हमीरपुर: अनुराग ठाकुर ने चौथी बार हमीरपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की है. बीजेपी प्रत्याशी अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल ठाकुर को रिकॉर्ड तोड़ मतों से हराया. इस बार की जीत धूमल परिवार के लिए खास रही. इस जीत ने विधानसभा चुनाव में मिली प्रेम कुमार धूमल की हार के कड़वे घूंट को कम जरूर किया है.
प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में प्रेम कुमार धूमल को भाजपा ने बतौर सीएम चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार राजेंद्र राणा ने उन्हें सुजानपुर सीट से 1919 मतों से हरा दिया. ऐसे में परिवार लोकसभा चुनाव में साख की लड़ाई लड़ रहा था. चुनाव प्रचार के दौरान सोशल मीडिया पर एक नारा ट्रेंड कर रहा था कि 'पहले धूमल हारा अब बेटे अनुराग की बारी है', लेकिन अनुराग ठाकुर ने रामलाल ठाकुर को चारों खाने चित्त कर दिया.
सुजानपुर में डटे हुए थे धूमल
अनुराग दिल्ली में व्यस्त थे, लेकिन धूमल सुजानपुर में तकरीबन एक साल से मोर्चा संभाले हुए थे. धूमल लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही सुजानपुर में छोटी-छोटी जनसभाएं करने में जुट गए थे. धूमल ने गांव-गांव में छोटी-छोटी सभाएं कर लोगों के बीच जाकर अपना वोट बैंक मजबूत किया.
धूमल की इस मेहनत का फल उनके बेटे अनुराग ठाकुर को मिला. 23 मई को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों में अनुराग ठाकुर को उसी सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से 25038 वोटों की लीड मिली जहां से धूमल चुनाव हार गए थे. सुजानपुर विस क्षेत्र से अनुराग को कुल 38,049 वोट मिले. वहीं, रामलाल ठाकुर महज 13,011 वोटों पर सिमट गए. इस बड़ी जीत ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के गम पर मलहम जरूर लगाया है साथ ही अनुराग ठाकुर ने पिता की हार का हिसाब भी सूद समेत चुकता कर दिया है.
अमित शाह के वादे का इंतजार
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बिलासपुर में रैली के दौरान लोगों से अपील की थी कि 'अनुराग ठाकुर को जीताकर संसद भेजें मैं उन्हें बड़ा नेता बनाऊंगा'. अमित शाह के इस वादे ने भी अनुराग ठाकुर के पक्ष में माहौल बनाया. अमित शाह ने प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सिराज में जयराम के लिए भी कुछ ऐसे ही शब्द कहे थे और जयराम प्रदेश के सीएम बने. अब लोगों की उम्मीद इस बात पर टिकी है कि अमित शाह अनुराग ठाकुर को केंद्र की मोदी सरकार में कैबनिट में कौन सा पद देंगे.