक कुमार की मदद भी की थी, लेकिन घर पर ऑक्सीजन का प्रबंध और दवाइयों पर खर्च उठाना अशोक कुमार के लिए मुश्किल हो रहा है. अशोक कुमार की पत्नी नेहा शर्मा ने बताया कि आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है.

लॉकडाउन में पति की नौकरी भी छूट गई है. इसके कारण बेटी के इलाज के लिए घर में एक भी पैसा नहीं है. नेहा ने सरकार व दानी सज्जनों से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, अंशिका के दादा सरवण कुमार ने बताया की पोती के इलाज के लिए घर में पैसे नहीं है. मकान की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं, जो कभी भी गिर सकता है. वहीं, अशोक कुमार के पड़ोसी अश्विनी शर्मा ने भी प्रदेश सरकार व दानी सज्जनों से अंशिका के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई है.

बता दें कि इस परिवार का पुश्तैनी मकान भी कच्ची हालत में है जिस की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं. अशोक कुमार अपने परिवार के साथ गौशाला के साथ बने कमरे में रसोई बनाने को मजबूर है, लेकिन यह रसोईघर में भी बारिश का पानी टपकता है.

वहीं, अब मदद के लिए अंशिका के पिता अशोक ने दानी सज्जनों से अपील की है. उन्होंने कहा कि इलाज के लिए मदद करने की चाह रखने वाले लोग मेरी पत्नी नेहा शर्मा के एसबीआई बैंक की शाखा मैहरे में खाता संख्या 55149603183 और IFSC CODE SBIN0050296 पर मदद कर सकता है. इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 85680-35568 पर भी संपर्क कर सकता है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर के राकेश पठानिया द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए चयनित, कई दिग्गजों को दे चुके हैं कोचिंग

सुजानपुर: बड़सर उपमंडल में सिंघवीं गांव की रहने वाली पांच वर्षीय अंशिका पिछले 8 महीने से ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है. हालात यह हैं कि अंशिका पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर बेसुध हालत में पड़ी है.

परिवारवालों के लिए अब अंशिका के इलाज का खर्चा उठाना भी मुश्किल हो रहा है. इसके चलते परिजनों ने सरकार और दूसरे लोगों से मदद की गुहार लगाई है, ताकि अंशिका का इलाज हो सके.

दरअसल, अंशिका के पिता अशोक कुमार अंबाला में प्राइवेट जॉब करते थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान उनकी नौकरी भी चली गई. इसके कारण परिवार की आर्थिक स्थिति भी बिगड़ गई है. रुपयों की कमी के चलते अशोक कुमार को बेटी के इलाज की चिंता सता रही है.

वीडियो.

जानकारी के अनुसार अंशिका 25 दिसंबर 2019 को अचानक बीमार पड़ गई थी. उसके बाद उसे इलाज के लिए शिमला ले जाया गया, जहां अस्पताल में अंशिका को ब्रेन ट्यूमर की बीमारी होने का पता चला. इसके बाद उसे इलाज के लिए पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया, लेकिन अंशिका की हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती रही. अब हालात यह है कि पीजीआई के डॉक्टरों ने भी इलाज करने से अपने हाथ खींच लिए हैं.

डॉक्टरों का कहना है अंशिका का ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव नहीं है. वहीं, अशोक कुमार को लॉकडाउन के चलते अंशिका को पीजीआई ले जाना महंगा साबित हो रहा है. निजी गाड़ी कर पीजीआई पहुंचना पड़ रहा है. जिसका खर्चा उठाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है.

कुछ स्थानीय लोगों ने अशोक कुमार की मदद भी की थी, लेकिन घर पर ऑक्सीजन का प्रबंध और दवाइयों पर खर्च उठाना अशोक कुमार के लिए मुश्किल हो रहा है. अशोक कुमार की पत्नी नेहा शर्मा ने बताया कि आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है.

लॉकडाउन में पति की नौकरी भी छूट गई है. इसके कारण बेटी के इलाज के लिए घर में एक भी पैसा नहीं है. नेहा ने सरकार व दानी सज्जनों से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, अंशिका के दादा सरवण कुमार ने बताया की पोती के इलाज के लिए घर में पैसे नहीं है. मकान की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं, जो कभी भी गिर सकता है. वहीं, अशोक कुमार के पड़ोसी अश्विनी शर्मा ने भी प्रदेश सरकार व दानी सज्जनों से अंशिका के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई है.

बता दें कि इस परिवार का पुश्तैनी मकान भी कच्ची हालत में है जिस की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं. अशोक कुमार अपने परिवार के साथ गौशाला के साथ बने कमरे में रसोई बनाने को मजबूर है, लेकिन यह रसोईघर में भी बारिश का पानी टपकता है.

वहीं, अब मदद के लिए अंशिका के पिता अशोक ने दानी सज्जनों से अपील की है. उन्होंने कहा कि इलाज के लिए मदद करने की चाह रखने वाले लोग मेरी पत्नी नेहा शर्मा के एसबीआई बैंक की शाखा मैहरे में खाता संख्या 55149603183 और IFSC CODE SBIN0050296 पर मदद कर सकता है. इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 85680-35568 पर भी संपर्क कर सकता है.

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