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Chamba Fake Death Mystery Solved: BSF जवान ने रची अपनी मौत की झूठी साजिश, बेंगलुरु से जिंदा पकड़ कर लाई चंबा पुलिस - Himachal Death Mystery

चंबा जिले में बीते 29 जून को कार में जिंदा जले बीएसएफ के जवान अमित राणा को चंबा पुलिस बेंगलुरू से जिंदा पकड़ कर चंबा लाई है. पुलिस अब इस झूठी मौत की साजिश से पर्दा उठाने के लिए अमित राणा से पूछताछ में जुट गई है. (Chamba Police Solved BSF Jawan Fake Death Mystery)

Chamba Police Solved BSF Jawan Fake Death Mystery.
चंबा फर्जी मौत का रहस्य सुलझा.
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Published : Jul 21, 2023, 10:50 AM IST

Updated : Jul 21, 2023, 11:13 AM IST

चंबा: चंबा-जोत मार्ग पर गत 29 जून को कार में जिंदा जले बीएसएफ के जवान अमित राणा को चंबा पुलिस बेंगलुरु से जिंदा पकड़ कर लाई है. पुलिस टीम बीएसएफ के जवान को लेकर चंबा पहुंच गई है. पुलिस अमित राणा से पूछताछ कर घटना की असल सच्चाई से पर्दा उठाने में जुटी है. अमित राणा की शिनाख्त को लेकर पुलिस ने स्थानीय पंचायत प्रधान को भी चंबा बुलाया है. अब अमित राणा के जिंदा पकड़ने जाने के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ कि घटना के दिन कार में जलने वाला व्यक्ति आखिर कौन था.

चंबा में झूठी मौत की साजिश से उठा पर्दा: मिली जानकारी के अनुसार कार में बीएसएफ के जवान के जिंदा जलने की घटना के बाद मौके से प्राप्त हालातों और मौजूद साक्ष्यों के चलते पुलिस शुरुआती जांच से ही इस घटना को संदेह की नजर से देख रही थी. पुलिस ने जांच में पाया कि जिस जगह यह घटना घटी, वह जगह काफी खुली हुई है और आग लगने के बाद कार खाई में गिरने की बजाय ऊपर ही कैसे रह गई. इसके साथ ही कार में आग लगने के बाद ब्लास्ट भी नहीं हुआ तो आखिर कार में मौजूद व्यक्ति खुद को बचाने में कामयाब क्यों नहीं हो पाया. इन बिंदुओं के आधार पर ही पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया.

पुलिस को शुरू से था शक: पुलिस को जांच के दौरान ही आभास हो गया था कि यह पूरी घटना सुनियोजित तरीके से अंजाम दी गई है. पुलिस ने इसी आधार पर जांच को आगे बढ़ाया. मामले में चंबा पुलिस ने कड़ी दर कड़ी जोड़ी तो घटना की सच्चाई से पर्दा हटाया गया. जिसके चलते चंबा पुलिस बेंगलुरु से अमित राणा को जिंदा पकड़ने में कामयाब हो सकी. वहीं, एसपी चंबा अभिषेक यादव ने चंबा-जोत मार्ग पर कार में जले बीएसएफ के जवान अमित राणा के जिंदा पकडे़ जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि मामले को लेकर पुलिस टीम आगामी कार्रवाई कर रही है.

Chamba Police Solved BSF Jawan Fake Death Mystery.
चंबा में 29 जून को जली कार.

किसी के जिंदा जलने के नहीं मिले थे पुख्ता सबूत: सूत्रों के अनुसार मामले की छानबीन में जुटी पुलिस को मौके के हालात को देखकर ही शंका पैदा हो गई थी. लिहाजा पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल यह था कि अगर व्यक्ति कार में जिंदा जला होता, तो उसके पुख्ता अवशेष मिलने चाहिए थे. चूंकि गाड़ी के भीतर से मात्र एक छोटी सी हड्डी पुलिस को बरामद हुई थी. हर पहलू की गहनता से जांच करते हुए पुलिस ने पहले नुरपूर और फिर बाद में धर्मशाला से फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया. हालांकि अभी धर्मशाला की फॉरेंसिक रिपोर्ट का आना बाकी है.

चंबा बस स्टेंड की CCTV फुटेज से गहराया शक: सूत्रों का कहना है कि पुलिस टीम में जांच को आगे बढ़ाते हुए चंबा स्थित बस स्टेंड की सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू की. पुलिस ने जब फुटेज खंगाली तो, उनका शक हकीकत में बदलने लगा, क्योंकि गाड़ी में जिस व्यक्ति को जिंदा जला बताया जा रहा था, वह घटना की रात चंबा बस स्टेंड में दिखाई दिया.

