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पर्यटन नगरी डलहौजी में व्यवसाय ठप, कोरोना का होटल कारोबार पर व्यापक असर

होटल संचालकों को राहत न मिलने से उनकी परेशानी भी बढ़ती जा रही है. हर साल लाखों की संख्या में मिनी स्विट्जरलैंड खजियार और बोटिंग प्वाइंट तलेरू में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता था, लेकिन इस वैश्विक महामारी ने पर्यटन से जुड़े लोगों के पेट पर लात मारने का काम किया है.

Hotel Association
पर्यटन नगरी डलहौजी
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Published : Jun 10, 2020, 4:08 PM IST

डलहौजी/चंबा: हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी पर्यटन पर निर्भर करती है. यहां पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग और पूरा व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है. करीब 2 महीनों से प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाली टूरिज्म इंडस्ट्री बंद होने से होटल कारोबारी सहित इस व्यवसाय के साथ जुड़े लोगों को अब अपने परिवार की चिंता सताने लगी है.

वहीं, होटल संचालकों को राहत न मिलने से उनकी परेशानी भी बढ़ती जा रही है. हर साल लाखों की संख्या में मिनी स्विट्जरलैंड खजियार और बोटिंग प्वाइंट तलेरू में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता था, लेकिन इस वैश्विक महामारी ने पर्यटन से जुड़े लोगों के पेट पर लात मारने का काम किया है. इसके चलते डलहौजी के होटल कारोबारी सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे हैं.

हालांकि सरकार की नई गाइडलाइंस से होटल व्यवसाई ज्यादा खुश नहीं है और वह उन शर्तों के साथ होटल नहीं खोलना चाहते, जिससे उनको और अधिक नुकसान हो. हिमाचल प्रदेश में चंबा जिला के पर्यटन स्थलों पर हर साल 15 से 20 लाख पर्यटकों के आने से पर्यटन व्यवसायियों के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं को प्रतिनिधि गतिविधियों से रोजगार मिलता था, जिसके चलते सही तरीके से उनके परिवार का पालन हो पाता था. इस बार कोरोना वायरस के कारण सारा कारोबार ठप हो गया है, जिससे उन्हें दो ढाई महीनों से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

क्या कहते हैं होटल एसोसिएशन के पैटर्न चीफ मनोज चड्ढा

डलहौजी होटल एसोसिएशन के पैटर्न चीफ मनोज चड्ढा का कहना है कि पिछले दो ढाई महीनों से टूरिज्म इंडस्ट्री पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. कारोबार ठप हो चुका है. उन्होंने कहा कि इन दिनों हिमाचल प्रदेश में पर्यटन का सीजन शुरू होता है, लेकिन पर्यटन सीजन शुरू होने से पहले ही सब बर्बाद हो गया है.

सरकार से उम्मीद है कि टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए कुछ राहत पैकेज का ऐलान करें ताकि पर्यटन से जुड़े लोगों को राहत मिल सके. हालांकि डलहौजी में होटल नहीं खोले जाएगे. केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेशों से साफ जाहिर होता है कि होटल्स नहीं खोले जा सकते. इन आदेशों के तहत होटल खुलने से अधिक नुकसान होने की संभावना है.

क्या कहते है होटल कारोबारी

वहीं, दूसरी और अन्य होटल कारोबारियों का कहना है कि पिछले 2 महीनों से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. होटलों में काम करने वाले लोग भी बेरोजगार हो चुके हैं, जिन्हें सैलरी के लाले पड़े हैं. बाहर से पर्यटक न आने पर उनका कारोबार कैसा चल पाएगा. ऐसे में पर्यटकों के न आने से होटल का कारोबार चलना मुश्किल है.

बाहर से पर्यटक आते भी हैं तो उन्हें होटल नहीं रुकना पड़ेगा. इस तरह के दिशा निर्देश केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए हैं, जिससे उल्टा नुकसान होने वाला है. इसके चलते सरकार टूरिज्म इंडस्ट्री को राहत पैकेज का ऐलान करें, जिससे उनके नुकसान की भरपाई हो सके.

डलहौजी/चंबा: हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी पर्यटन पर निर्भर करती है. यहां पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग और पूरा व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है. करीब 2 महीनों से प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाली टूरिज्म इंडस्ट्री बंद होने से होटल कारोबारी सहित इस व्यवसाय के साथ जुड़े लोगों को अब अपने परिवार की चिंता सताने लगी है.

वहीं, होटल संचालकों को राहत न मिलने से उनकी परेशानी भी बढ़ती जा रही है. हर साल लाखों की संख्या में मिनी स्विट्जरलैंड खजियार और बोटिंग प्वाइंट तलेरू में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता था, लेकिन इस वैश्विक महामारी ने पर्यटन से जुड़े लोगों के पेट पर लात मारने का काम किया है. इसके चलते डलहौजी के होटल कारोबारी सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग कर रहे हैं.

हालांकि सरकार की नई गाइडलाइंस से होटल व्यवसाई ज्यादा खुश नहीं है और वह उन शर्तों के साथ होटल नहीं खोलना चाहते, जिससे उनको और अधिक नुकसान हो. हिमाचल प्रदेश में चंबा जिला के पर्यटन स्थलों पर हर साल 15 से 20 लाख पर्यटकों के आने से पर्यटन व्यवसायियों के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं को प्रतिनिधि गतिविधियों से रोजगार मिलता था, जिसके चलते सही तरीके से उनके परिवार का पालन हो पाता था. इस बार कोरोना वायरस के कारण सारा कारोबार ठप हो गया है, जिससे उन्हें दो ढाई महीनों से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

क्या कहते हैं होटल एसोसिएशन के पैटर्न चीफ मनोज चड्ढा

डलहौजी होटल एसोसिएशन के पैटर्न चीफ मनोज चड्ढा का कहना है कि पिछले दो ढाई महीनों से टूरिज्म इंडस्ट्री पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. कारोबार ठप हो चुका है. उन्होंने कहा कि इन दिनों हिमाचल प्रदेश में पर्यटन का सीजन शुरू होता है, लेकिन पर्यटन सीजन शुरू होने से पहले ही सब बर्बाद हो गया है.

सरकार से उम्मीद है कि टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए कुछ राहत पैकेज का ऐलान करें ताकि पर्यटन से जुड़े लोगों को राहत मिल सके. हालांकि डलहौजी में होटल नहीं खोले जाएगे. केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेशों से साफ जाहिर होता है कि होटल्स नहीं खोले जा सकते. इन आदेशों के तहत होटल खुलने से अधिक नुकसान होने की संभावना है.

क्या कहते है होटल कारोबारी

वहीं, दूसरी और अन्य होटल कारोबारियों का कहना है कि पिछले 2 महीनों से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. होटलों में काम करने वाले लोग भी बेरोजगार हो चुके हैं, जिन्हें सैलरी के लाले पड़े हैं. बाहर से पर्यटक न आने पर उनका कारोबार कैसा चल पाएगा. ऐसे में पर्यटकों के न आने से होटल का कारोबार चलना मुश्किल है.

बाहर से पर्यटक आते भी हैं तो उन्हें होटल नहीं रुकना पड़ेगा. इस तरह के दिशा निर्देश केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए हैं, जिससे उल्टा नुकसान होने वाला है. इसके चलते सरकार टूरिज्म इंडस्ट्री को राहत पैकेज का ऐलान करें, जिससे उनके नुकसान की भरपाई हो सके.

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