चंबा: स्कूल प्रबंधन समिति की ओर से पाठशालाओं में पीरियड आधार पर तैनात शिक्षकों ने डेढ़ हजार से अधिक पदों पर की जा रही शिक्षकों की भर्ती को लेकर जारी अधिसूचना को रद्द करने की मांग की है. साध ही एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देने का मामला भी प्रमुखता के साथ उठाया है.
एसएमसी शिक्षक संघ ने दो टूक कहा है कि अगर सरकार उनकी इन मांगों को जल्द अमलीजामा नहीं पहनाती है तो वह राज्य कार्यकारिणी के साथ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जांएगें. संघ की भरमौर इकाई की बुधवार को गरोला में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. साथ ही संघ ने सरकार की ओर से की जा रही 1,541 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रोकने के लिए न्यायालय की शरण में जाने का फैसला भी लिया है.
बता दें कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों समेत दुर्गम पाठशालाओं में एसएमसी शिक्षकों की तैनाती की थी. यह शिक्षक लंबे समय से पूरी निष्ठा के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं. हर शैक्षणिक सत्र में इन शिक्षकों के अनुबंध को रिन्यू किया जाता है, लेकिन इस बार अभी तक सरकार की ओर से कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया गया है.
इसके चलते इन शिक्षकों को भविष्य की चिंता भी सताने लगी है. लिहाजा इसी के मध्यनजर एसएमसी अध्यापक संघ की भरमौर खंड इकाई की एक अहम बैठक बुधवार को गरोला में संपन्न हुई. बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष अनूप कुमार ने की.
अनूप कुमार ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में एसएमसी के तहत तैनात शिक्षकों को आठ साल हो गए हैं, लेकिन सरकार की ओर से इनके लिए अभी तक स्थाई नीति नहीं बनाई है. इसके लिए सभी शिक्षकों ने रोष जाहिर किया है. शिक्षकों का कहना है कि बहुत कम वेतन पर वो अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके बावजूद सरकार ने कैबिनेट में इन शिक्षकों के स्थान पर 1,541 पदों को भरने का फैसला लिया है.
मौजूदा समय में सेवा विस्तार न मिलने से करीब 800 शिक्षक बाहर बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि संघ सरकार से आग्रह करता है कि जल्द शिक्षकों को सेवा विस्तार देकर स्थाई नीति बनाएं. ऐसा न होने पर संघ सरकार के खिलाफ चलने से भी गुरेज नहीं करेगा.
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