भरमौर: हिमाचल में जुलाई और अगस्त माह में आसमान से बरसी तबाही का असर प्रसिद्व मणिमहेश यात्रा पर पड़ रहा है. दरअसल, आपदा से सहमे देश भर के शिवभक्तों का मणिमहेश यात्रा के लिए हिमाचल की ओर रूख करने का आंकड़ा इस बार बेहद कम सामने आ रहा है. हांलाकि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में तबाही का तांडव रहा, तो जिला चंबा का जनजातीय क्षेत्र भरमौर सौभाग्य से बचा रहा. बावजूद इसके राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में रही हिमाचल में बरसात की तबाही का इंपेक्ट यह रहा है कि डर के चलते श्रद्धालु भरमौर की ओर रूख ही नहीं कर पाए. मौजूदा समय में भी इसका असर सीधे तौर पर देखने को मिल रहा है. बता दें, मणिमहेश यात्रा के लिए कुल पंजीकृत यात्रियों की संख्या शनिवार शाम तक 37364 तक पहुंच गई है. जबकि एक दिन के भीतर ही इस यात्रा के लिए पांच हजार से अधिक भक्तों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है.
दरअसल, मणिमहेश मंदिर न्यास से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार शाम तक मणिमहेश यात्रा के कुल पंजीकृत श्रद्धालुओं का आंकड़ा 32151 रहा था. जिसके बाद मणिमहेश मंदिर न्यास की ओर से जारी किए गए आंकड़े के तहत शनिवार शाम तक यह आंकड़ा 37364 तक पहुंच गया है. इस हिसाब से इस अवधि के भीतर मणिमहेश यात्रा के लिए 5213 श्रद्धालुओं ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है. बता दें कि मणिमहेश यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस बार मणिमहेश मंदिर न्यास की ओर से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. साथ ही रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन के अलावा भरमौर उपमंडल के पांच स्थानों समेत जिले के प्रवेश द्वारों पर भी पंजीकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं. ताकि यात्रा में आने वाले हर श्रद्धालु को दर्ज किया जा सके.
पहले की अपेक्षा बेहद कम रही यात्रियों की संख्या: मणिमहेश मंदिर न्यास की ओर से पंजीकृत यात्रियों के यात्रा में प्रवेश का पता लगाने के लिए गूहीनाला में QR कोड स्कैन करने के लिए केंद्र स्थापित किया गया है. जिससे की पता चल सकें कि यात्रा के लिए पंजीकरण करवाने वाले श्रद्धालुओं में से कितनो ने डल झील की ओर रूख कर लिया है. इसके अलावा मणिमहेश यात्रा डल झील से लौट कर आने वाले श्रद्धालुओं की दोबारा स्कैनिंग कर यात्रियों की वापसी का पता लगाया जा रहा है. लिहाजा मणिमहेश मंदिर न्यास की ओर से पंजीकरण को लेकर की गई इस व्यवस्था से यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का एक आंकड़ा मिल पा रहा है. इधर, मणिमहेश यात्रा में अभी तक यात्रियों की संख्या पूर्व की अपेक्षा बेहद कम रही है. यात्रा के जन्माष्टमी पर्व तक ही डल झील में लाखों श्रद्धालु डुबकी लगा लेते है. लेकिन इस बार भरमौर क्षेत्र से बाहर व प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मची तबाही की खबरों के चलते यात्री भरमौर की ओर रूख करने से परहेज कर रहे हैं.
पंजीकृत यात्रियों का आंकड़ा पहुंचा 37364: मणिमहेश मंदिर न्यास के सदस्य सचिव एवं एसडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा ने कहा कि शनिवार शाम तक यात्रा के लिए पंजीकृत यात्रियों का आंकडा 37364 तक पहुंच गया है. उनका कहना है कि यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ रही है. वहीं, उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में इस आंकड़े में और बढ़ोतरी होगी. कुलवीर सिंह राणा का कहना है कि राधाअष्टमी के पावन स्नान के लिए भी प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि वह बैखोफ होकर मणिमहेश यात्रा के लिए आएं. वह मानते हैं कि प्रदेश में आई आपदा का असर मणिमहेश यात्रा पर देखने को मिल रहा है और पूर्व की अपेक्षा इस बार अभी तक यात्रियों की संख्या कम है.
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने भी लगाई डल में आस्था की डुबकी: चंबा के प्रवास पर पहुंचे हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शनिवार को उतर भारत की प्रसिद्व मणिमहेश यात्रा में शामिल होते हुए डल झील में आस्था की डुबकी लगाई.
मई माह से डल झील की ओर रूख करना आरंभ कर देते हैं यात्री: मणिमहेश डल झील के लिए मई माह में ही यात्रियों के आने का सिलसिला आरंभ हो जाता है. एक अनुमान के मुताबिक मई माह से जन्माष्टमी पर्व तक ही लाखों यात्री डल झील तक पहुंच स्नान कर चुके होते हैं, लेकिन इस बार लगातार बारिश रहने के चलते यात्रियों का डल झील की ओर जाने का दौर बीच में थम गया. बता दें कि मणिमहेश मंदिर न्यास और प्रशासन की ओर से जन्माष्टमी से राधाअष्टमी पर्व तक ही अधिकारिक तौर पर इस यात्रा का आयोजन किया जाता है. साथ ही इस अवधि तक ही न्यास एवं प्रशासन की ओर से यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर यात्रियों को सुविधाएं प्रदान की जाती है. हांलाकि इस वर्ष जिला प्रशासन ने जनता की मांग को देखते हुए 27 सितंबर तक यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाई गई है.
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