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चंबा: जान जोखिम में डालकर झूला पुल को पार करते हैं यहां के ग्रामीण, कई गंवा चुके हैं जान

चंबा जिले की भड़िया पंचायत में तडग्रां के लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर झूला पुल को पार करके अपने रोजमर्रा के काम पूरे करते हैं. पिछले 20 सालों से गांव के लोग पक्के पुल के लिए तरस रहे हैं. गांव के कई लोग झूला पुल को पार करते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं.

झूला पुल
झूला पुल
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Published : Jul 21, 2020, 12:24 PM IST

चंबा: हिमाचल प्रदेश में चंबा जिले की भड़िया पंचायत में तडग्रां के लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर झूला पुल को पार करके अपने रोजमर्रा के काम पूरे करते हैं. 3 पंचायतों के लोग इस झूला पुल को पार करके रावी नदी के दूसरी तरफ अपने काम के लिए जाते हैं.

पिछले 20 सालों से गांव के लोग पक्के पुल के लिए तरस रहे हैं. गांव के कई लोग झूला पुल को पार करते हुए अपनी जान गवा चुके हैं और पुल की रस्सी को खींचते-खींचते कई बच्चों की उगलियां कट चुकी हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रशासन व सरकार की ओर से लोगों की समस्या को देखते हुए यहां न तो कोई फुटपाथ पुल बनाया गया और न ही कोई पक्का रास्ता बनाया गया है. पिछले कई सालों से स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों, विधायकों, नेताओं और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से रावी नदी पर पुल बनाने की मांग की है, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन ही मिलते आए है.

बरसात के दिनों में कई बार उनके गांव जाने का एकमात्र साधन यह पुल भी कई बार टूट चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से हर बार ऐसा ही झूला बना दिया जाता है. वहीं, आपातकाल स्थिती में पंचायतों के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

कई बार मरीजों को कंधों पर उठाकर पुल के दुसरी तरफ पंहुचाने तक मरीज दम तोड़ देते है. पिछले कई सालों से गांव के लोगों की दिन की शुरूआत इसी पुल से कामकाज पर जाने से होती आ रही है.

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि इस झूला पुल को पार करते हुए कई लोगों की लोहे की तारों को खींचते-खींचते हाथों की उगंलिया कट गई है और कई लोग पुल पार करते हुए अपनी जान गंवा चुके है. उन्होंने कई बार सरकार व प्रशासन को इस परेशानी से अवगत भी करवाया, लेकिन किसी ने भी आज तक इसकी सुध नहीं ली.

ग्रामीणों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उन्हें झूला पुल की जगह पक्का पुल बनाकर दिया जाए या फिर उन्हें सड़क सुविधा से जोड़ा जाए,जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पडे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कोरोना ने पकड़ी रफ्तार

चंबा: हिमाचल प्रदेश में चंबा जिले की भड़िया पंचायत में तडग्रां के लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर झूला पुल को पार करके अपने रोजमर्रा के काम पूरे करते हैं. 3 पंचायतों के लोग इस झूला पुल को पार करके रावी नदी के दूसरी तरफ अपने काम के लिए जाते हैं.

पिछले 20 सालों से गांव के लोग पक्के पुल के लिए तरस रहे हैं. गांव के कई लोग झूला पुल को पार करते हुए अपनी जान गवा चुके हैं और पुल की रस्सी को खींचते-खींचते कई बच्चों की उगलियां कट चुकी हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रशासन व सरकार की ओर से लोगों की समस्या को देखते हुए यहां न तो कोई फुटपाथ पुल बनाया गया और न ही कोई पक्का रास्ता बनाया गया है. पिछले कई सालों से स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों, विधायकों, नेताओं और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से रावी नदी पर पुल बनाने की मांग की है, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन ही मिलते आए है.

बरसात के दिनों में कई बार उनके गांव जाने का एकमात्र साधन यह पुल भी कई बार टूट चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से हर बार ऐसा ही झूला बना दिया जाता है. वहीं, आपातकाल स्थिती में पंचायतों के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

कई बार मरीजों को कंधों पर उठाकर पुल के दुसरी तरफ पंहुचाने तक मरीज दम तोड़ देते है. पिछले कई सालों से गांव के लोगों की दिन की शुरूआत इसी पुल से कामकाज पर जाने से होती आ रही है.

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि इस झूला पुल को पार करते हुए कई लोगों की लोहे की तारों को खींचते-खींचते हाथों की उगंलिया कट गई है और कई लोग पुल पार करते हुए अपनी जान गंवा चुके है. उन्होंने कई बार सरकार व प्रशासन को इस परेशानी से अवगत भी करवाया, लेकिन किसी ने भी आज तक इसकी सुध नहीं ली.

ग्रामीणों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उन्हें झूला पुल की जगह पक्का पुल बनाकर दिया जाए या फिर उन्हें सड़क सुविधा से जोड़ा जाए,जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पडे.

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