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राधा अष्टमी पर्व का शाही स्नान आरंभ, हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी - हजारों श्रद्धालु

विश्व प्रसिद्व मणिमहेश यात्रा के तहत राधा अष्टमी का पावन स्नान आरंभ हो गया है. इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए डल झील में भारी भीड़ मौजूद रही.

राधा अष्टमी पर्व का शाही स्नान आरंभ
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Published : Sep 6, 2019, 6:03 AM IST

Updated : Sep 6, 2019, 6:29 AM IST

चंबा: विश्व प्रसिद्व मणिमहेश यात्रा के तहत राधा अष्टमी का पावन स्नान गुरुवार रात 8 बजकर 42 मिनट पर आरंभ हो गया है. इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान भोलेनाथ के जयकारों से पहाड़ गूंज उठे. मणिमहेश यात्रा का शाही स्नान शुक्रवार रात पौने नौ बजे तक चलेगा.

शाही स्नान आरंभ होने से पहले संचूई के चेलों ने डल तोड़ने की सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाया. इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए भारी भीड़ मौजूद रही. जानकारी के अनुसार गुरूवार को संचूई के चेले डल तोड़ने की परंपरा को निभाने के लिए दोपहर में डल झील पहुंचे. इस दौरान चेलों ने झील की तीन मर्तबा परिक्रमा करने के बाद अपने तय स्थान पर आकर बैठ गए.

काार्तिक स्वामी के चेले की अगुवाई में शिव चेले डल झील में उतर गए और देखते ही देखते उन्होंने डल को आर-पार कर दिया. हांलाकि डल तोड़ने की परंपरा निभाने से पहले यहां बलि देने की प्रथा थी, लेकिन न्यायालय के आदेशों के चलते नारियल चढ़ा कर इस रस्म को निभाया गया.

राधा अष्टमी पर्व का शाही स्नान आरंभ

इस परंपरा के संपन्न होते ही पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर से आए यात्रियों ने डल में शाही स्नान का किया. राधाअष्टमी को पवित्र डल झील में होने वाले शाही स्नान का अपना ही महत्व है. मान्यता है कि इस दौरान डल झील में डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिलती है.

चंबा: विश्व प्रसिद्व मणिमहेश यात्रा के तहत राधा अष्टमी का पावन स्नान गुरुवार रात 8 बजकर 42 मिनट पर आरंभ हो गया है. इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान भोलेनाथ के जयकारों से पहाड़ गूंज उठे. मणिमहेश यात्रा का शाही स्नान शुक्रवार रात पौने नौ बजे तक चलेगा.

शाही स्नान आरंभ होने से पहले संचूई के चेलों ने डल तोड़ने की सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाया. इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए भारी भीड़ मौजूद रही. जानकारी के अनुसार गुरूवार को संचूई के चेले डल तोड़ने की परंपरा को निभाने के लिए दोपहर में डल झील पहुंचे. इस दौरान चेलों ने झील की तीन मर्तबा परिक्रमा करने के बाद अपने तय स्थान पर आकर बैठ गए.

काार्तिक स्वामी के चेले की अगुवाई में शिव चेले डल झील में उतर गए और देखते ही देखते उन्होंने डल को आर-पार कर दिया. हांलाकि डल तोड़ने की परंपरा निभाने से पहले यहां बलि देने की प्रथा थी, लेकिन न्यायालय के आदेशों के चलते नारियल चढ़ा कर इस रस्म को निभाया गया.

राधा अष्टमी पर्व का शाही स्नान आरंभ

इस परंपरा के संपन्न होते ही पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर से आए यात्रियों ने डल में शाही स्नान का किया. राधाअष्टमी को पवित्र डल झील में होने वाले शाही स्नान का अपना ही महत्व है. मान्यता है कि इस दौरान डल झील में डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिलती है.

Intro:अजय शर्मा, चंबा
मणिमहेश परिक्रमा यात्रा के तहत राधाअष्टमी पर्व का बडा शाही न्हौण गुरूवार 08 बजकर 42 मिनट पर आरंभ हो गया। इस दौरान हजारों की संख्या में
यात्रियों ने पवित्र डल झील में आस्था की डुबकी लगाई है। लिहाजा चौबीस घंटे तक चलने वाला शाही स्नान शुक्रवार रात पौने नौ बजे संपन्न हो गया। शाही स्नान आरंभ होने से संचूई के चेलों ने डल तोडने की सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाया। इस अदुभत नजारे को देखने के लिए डल झील में भारी भीड रही। बहरहाल शाही न्हौण का दौर शुरू हो गया है और यात्रियों का अब भी डल झील की ओर रूख करने का क्रम जारी है।
Body:जानकारी के अनुसार गुरूवार को संचूई के चेले डल तोडने की परंपरा को निभाने के लिए दोपहर में डल झील पहुंंचे। इस दौरान चेलों ने झीन की तीन मर्तबा परिक्रमा करने के बाद अपने तय स्थान पर आकर बैठ गए। काार्तिक स्वामी के चेले की अगुवाई में शिव चेले डल झील में उतर गए और देखते ही देखते उन्होंने डल को आर-पार कर दिया। हांलाकि डल तोडने की परंपरा निभाने से पहले यहां बलि देने की प्रथा थी, लेकिन न्यायालय के आदेशों के चलते नारियल चढा कर इस रस्म को निभाया गया। लिहाजा इस अदभुत नजारे को देखने के दौरान हजारों की तादाद में डल पर मौजूद यात्रियों ने भगवान भोले नाथ के जयकारें लगाए। इस परंपरा का के संपन्न होते ही पडोसी राज्य जम्मू-कश्मीर से आए यात्रियों ने डल में शाही स्नान का दौर आरंभ किया। हांलाकि शुर्भ मूहर्त के तहत आठ बजकर 42 मिनट पर राधाअष्टमी का शाही स्नान यहां आरंभ हुआ है और यह शुक्रवार रात आठ बजकर इक्तालीस मिनट तक चलेगा। Conclusion:राधाअष्टमी को पवित्र डल झील में होने वाले पवित्र स्नान का अपना ही महत्व है और मान्यता है कि इस दौरान डल झील में डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति मिलती है। कुल-मिलाकर चौबीस घंटे तक चलने वाले शाही स्नान के लिए यात्रियों का डल की.ओर जाने का क्रम.जारी है।
Last Updated : Sep 6, 2019, 6:29 AM IST
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