डलहौजी: कोरोना की दूसरी लहर के चलते इस वर्ष भी पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हुआ है. जिसका असर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों पर पड़ा है. हिमाचल प्रदेश योजना आयोग के सदस्य एवं नगर परिषद डलहौजी के पूर्व अध्यक्ष मनोज चड्ढा ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना ने प्रदेश के पर्यटन को पूरी तरह हिला कर रख दिया है.
होटल इंडस्ट्री को पटरी पर लाने हेतु स्टेट टूरिज्म फेडरेशन व होटल एसोसिएशन द्वारा उठाई जा रही मांगों को शांतिपूर्ण ढंग से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष रखा गया है.
पर्यटन कारोबार पूरी तरह ठप
गौरतलब है कि पर्यटन नगरी डलहौजी के अधिकतर लोगों की आजीविका भी पर्यटन व्यवसाय पर ही निर्भर है, लेकिन मौजूदा समय में कोरोना वायरस के खौफ का असर सीधे पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों की आजीविका पर पड़ रहा है. न केवल होटल व्यवसाय बल्कि छोटे बड़े गेस्ट हाउस, होमस्टे, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसी सहित छोटे, मंझले कारोबारियों का पर्यटन कारोबार पूरी तरह से बंद होकर रह गया है.
पर्यटन कारोबारियों को सताने लगी है भविष्य की चिंता
वहीं, कई लोग बेरोजगार हुए हैं, जिसमें टैक्सी चालक, रेहड़ी-फड़ी वाले, घोड़े वाले, कुली का काम करने वाले, गाइड इत्यादि लोग इस महामारी की वजह से बेरोजगार हो गए हैं. आज हालात यह है कि पर्यटन कारोबारियों सहित अन्य सभी को आजीविका का गहरा संकट आन खड़ा है. वो अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
सीएम ने पर्यटन कारोबारियों को किया आश्वस्त
प्रदेश योजना आयोग के सदस्य मनोज चड्ढा ने बताया कि उक्त सभी मांगों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष रखा गया है. जिस पर मुख्यमंत्री ने सहानुभूति पूर्वक विचार कर शीघ्र ही इस बारे में उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है. उम्मीद की जा रही है कि अनलॉक के साथ धीरे धीरे पर्यटन व्यवसाय को भी शुरू कर दिया जाएगा.
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