चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा के हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम विभाग में सेवाएं देने वाली विद्या देवी को 35 सालों की सेवा देने के बाद अब तक नियमित नहीं किया गया है. यह महिला हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम विभाग में बतौर कारीगर अपनी सेवाएं दे रही है.
चंबा में परंपरागत गर्म शॉल, मफलर और स्वेटर बनाई जाती हैं. महिला पिछले 35 सालों से काम करती आ रही है और अपने हाथों से न जाने कितने शॉल और मफलर बना चुकी हैं, लेकिन अब तक महिला को विभाग ने नियमित करना मुनासिब नहीं समझा. जिसके चलते महिला सालों से अपने नियमितीकरण का इंतजार करते हुए हर समय गुजार देती है.
हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद भी नहीं किया गया नियमित
महिला रोजाना अपने कार्यालय आती है और अपना काम शुरू कर देती है लेकिन इंतजार करते-करते अब 35 सालों का लंबा समय बीत गया है. महिला ने हाईकोर्ट में भी याचिका दायर करने के बाद महिला के हक में फैसला भी हो गया चुका है लेकिन अब तक विभाग ने उसे लागू नहीं किया है.
महंगाई में सिर्फ 8 हजार का मासिक वेतन
आज के इस महंगाई के दौर में 8 हजार में अपने परिवार को पालना किसी भी व्यक्ति के लिए मुश्किल होता है. ऐसे में पिछले लंबे समय से यह महिला महंगाई के दौर में अपने परिवार को पाल रही है. महिला को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. कई बार विभाग से भी मांग की गई है लेकिन हर बार उसे अनसुना किया जा रहा है.
क्या कहती है विद्या देवी
हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम विभाग में सेवाएं देने वाली महिला का कहना है कि वह पिछले 35 सालों से इस विभाग में सेवाएं दे रही है लेकिन अभी तक उसे नियमित नहीं किया गया है. इस बारे में एक याचिका प्रदेश के उच्च न्यायालय में भी डाली थी, जहां से फैसला उसके हक में आया है लेकिन अब तक उस फैसले को विभाग ने लागू नहीं किया है. पिछले लंबे समय से यह महिला महंगाई के दौर में अपने परिवार को पाल रही है.
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