शिमला: हिमाचल प्रदेश में ओवरलोडिंग की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और अब ये जानलेवा भी हो गई है. बस चालकों की लापरवाही आम जनता पर भारी पड़ने लगी है. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने आम लोगों से बातचीत की है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान लोगों ने बताया कि बसों में बुरी तरह से ओवरलोडिंग हो रही है. कहीं भी कानून का पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने सरकार से ओवरलोडिंग कानून को सख्ती से लागू करने और पर्याप्त बसों की मांग की है.
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वरिष्ठ नागरिक व समाजसेवी सुभाष वर्मा ने कहा कि बसों में सवारियां जबरदस्ती भरी जाती हैं. शहर में लोकल बसों का भी यही हाल है. पुलिस भी ओवरलोड बसों को देखकर अनदेखा कर देती है. एक अन्य वरिष्ठ नागरिक जे.आर ठाकुर ने बताया कि ओवरलोडिंग बड़ी समस्या बन गई है. ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार के कारण हर रोज सड़क हादसे की खबर आती रहती है.
उन्होंने कहा की शहर में धड़ल्ले से ओवरलोडेड बसें दौड़ रही है. उनका चालान भी नहीं भी काटा जाता है. जबकि ग्रामीण इलाकों में इक्क-दुक्का चलने वाली बसों का चालान काटकर आम जनता को परेशान किया जाता है.
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बहरहाल जो भी हो सरकार तब जागती है जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है. इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है. राजधानी में ही दिन भर निजी लोकल बसें ओवरलोड होकर दौड़ती है. जगह जगह चेक पोस्ट बने हैं लेकिन उनका चालान भी नहीं भी काटा जाता है.