चंबा: कोरोना संकट के बीच हिमाचल के चंबा जिला में होने वाली उतर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा पर बड़ा फैसला हुआ है. इस साल पवित्र मणिमहेश यात्रा का आयोजन नहीं किया जाएगा. महज धार्मिक परंपराओं और रीति-रिवाजों का निर्वाहन करने के लिए ही सीमित लोगों को पवित्र स्नान और छड़ी यात्रा करने की अनुमति मिलेगी.
बता दें कि भरमौर-पांगी के विधायक जिया लाल कपूर की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें पवित्र मणिमहेश यात्रा के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इस साल यात्रा के किसी भी पड़ाव पर दुकानों को लगाने की अनुमति भी नहीं होगी. वहीं, कोरोना माहामारी के चलते जिला चंबा का अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला भी आयोजित न करने का फैसला लिया है.
मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को भरमौर स्थित मिनी सचिवालय के सभागार में मणिमहेश न्यास की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता भरमौर-पांगी के विधायक जिया लाल कपूर ने की, जबकि न्यास के अध्यक्ष एवं एडीएम भरमौर पीपी सिंह और सदस्य सचिव मनीष सोनी के अलावा ट्रस्ट के सरकारी और गैर सरकारी सदस्य मौजूद रहे.
बैठक में मणिमहेश यात्रा को आयोजित करने को लेकर गहन चर्चा के बाद इस मर्तबा यात्रा को आयोजित न करने का फैसला लिया है. विधायक ने कहा कि प्रदेश में सभी धार्मिक स्थल वह मंदिर अभी बंद है और प्रदेश में भी कोरोना के संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. इसके चलते यात्रा के आयोजन का जोखिम नहीं उठाया जा सकता.
विधायक जिया लाल कपूर ने कहा कि बड़े और छोटे शाही स्नान में केवल सीमित रूप चंबा से दशनामी अखाड़ा, चरपट नाथ और चौरासी मंदिर परिसर की छड़ी यात्रा के साथ तीन- तीन लोग डल झील तक तथा भरमौर से 10 के करीब शिव चेलों को जाने की अनुमति मिलेगी.
गौर रहे कि हर साल मणिमहेश यात्रा श्री कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर श्री राधा अष्टमी तक चलती है. बैठक में निर्णय लिया गया कि इस बार मणिमहेश डल झील तक यात्रा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा. जिस पर प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी. भरमौर चौरासी में केवल स्थानीय दुकानदार ही दुकानें लगा पाएंगे. बाहरी क्षेत्रों से आने वाले सभी व्यवसायियों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा.
वहीं, विधायक कपूर ने कहा कि भरमौर कस्बे के सौंदर्यीकरण के लिए चौरासी मंदिर परिसर, हेलीपैड मार्ग और ददवां से लेकर नए बस स्टैंड तक स्ट्रीट लाइटों का प्रावधान किया जा रहा है.
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