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सलूणी प्रशासन की अनूठी पहल, 100 से ज्यादा परिवारों को बांटे मिट्टी के घड़े

चंबा जिला के सलूणी उपमंडल प्रशासन ने भांदल पंचायत में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिट्टी के मटके बांटे. एसडीएम किरण भडाना का कहना है कि हर साल तीन हजार से अधिक लोग गंदा पानी-पीने से बीमार होते हैं. हमने एक पहल की है जिससे लोगों को साफ पानी उपलब्ध हो सकेगा.

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Published : Jun 22, 2020, 10:04 PM IST

chamba news, चंबा न्यूज
सलूणी प्रशासन की अनूठी पहल

चंबा: सलूणी उपमंडल प्रशासन ने अनूठी पहल करते हुए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिट्टी के मटके बांटे. सलूणी एसडीएम किरण भडाना ने भांदल पंचायत के एक सौ से ज्यादा परिवारों को मिट्टी के मटके बांटने का काम किया. जानकारी के अनुसार हर साल करीब तीन हजार के करीब उल्टी और दस्त के मरीज सलूनी के ग्रामीण क्षत्रों से सामने आते हैं.

जिसका एकमात्र कारण गंदा पानी बताया जा रहा है. प्रशासनिक स्तर पर एसडीएम ने इसकी जांच के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की थी, जिनकी रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं. रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है.

वीडियो.

एसडीएम किरण भडाना ने दी जानकारी

एसडीएम किरण भडाना का कहना है कि हर साल तीन हजार से ज्यादा लोग गंदा पानी पीने से बीमार होते हैं. हमने एक पहल की है, जिसके चलते हमने सलूणी के एक दुकानदार से 100 के करीब मटके खरीदे थे. जो हमने भांदल की बेली में बांटे. जिससे लोग मटकों का पानी पीएं. उससे काफी हद तक बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

एसडीएम किरण भडाना ने कहा कि प्रशासन का यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा और लोगों को जागरूक किया जाता रहेगा. ये हम नहीं बल्कि डॉक्टर की टीम ने सर्वे किया है कि हर साल तीन हजार के करीब लोग संक्रमित होते हैं.

प्रशासन की इस तरह की पहल की इलाके में हर तरफ तारीफ हो रही है. हालांकि प्रशासन ने यह मास्टर प्लान तैयार किया है कि सलूणी के अलग-अलग इलाकों में इस तरह मटके लोगों को बांटे जाएंगे, जिससे लोग इस बीमारी से बच सकें.

पढ़ें: COVID-19: हिमाचल में 716 कोरोना के मामले, 5 दिन में बढ़े 148 केस

चंबा: सलूणी उपमंडल प्रशासन ने अनूठी पहल करते हुए ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिट्टी के मटके बांटे. सलूणी एसडीएम किरण भडाना ने भांदल पंचायत के एक सौ से ज्यादा परिवारों को मिट्टी के मटके बांटने का काम किया. जानकारी के अनुसार हर साल करीब तीन हजार के करीब उल्टी और दस्त के मरीज सलूनी के ग्रामीण क्षत्रों से सामने आते हैं.

जिसका एकमात्र कारण गंदा पानी बताया जा रहा है. प्रशासनिक स्तर पर एसडीएम ने इसकी जांच के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की थी, जिनकी रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं. रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है.

वीडियो.

एसडीएम किरण भडाना ने दी जानकारी

एसडीएम किरण भडाना का कहना है कि हर साल तीन हजार से ज्यादा लोग गंदा पानी पीने से बीमार होते हैं. हमने एक पहल की है, जिसके चलते हमने सलूणी के एक दुकानदार से 100 के करीब मटके खरीदे थे. जो हमने भांदल की बेली में बांटे. जिससे लोग मटकों का पानी पीएं. उससे काफी हद तक बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

एसडीएम किरण भडाना ने कहा कि प्रशासन का यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा और लोगों को जागरूक किया जाता रहेगा. ये हम नहीं बल्कि डॉक्टर की टीम ने सर्वे किया है कि हर साल तीन हजार के करीब लोग संक्रमित होते हैं.

प्रशासन की इस तरह की पहल की इलाके में हर तरफ तारीफ हो रही है. हालांकि प्रशासन ने यह मास्टर प्लान तैयार किया है कि सलूणी के अलग-अलग इलाकों में इस तरह मटके लोगों को बांटे जाएंगे, जिससे लोग इस बीमारी से बच सकें.

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