बड़सरः उपमंडल बड़सर के तहत चकमोह पंचायत के बाशिंदो को सौ बिस्तर का अस्पताल बनाने के लिए साथ लगती पंचायतों के नवनियुक्त प्रतिनिधियों का भी साथ मिला है. वीरवार को लगभग छह साथ लगती पंचायतों के नवनियुक्त प्रतिनिधियों ने चकमोह पहुंच कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं. पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने वाली चकमोह पंचायत के बाशिदों के साथ समेला, घंगोटकलां, कलबाल, रैली, जजरी इत्यादि पंचायतों के नवनियुक्त प्रतिनिधि वीरवार को एकजुटता दिखाने पहुंचे. एकजुटता दिखाते हुए सभी ने अस्पताल के पक्ष में अपनी आवाज मुखर की.
चकमोह में सौ बिस्तर का अस्पताल बनना लाजमी
युवक मंडल के प्रधान अमित कुमार व संघर्ष समिति के प्रधान रामलाल शर्मा ने इन पंचायत प्रतिनिधियों के सामने बताया कि हमारा उद्देश्य चकमोह में लगभग पिछले 30 वर्ष से ट्रस्ट को दान की भूमि पर 100 बिस्तर का अस्पताल बनाना था न कि वहां पर मात्र सीएचसी के लिए भूमि दान की गई थी. विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी एक सुर में कहा कि चकमोह में सौ बिस्तर का अस्पताल बनना लाजमी है क्योंकि जब भी कोई यहां क्रिटिकल रूप से बीमार होता है तो उसको वहां से बिझड़ी, बड़सर फिर हमीरपुर के बाद टांडा रेफर ही किया जाता है.
आचार संहिता खत्म होने के बाद तेजी पकड़ेगा अस्पताल का काम
स्थानीय जनता को यहां पर मात्र फर्स्ट एड की सुविधा मिलती है. उनका यह भी कहना था कि हमने चुनाव का शांतिपूर्ण विरोध किया था न कि कोई आंदोलन करके. हमने प्रशासन व उपायुक्त को भी इस संबंध में अवगत करवा दिया है.उन्होंने बताया कि उपायुक्त हमीरपुर ने चुनाव आचार संहिता खत्म होने तक का समय दिया गया है, उसके बाद अस्पताल को लेकर गतिविधियां तेज हो जाएंगी.
चकमोह वासियों के साथ समैला के प्रधान कुलवंत, घंगोटकलां पंचायत के यशपाल ठाकुर, कलबाल की प्रधान रीना कुमारी, कलवाल पंचायत के उपप्रधान विजय ढटवालिया, जजरी प्रधान इत्यादि पंचायत प्रतिनिधियों ने समर्थन किया.
ये भी पढ़ें- कुल्लू व रुपी राजघराने की राजमाता ईना देवेश्वरी सिंह का निधन, जिले में शोक की लहर