भरमौर: चंबा जिले के भरमौर में खराब मौसम और बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा आज सुबह तक मणिमहेश यात्रा को अस्थाई तौर पर रोक दिया गया है. शनिवार सुबह मौसम की स्थिति और संभावनाओं को देखने के बाद ही यात्रा को लेकर कोई आगामी फैसला लिया जाएगा. बहरहाल जिला प्रशासन ने मणिमहेश यात्रियों को हड़सर से आगे जाने से मना कर दिया है. ये जानकारी एडीसी भरमौर नवीन तंवर ने दी.
बारिश से थमी यात्रा: मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार रात को भरमौर में मूसलाधार बारिश हुई. शुक्रवार को भी सुबह से ही मौसम खराब रहा और भारी बारिश हुई. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा पर अस्थाई रोक लगा दी, ताकि यात्रा के दौरान कोई भी अनहोनी न हो. जिला प्रशासन ने भरमौर पुलिस को भी निर्देश जारी कर दिए की किसी भी यात्री को हड़सर से आगे मणिमहेश यात्रा पर न जाने दिया जाए. वहीं, हड़सर से मणिमहेश तक तैनात पुलिसकर्मियों को प्रशासन ने आदेश दिए हैं कि जो भी यात्री जिस स्थान पर हैं, उन्हें सुरक्षित रूप से वहां ठहराया जाए.
शनिवार तक यात्रा पर रोक: चंबा जिला प्रशासन ने शनिवार सुबह तक मणिमहेश यात्रा पर रोक लगाई है. गौरतलब है कि बारिश के दौरान हड़सर से मणिमहेश के बीच सफर करना बहुत जोखिमपूर्ण है. बारिश के दौरान यहां पर अचानक पहाड़ियों से पत्थर गिरने के साथ-साथ लैंडस्लाइड का भी खतरा बना रहता है. जिससे यात्रा में अनहोनी का डर बना रहता है. ऐसे में जिला प्रशासन खराब मौसम को देखते हुए यात्रा पर रोक लगा देता है. बहरहाल अब मौसम के रुख को देखते हुए ही यात्रा को लेकर कोई आगामी फैसला लिया जाएगा.
यात्रियों के लिए जरूरी दिशा निर्देश: एडीसी भरमौर नवीन तंवर ने खराब मौसम के चलते मणिमहेश यात्रियों से अपील की है कि लोग गर्म कपड़े पहन कर ही यात्रा करें. इसके अलावा यात्रा शुरू करने से पहले अपना हेल्थ चेकअप करवा लें, ताकि यात्रा के दौरान कोई समस्या न हो. एडीसी नवीन तंवर ने बताया कि चंबा जिले में 15 और 16 सितंबर को मौसम विभाग ने बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है. जिले में भारी बारिश के साथ बर्फबारी की भी संभावना बनी हुई है. बारिश के दौरान यात्रा करने पर सख्त मनाही है. जिसे देखते हुए प्रशासन ने यात्रियों से यात्रा के दौरान कुछ जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की है. जिसमें यात्रा के समय गर्म कपड़े पहनना और हेल्थ चेकअप करवाना जरूरी है.
ये भी पढ़ें: अद्भुत, अलौलिक, रहस्यमयी और अविस्मरणीय, कुछ ऐसा है मणिमहेश कैलाश पर्वत