बचपन के दोस्त की कॉल और बैंक डिटेल से बढ़ा जांच का दायरा: सूत्रों का कहना है कि छानबीन में जुटी पुलिस ने बीएसएफ जवान के बचपन के दोस्त का पता लगाकर उसकी कॉल डिटेल को जब जांचा तो पता चला कि उसका दोस्त बेंगलुरु में ही टैक्सी चलाता है. बैंक डिटेल खंगालने पर पुलिस को पता चला कि इस अकाउंड के जरिए फिलहाल ही ऑनलाइन शॉपिंग हुई है. साथ ही यह भी पता चला कि 15-20 दिनों से एक नंबर से अचानक उसकी बात होना बंद हो गई. पुलिस छानबीन में पता चला है कि बीएसएफ जवान ही अपने दोस्त के बैंक अकाउंट से शॉपिंग कर रहा था.

जांच में जिंदा होने का चला पता: हालांकि छानबीन में इस बात का पता चला था कि बीएसएफ जवान के दोस्त को ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं है. लिहाजा जब मामले की छानबीन को आगे बढ़ाते हुए पुलिस बेंगलुरु पहुंची तो, पता चला है कि बीएसएफ जवान जिंदा है और उसने ही अपनी ही मौत की झूठी साजिश रची थी. इसके बाद पुलिस ने मृत बताए जा रहे बीएसएफ के जवान को बेंगलुरु से दबोचने में सफलता हासिल की.

अपनी ही मौत की रची झूठी साजिश: मिली जानकारी के अनुसार गाड़ी में रखी हड्डी, श्मशान घाट से लाई गई थी. जिसका पता पुलिस की आरंभिक पूछताछ में चला. पूछताछ के दौरान अमित राणा ने खुलासा किया है कि जले वाहन में उसने श्मशान से लाई मानव हड्डी रखी थी. बहरहाल पुलिस आरोपी को पकड़ कर चंबा ले आई है और शुक्रवार को उसे न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा. जिसके बाद ही आगे की जांच हो पाएगी कि आखिर क्यों बीएसएफ के जवान ने अपनी ही मौत की झूठी कहानी रची. साथ ही इस बात का भी पता चल सकेगा कि क्या सच में कार में मिला हड्डी का अवशेष श्मशान घाट से उठाकर लाया गया था या नहीं.

यह था पूरा मामला: गत 29 जून की मध्यरात्रि को चंबा-जोत रोड पर जोत से करीब दो किलोमीटर नीचे एक कार में आग लग गई थी. जिससे उसमें सवार व्यक्ति की जिंदा जलने से मौत हो गई थी. मृतक की पहचान बीएसएफ के जवान अमित राणा, निवासी नूरपुर जिला कांगड़ा के तौर पर हुई थी. पुलिस व दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर कार में भड़की आग पर काबू पाया. उस समय पुलिस को जली कार से हड्डी का एक अवशेष बरामद हुआ था. इस घटना को लेकर अमित राणा के परिजनों ने भी किसी तरह का संदेह जाहिर नहीं किया था. परिजनों के मुताबिक अमित राणा अपने दोस्तों से मिलने के लिए कार में सवार होकर चंबा की ओर जा रहा था.

ये भी पढे़ं: चंबा-जोत मार्ग पर चलती कार में अचानक भड़की आग, BSF में तैनात जवान की जलकर मौत

चंबा: चंबा-जोत मार्ग पर गत 29 जून को कार में जिंदा जले बीएसएफ के जवान अमित राणा को चंबा पुलिस बेंगलुरु से जिंदा पकड़ कर लाई है. पुलिस टीम बीएसएफ के जवान को लेकर चंबा पहुंच गई है. पुलिस अमित राणा से पूछताछ कर घटना की असल सच्चाई से पर्दा उठाने में जुटी है. अमित राणा की शिनाख्त को लेकर पुलिस ने स्थानीय पंचायत प्रधान को भी चंबा बुलाया है. अब अमित राणा के जिंदा पकड़ने जाने के बाद यह सवाल उठ खड़ा हुआ कि घटना के दिन कार में जलने वाला व्यक्ति आखिर कौन था.

चंबा में झूठी मौत की साजिश से उठा पर्दा: मिली जानकारी के अनुसार कार में बीएसएफ के जवान के जिंदा जलने की घटना के बाद मौके से प्राप्त हालातों और मौजूद साक्ष्यों के चलते पुलिस शुरुआती जांच से ही इस घटना को संदेह की नजर से देख रही थी. पुलिस ने जांच में पाया कि जिस जगह यह घटना घटी, वह जगह काफी खुली हुई है और आग लगने के बाद कार खाई में गिरने की बजाय ऊपर ही कैसे रह गई. इसके साथ ही कार में आग लगने के बाद ब्लास्ट भी नहीं हुआ तो आखिर कार में मौजूद व्यक्ति खुद को बचाने में कामयाब क्यों नहीं हो पाया. इन बिंदुओं के आधार पर ही पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया.

पुलिस को शुरू से था शक: पुलिस को जांच के दौरान ही आभास हो गया था कि यह पूरी घटना सुनियोजित तरीके से अंजाम दी गई है. पुलिस ने इसी आधार पर जांच को आगे बढ़ाया. मामले में चंबा पुलिस ने कड़ी दर कड़ी जोड़ी तो घटना की सच्चाई से पर्दा हटाया गया. जिसके चलते चंबा पुलिस बेंगलुरु से अमित राणा को जिंदा पकड़ने में कामयाब हो सकी. वहीं, एसपी चंबा अभिषेक यादव ने चंबा-जोत मार्ग पर कार में जले बीएसएफ के जवान अमित राणा के जिंदा पकडे़ जाने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि मामले को लेकर पुलिस टीम आगामी कार्रवाई कर रही है.

