चंबा: जानवरों की अपने मालिक के प्रति वफादारी के अनेक किस्से हैं. चंबा में मनोहर नामक युवक की नृशंस हत्या के बाद उसके शरीर के टुकड़े कर बोरियों में भरकर नाले में फेंक दिए गए थे. मनोहर के पास दो खच्चरें थीं और वो खच्चरों पर सामान ढोने का काम करता था. मनोहर इन खच्चरों की मदद से ही अपने परिवार का पालन पोषण करता था. 6 जून से लापता मनोहर का कहीं कोई सुराग नहीं लग रहा था. ऐसे में अपने मालिक का पता देने में उसकी खच्चरों ने मदद की.
दरअसल, चंबा जिले के सलूणी उपमंडल में पंझियारा नामक इलाके के जिस जगह से मनोहर गायब हुआ था, दोनों खच्चरें दो दिन तक वहीं खड़ी रही. खच्चरें वहां से आगे-पीछे जाने को तैयार नहीं थी. भांदल पंचायत के प्रधान सुरेश ने ईटीवी को बताया कि मनोहर के गायब होने के बाद परिजन और ग्रामीण अलग-अलग जगह उसकी तलाश कर रहे थे. किहार पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी लेकिन मनोहर का कुछ पता नहीं चल रहा था.
इस बीच ग्रामीणों ने देखा कि मनोहर की दो खच्चरें पंझियारा में एक जगह खड़ी हैं और वहां से कतई भी हिल-डुल नहीं रहीं. दोनों खच्चरें भूखी-प्यासी वहीं खड़ी थी. इस पर ग्रामीणों को संदेह हुआ. तब सभी ने मिलकर आसपास की जगह मनोहर की तलाश शुरू की. जहां खच्चरें खड़ी थी, वहां से कुछ दूरी पर नाले में कुछ लोगों को भारी दुर्गंध का अहसास हुआ. नाले के और करीब जाकर देखा तो पत्थरों के नीचे बोरियां दबी थी. आनन-फानन में पुलिस को भी सूचित किया गया. वहीं बोरी में से मनोहर के एक पांव का जूता बाहर निकल आया था. जब बोरी को खोला गया तो उसमें से मनोहर के शव के टुकड़े निकले. उस समय मंजर बहुत भयानक था.
पंचायत प्रधान ने बताया कि मनोहर के शरीर तक पहुंचने में उसकी ही खच्चरों ने अहम भूमिका निभाई. अगर खच्चरें वहां से चली जाती तो शायद ही कोई उस जगह के आसपास नाले में तलाश करता. पंचायत प्रधान ने बताया कि मनोहर अपनी खच्चरों को बहुत प्यार करता था. वही खच्चरें उसकी आजीविका का साधन थीं और उन्हीं खच्चरों के जरिए मनोहर अपने बूढ़े मां-पिता का भरण-पोषण करता था.
मनोहर परिवार का इकलौता कमाने वाला था. तीन बहनों की शादी हो चुकी है और अब खच्चरों को मनोहर के चाचा का बेटा संभाल रहा है. 6 जून से लापता मनोहर की लाश 9 जून को मिली तो इसमें उसकी खच्चरों का अहम रोल था. ये इन बेजुबानों का अपने मालिक के लिए प्यार और वफादारी ही थी. खच्चरें घर से कुछ दूर अंधवारी यानी पशुओं को बांधने के लिए बनाए गए छोटे से आवास में रखी गई हैं. चाचा का बेटा उन्हें घास आदि डालता है.
मनोहर की हत्या एक मुस्लिम परिवार की लड़की से प्रेम संबंध के चलते हुई है. गुरुवार को आरोपी परिवार के घर को गुस्साई भीड़ ने फूंक दिया. 3 आरोपी गिरफ्तार हैं जबकि 2 नाबालिग समेत 4 लोग डिटेन किए गए हैं. एसआईटी मामले की जांच कर रही है. मनोहर का परिवार इंसाफ की गुहार लगा रहा है, लेकिन इस हत्याकांड को इंसाफ की राह पर ले जाने में मनोहर की खच्चरों का योगदान सबसे अहम है.
पंचायत प्रधान ने बताया कि अगर खच्चरें उस जगह से हट जाती तो शायद मनोहर के शव के टुकड़े ना मिलते और पानी में ही गल-सड़ जाते. इस तरह मूक जानवरों ने अपने मालिक के प्रति वफादारी को फिर से साबित किया. पूरे इलाके में खच्चरों के अपने मालिक के प्रति इस प्रेम व लगाव के साथ-साथ वफादारी की बातें हो रही हैं.
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