चंबाः सरकार ने भले ही चंबा में मेडिकल कॉलेज खोल रखा हो, लेकिन मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही हैं. मेडिकल कॉलेज में मरीजों के लिए एमआरआई की सुविधा नहीं है. चंबा जिला में कहीं पर भी एमआरआई नहीं है. रोजाना चंबा मेडिकल कॉलेज से मरीज एमआरआई के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज या पठानकोट जा रहे हैं.
औपचारिकताएं अधूरी रहने की वजह से हुए टेंडर
चंबा मेडिकल कॉलेज में एमआरआई सुविधा मरीजों को उपलब्ध करवाने में सरकार और स्वास्थ्य विभाग नाकाम साबित हुए हैं. हालांकि चंबा मेडिकल कॉलेज में एमआरआई सुविधा शुरू करने के लिए एनएचपीसी की ओर से धनराशि उपलब्ध करवाई गई है. इस धनराशि का अभी तक सदुपयोग नहीं हो पाया है.
एमआरआई के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कई बार टेंडर बुला चुका है, लेकिन हर बार औपचारिकताएं अधूरी रहने की वजह से टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती. इस कारण एमआरआई की मशीनें चंबा मेडिकल कॉलेज में नहीं लग पा रही हैं.
टांडा और पठानकोट जाने को मजबूर मरीज
एमआरआई सुविधा ना होने के कारण मरीजों को टेस्ट के लिए टांडा या पठानकोट जाना पड़ता है. इसके लिए उन्हें काफी पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं. टांडा में एमआरआई के लिए मरीजों को तारीखें दी जाती हैं इसलिए मरीज प्राइवेट अस्पताल में एमआरआई करवाने को मजबूर होते हैं. जहां उनसे एमआरआई के मनमाने दाम वसूले जाते हैं.
7 जनवरी को खोले जाएंगे टेंडर
चंबा मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉक्टर मोहन सिंह ने बताया कि एमआरआई को शुरू करने के लिए 7 जनवरी को टेंडर खोले जाएंगे. औपचारिकताएं पूरी होने के बाद चंबा मेडिकल कॉलेज में एमआरआई सुविधा शुरू की जाएगी.
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