ETV Bharat / state

चंबा में धरोहरों को सहेजने में नाकाम प्रशासन! बेशकीमती खंभों की नहीं ले रहा कोई सुध

चंबा शहर में सन 1930 में लगे बेशकीमती खंभें सरकार और प्रशासन की लापरवाही के चलते अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं. इन खंभों को तत्कालीन राजा भूरे सिंह ने इंग्लैंड से मंगवाया था, लेकिन आज सरकार इनकी हिफाजत पर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

author img

By

Published : Jul 12, 2020, 4:43 PM IST

Government is unable to protect the electric poles brought from England
फोटो

चंबा: जिला चंबा अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर है. यहां की कई चीजें विश्व भर में विख्यात है. 1908 में चंबा जिला में बिजली पहुंचाने में राजाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. तत्कालीन राजा भूरी सिंह ने चंबा स्टेट को बिजली उपलब्ध करवाने के लिए चंबा में 440 किलोवाट का पावर प्रोजेक्ट लगाया था.

शहर को रोशन करने के लिए खंभों को इंग्लैंड से चंबा लाया गया था. जिनका वजन अन्य खंभों के मुकाबले काफी ज्यादा था. वहीं, भारी बारिश और बर्फबारी में भी इन खंभों कोई हानि नहीं पहुंची थी. इंग्लैंड से लाए गए इन बेशकीमती खंभों को चंबा शहर के डीसी कार्यालय, सर्किट हाउस के साथ-साथ शहर के कई अन्य हिस्सों में लगाया गया था.

वीडियो रिपोर्ट

सौ साल बीत जाने के बाद आज प्रशासन इन ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने में लापरवाही बरत रहा है. स्थानीय लोग कई बार सरकार और प्रशासन से मांग कर चुके कि अगर समय रहते इन चीजों की हिफाजत नहीं की गई तो आने वाले वक्त में युवा पीढ़ी इन चीजों को देख नहीं पाएगी.

चंबा के इतिहासकार दिनेश शर्मा का कहना है कि चंबा जिला में बिजली के लिए पावर प्रोजेक्ट 1930 में लग गया था. उन्होंने बताया कि यह देश के तीसरे पावर प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुआ था. जिसके तहत चंबा जिला को बिजली पहुंचाई गई थी. दिनेश शर्मा ने बताया कि इंग्लैंड से मंगवाए गए यह खंभे चंबा और नाहन में लगाए गए थे. उन्होंने सरकार से दरख्वास्त करते हुए कहा कि सरकार को इन चीजों को सहेजने चाहिए.

बता दें कि उस वक्त चंबा उन चुनिंदा शहरों में शामिल था, जहां पर बिजली की आपूर्ति हुआ करती थी. चंबा में बिजली उपलब्ध करवाने का सारा श्रेय तत्कालीन राजा भूरी सिंह को जाता है. सरकार हिमाचल की धरोहरों का संरक्षण करने में कई कदम उठा रही है, लेकिन चंबा के चौगान में लगे खंभे सरकार की अनदेखी के चलते खस्ताहालत के शिकार हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: लंच डिप्लोमेसी में होलीलॉज पहुंचे कांग्रेस के ये नेता, इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

चंबा: जिला चंबा अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर है. यहां की कई चीजें विश्व भर में विख्यात है. 1908 में चंबा जिला में बिजली पहुंचाने में राजाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. तत्कालीन राजा भूरी सिंह ने चंबा स्टेट को बिजली उपलब्ध करवाने के लिए चंबा में 440 किलोवाट का पावर प्रोजेक्ट लगाया था.

शहर को रोशन करने के लिए खंभों को इंग्लैंड से चंबा लाया गया था. जिनका वजन अन्य खंभों के मुकाबले काफी ज्यादा था. वहीं, भारी बारिश और बर्फबारी में भी इन खंभों कोई हानि नहीं पहुंची थी. इंग्लैंड से लाए गए इन बेशकीमती खंभों को चंबा शहर के डीसी कार्यालय, सर्किट हाउस के साथ-साथ शहर के कई अन्य हिस्सों में लगाया गया था.

वीडियो रिपोर्ट

सौ साल बीत जाने के बाद आज प्रशासन इन ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने में लापरवाही बरत रहा है. स्थानीय लोग कई बार सरकार और प्रशासन से मांग कर चुके कि अगर समय रहते इन चीजों की हिफाजत नहीं की गई तो आने वाले वक्त में युवा पीढ़ी इन चीजों को देख नहीं पाएगी.

चंबा के इतिहासकार दिनेश शर्मा का कहना है कि चंबा जिला में बिजली के लिए पावर प्रोजेक्ट 1930 में लग गया था. उन्होंने बताया कि यह देश के तीसरे पावर प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुआ था. जिसके तहत चंबा जिला को बिजली पहुंचाई गई थी. दिनेश शर्मा ने बताया कि इंग्लैंड से मंगवाए गए यह खंभे चंबा और नाहन में लगाए गए थे. उन्होंने सरकार से दरख्वास्त करते हुए कहा कि सरकार को इन चीजों को सहेजने चाहिए.

बता दें कि उस वक्त चंबा उन चुनिंदा शहरों में शामिल था, जहां पर बिजली की आपूर्ति हुआ करती थी. चंबा में बिजली उपलब्ध करवाने का सारा श्रेय तत्कालीन राजा भूरी सिंह को जाता है. सरकार हिमाचल की धरोहरों का संरक्षण करने में कई कदम उठा रही है, लेकिन चंबा के चौगान में लगे खंभे सरकार की अनदेखी के चलते खस्ताहालत के शिकार हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें: लंच डिप्लोमेसी में होलीलॉज पहुंचे कांग्रेस के ये नेता, इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.