शिमला: डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ डॉक्टर रमेश का कहना है कि अगर आप घर पर रहते हैं तो आपको मास्क या सैनिटाइजर प्रयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन घर से बाहर निकलते समय अगर मुंह को चुन्नी ढाठू या रुमाल से ढकते हैं तो भी मास्क से कहीं अच्छा है. इसके अलावा अगर हम बार-बार हाथ धोएंगे तो सैनिटाइजर से कहीं बेहतर है.
दरअसल कोरोना के कहर के बाद दुनिया में अचानक मास्क और सैनिटाइजर की डिमांड चरम पर पहुंच गई, लेकिन हमारे पास इससे भी बेहतर विकल्प मौजूद हैं. डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ डॉक्टर रमेश का कहना है कि सबसे पहला तो हम घरों से बाहर कम निकलें और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाएं.
अगर जरूरत पड़ने पर घर से बाहर निकलना पड़ता है तो मुंह पर कोई साफ कपड़ा, चुन्नी या रुमाल रखकर भी निकला जा सकता है. यह सभी विकल्प मास्क से कहीं बेहतर है. डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ डॉक्टर रमेश का कहना है कि जिन व्यक्तियों को खांसी जुखाम या फिर कोरोना का कोई लक्षण नजर आता है उनको जरूर मास्क का प्रयोग करना चाहिए. डॉक्टरों को उचित समय पर पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. इनमें पीपी किट और अन्य जरूरी सामान मौजूद हैं.
डॉ. रमेश ने कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में आवश्यकतानुसार सामान पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हालांकि मजदूर ना मिलने के कारण और अचानक से प्रदेश के अलग-अलग अस्पतालों से भारी डिमांड आने के बाद उनकी टीम को कड़ी मेहनत करनी पड़ी और दिन रात सहयोगियों के साथ सामान रिसीव कर अस्पतालों को भेजा गया.
डॉ. रमेश ने कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में सामान मौजूद है और अगर आवश्यकता पड़ती है तो शिमला में मुख्यालय में बनाए गए मुख्य स्टोर से ट्रकों के माध्यम से सामान सप्लाई किया जा रहा है. ऐसे में प्रदेशवासियों को चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है और प्रदेश सरकार कोरोना से निपटने में पूरी तरह सक्षम है. उन्होंने लोगों से सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करने का भी आग्रह किया.
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