Chamba Police Solved BSF Jawan Fake Death Mystery.
चंबा में 29 जून को जली कार.

किसी के जिंदा जलने के नहीं मिले थे पुख्ता सबूत: सूत्रों के अनुसार मामले की छानबीन में जुटी पुलिस को मौके के हालात को देखकर ही शंका पैदा हो गई थी. लिहाजा पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल यह था कि अगर व्यक्ति कार में जिंदा जला होता, तो उसके पुख्ता अवशेष मिलने चाहिए थे. चूंकि गाड़ी के भीतर से मात्र एक छोटी सी हड्डी पुलिस को बरामद हुई थी. हर पहलू की गहनता से जांच करते हुए पुलिस ने पहले नुरपूर और फिर बाद में धर्मशाला से फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया. हालांकि अभी धर्मशाला की फॉरेंसिक रिपोर्ट का आना बाकी है.

चंबा बस स्टेंड की CCTV फुटेज से गहराया शक: सूत्रों का कहना है कि पुलिस टीम में जांच को आगे बढ़ाते हुए चंबा स्थित बस स्टेंड की सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू की. पुलिस ने जब फुटेज खंगाली तो, उनका शक हकीकत में बदलने लगा, क्योंकि गाड़ी में जिस व्यक्ति को जिंदा जला बताया जा रहा था, वह घटना की रात चंबा बस स्टेंड में दिखाई दिया.

बचपन के दोस्त की कॉल और बैंक डिटेल से बढ़ा जांच का दायरा: सूत्रों का कहना है कि छानबीन में जुटी पुलिस ने बीएसएफ जवान के बचपन के दोस्त का पता लगाकर उसकी कॉल डिटेल को जब जांचा तो पता चला कि उसका दोस्त बेंगलुरु में ही टैक्सी चलाता है. बैंक डिटेल खंगालने पर पुलिस को पता चला कि इस अकाउंड के जरिए फिलहाल ही ऑनलाइन शॉपिंग हुई है. साथ ही यह भी पता चला कि 15-20 दिनों से एक नंबर से अचानक उसकी बात होना बंद हो गई. पुलिस छानबीन में पता चला है कि बीएसएफ जवान ही अपने दोस्त के बैंक अकाउंट से शॉपिंग कर रहा था.

जांच में जिंदा होने का चला पता: हालांकि छानबीन में इस बात का पता चला था कि बीएसएफ जवान के दोस्त को ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं है. लिहाजा जब मामले की छानबीन को आगे बढ़ाते हुए पुलिस बेंगलुरु पहुंची तो, पता चला है कि बीएसएफ जवान जिंदा है और उसने ही अपनी ही मौत की झूठी साजिश रची थी. इसके बाद पुलिस ने मृत बताए जा रहे बीएसएफ के जवान को बेंगलुरु से दबोचने में सफलता हासिल की.

अपनी ही मौत की रची झूठी साजिश: मिली जानकारी के अनुसार गाड़ी में रखी हड्डी, श्मशान घाट से लाई गई थी. जिसका पता पुलिस की आरंभिक पूछताछ में चला. पूछताछ के दौरान अमित राणा ने खुलासा किया है कि जले वाहन में उसने श्मशान से लाई मानव हड्डी रखी थी. बहरहाल पुलिस आरोपी को पकड़ कर चंबा ले आई है और शुक्रवार को उसे न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा. जिसके बाद ही आगे की जांच हो पाएगी कि आखिर क्यों बीएसएफ के जवान ने अपनी ही मौत की झूठी कहानी रची. साथ ही इस बात का भी पता चल सकेगा कि क्या सच में कार में मिला हड्डी का अवशेष श्मशान घाट से उठाकर लाया गया था या नहीं.

यह था पूरा मामला: गत 29 जून की मध्यरात्रि को चंबा-जोत रोड पर जोत से करीब दो किलोमीटर नीचे एक कार में आग लग गई थी. जिससे उसमें सवार व्यक्ति की जिंदा जलने से मौत हो गई थी. मृतक की पहचान बीएसएफ के जवान अमित राणा, निवासी नूरपुर जिला कांगड़ा के तौर पर हुई थी. पुलिस व दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर कार में भड़की आग पर काबू पाया. उस समय पुलिस को जली कार से हड्डी का एक अवशेष बरामद हुआ था. इस घटना को लेकर अमित राणा के परिजनों ने भी किसी तरह का संदेह जाहिर नहीं किया था. परिजनों के मुताबिक अमित राणा अपने दोस्तों से मिलने के लिए कार में सवार होकर चंबा की ओर जा रहा था.

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Last Updated : Jul 21, 2023, 11:13 AM IST
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