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कोरोना ने एक बार फिर बढ़ाई टैक्सी चालकों की परेशानी, TAX चुकाना हुआ मुश्किल - Corona

कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते टैक्सी चालकों का धंधा चौपट होने लगा है. टैक्सी चालकों के लिए बैंक किस्त और टैक्स अदायगी कर पाना मुश्किल साबित हो रहा है. महामारी की वजह से रोजी रोटी के भी लाले पड़ने लगे हैं.

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Published : May 1, 2021, 3:47 PM IST

चंबा: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते पर्यटकों की आवाजाही थम सी गई है. कस्बे के टैक्सी ऑपरेटरों का धंधा चौपट होने लगा है. पिछले दस दिनों से टैक्सी ऑपरेटर दिन भर पर्यटकों व सवारियों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बैरंग ही घर वापस लौटना पड़ रहा है.

कोरोना के कारण बिगड़े हालातों के चलते टैक्सी चालकों के लिए बैंक किस्त और टैक्स अदायगी के लिए पैसे जुटाने की सोच तो दूर की बात घर में रोजी-रोटी का जुगाड़ चुनौती बनकर रह गया है.

चालकों के लिए वेतन देना भी मुश्किल

टैक्सी मालिक राजा ने कहा कि उनकी तीन टैक्सियां पिछले कई दिनों से स्टैंड पर खड़ी हैं. वहीं, कमाई के नाम पर एक पैसा भी नहीं कमाया जा रहा है. आगामी दिनों में काम धंधा न होने से चालकों के लिए वेतन देना भी मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने बताया कि बैंक किस्तों का मीटर अलग से घूम रहा है.

ये भी पढ़ें- कोरोना ने फिर तोड़ा रिकॉर्ड, 24 घंटे में 4 लाख से अधिक मामले

टैक्सी चालकों की सरकार से अपील

टैक्सी मालिक मोनू का कहना है कि घर का सारा खर्च मेरे सिर पर है. अगर टैक्सी चलेगी नहीं तो परिवार को क्या खिलाएंगे. हमारे लिए सरकार को कुछ सोचना चाहिए. अब तो भूखे मरने की नौबत आ गई है.

टैक्स अदायगी को लेकर बड़ी परेशानी

टैक्सी मालिक धीरज कुमार का कहना है कि पांच टैक्सियां होने के कारण सालाना लाखों रुपए टैक्स, बैंक किस्त और चालकों की तनख्वाह अब चुनौती बनती जा रही है. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी कोरोना महामारी ने सीजन निगल लिया था और अब पर्यटकों की आमद बढ़ने की उम्मीद जगी तो हालात फिर जस के तस हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- एक मई से 18-45 साल की कैटेगरी में आने वालों का टीकाकरण मुश्किल, कई राज्यों ने खड़े किए हाथ

चंबा: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते पर्यटकों की आवाजाही थम सी गई है. कस्बे के टैक्सी ऑपरेटरों का धंधा चौपट होने लगा है. पिछले दस दिनों से टैक्सी ऑपरेटर दिन भर पर्यटकों व सवारियों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बैरंग ही घर वापस लौटना पड़ रहा है.

कोरोना के कारण बिगड़े हालातों के चलते टैक्सी चालकों के लिए बैंक किस्त और टैक्स अदायगी के लिए पैसे जुटाने की सोच तो दूर की बात घर में रोजी-रोटी का जुगाड़ चुनौती बनकर रह गया है.

चालकों के लिए वेतन देना भी मुश्किल

टैक्सी मालिक राजा ने कहा कि उनकी तीन टैक्सियां पिछले कई दिनों से स्टैंड पर खड़ी हैं. वहीं, कमाई के नाम पर एक पैसा भी नहीं कमाया जा रहा है. आगामी दिनों में काम धंधा न होने से चालकों के लिए वेतन देना भी मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने बताया कि बैंक किस्तों का मीटर अलग से घूम रहा है.

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टैक्सी चालकों की सरकार से अपील

टैक्सी मालिक मोनू का कहना है कि घर का सारा खर्च मेरे सिर पर है. अगर टैक्सी चलेगी नहीं तो परिवार को क्या खिलाएंगे. हमारे लिए सरकार को कुछ सोचना चाहिए. अब तो भूखे मरने की नौबत आ गई है.

टैक्स अदायगी को लेकर बड़ी परेशानी

टैक्सी मालिक धीरज कुमार का कहना है कि पांच टैक्सियां होने के कारण सालाना लाखों रुपए टैक्स, बैंक किस्त और चालकों की तनख्वाह अब चुनौती बनती जा रही है. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी कोरोना महामारी ने सीजन निगल लिया था और अब पर्यटकों की आमद बढ़ने की उम्मीद जगी तो हालात फिर जस के तस हो गए हैं.

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