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बसों में ओवरलोडिंग पर बोले शिमलावासी- 'हादसों के बाद जागती है सरकार, सख्त हो कानून'

हिमाचल प्रदेश में बसों में ओवरलोडिंग की समस्या पर शिमलावासियों ने कहा कि कहीं भी कानून का पालन नहीं हो रहा है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान लोगों ने बताया पुलिस भी ओवरलोड बसों को देखकर अनदेखा कर देती है.

बसों में ओवरलोडिंग पर लोगों की प्रतिक्रिया
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Published : Jun 27, 2019, 12:30 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में ओवरलोडिंग की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और अब ये जानलेवा भी हो गई है. बस चालकों की लापरवाही आम जनता पर भारी पड़ने लगी है. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने आम लोगों से बातचीत की है.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान लोगों ने बताया कि बसों में बुरी तरह से ओवरलोडिंग हो रही है. कहीं भी कानून का पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने सरकार से ओवरलोडिंग कानून को सख्ती से लागू करने और पर्याप्त बसों की मांग की है.

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वरिष्ठ नागरिक व समाजसेवी सुभाष वर्मा ने कहा कि बसों में सवारियां जबरदस्ती भरी जाती हैं. शहर में लोकल बसों का भी यही हाल है. पुलिस भी ओवरलोड बसों को देखकर अनदेखा कर देती है. एक अन्य वरिष्ठ नागरिक जे.आर ठाकुर ने बताया कि ओवरलोडिंग बड़ी समस्या बन गई है. ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार के कारण हर रोज सड़क हादसे की खबर आती रहती है.

बसों में ओवरलोडिंग पर लोगों की प्रतिक्रिया

उन्होंने कहा की शहर में धड़ल्ले से ओवरलोडेड बसें दौड़ रही है. उनका चालान भी नहीं भी काटा जाता है. जबकि ग्रामीण इलाकों में इक्क-दुक्का चलने वाली बसों का चालान काटकर आम जनता को परेशान किया जाता है.

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बहरहाल जो भी हो सरकार तब जागती है जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है. इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है. राजधानी में ही दिन भर निजी लोकल बसें ओवरलोड होकर दौड़ती है. जगह जगह चेक पोस्ट बने हैं लेकिन उनका चालान भी नहीं भी काटा जाता है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में ओवरलोडिंग की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और अब ये जानलेवा भी हो गई है. बस चालकों की लापरवाही आम जनता पर भारी पड़ने लगी है. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने आम लोगों से बातचीत की है.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान लोगों ने बताया कि बसों में बुरी तरह से ओवरलोडिंग हो रही है. कहीं भी कानून का पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने सरकार से ओवरलोडिंग कानून को सख्ती से लागू करने और पर्याप्त बसों की मांग की है.

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वरिष्ठ नागरिक व समाजसेवी सुभाष वर्मा ने कहा कि बसों में सवारियां जबरदस्ती भरी जाती हैं. शहर में लोकल बसों का भी यही हाल है. पुलिस भी ओवरलोड बसों को देखकर अनदेखा कर देती है. एक अन्य वरिष्ठ नागरिक जे.आर ठाकुर ने बताया कि ओवरलोडिंग बड़ी समस्या बन गई है. ओवरलोडिंग और तेज रफ्तार के कारण हर रोज सड़क हादसे की खबर आती रहती है.

बसों में ओवरलोडिंग पर लोगों की प्रतिक्रिया

उन्होंने कहा की शहर में धड़ल्ले से ओवरलोडेड बसें दौड़ रही है. उनका चालान भी नहीं भी काटा जाता है. जबकि ग्रामीण इलाकों में इक्क-दुक्का चलने वाली बसों का चालान काटकर आम जनता को परेशान किया जाता है.

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बहरहाल जो भी हो सरकार तब जागती है जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है. इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है. राजधानी में ही दिन भर निजी लोकल बसें ओवरलोड होकर दौड़ती है. जगह जगह चेक पोस्ट बने हैं लेकिन उनका चालान भी नहीं भी काटा जाता है.

Intro:ओवरलोडिंग कानून को लागू करने से पहले बसों की ब्यवस्था करे सरकार।
शिमला
हिमाचल में ओवरलोडिंग की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और अब ये जानलेवा भी हो गयी है । बस चालको की लापरवाही आम जनता पर भारी पड़ने लगी है। इसी मुद्दे पर आम।जनता से जब बात की गयी तो उन्होंने बताया कि बसों में बुरी तरह से ओवरलोडिंग हो रही है जिससे कई बार चलती बस के भी दरवाजे खुल गए और ओर लोगो को चोट भी आई है।लेकिन निजी व एचआरटीसी बसों में ओवरलोडिंग नही रुक रही है।


Body:इसी मुद्दे पर हाईकोर्ट के वकील ओसी रंजन ने बताया कि ओवरलोडिंग पर कानून बना है लेकिंन वह कानून नाम मात्र का बन कर रह गया है क्यो की कही भी इस कानून का पालन नही हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ओवलोडिंग कानून को सख्ती से लागू करे लेकिन पहले बसों की ब्यवस्था की जानी चाहिए ताकि लोगो को नियमित बस सेवा मिल सके।
वरिष्ठ नागरिक व समाजसेवी सुभाष वर्मा ने कहा कि बसों मे सवारियां जबरदस्ती भरी जाती है और शहर में लोकल बसों का बी यह हाल है कि जब तक बस पूरी तरह से ओवरलोड नहीं हो जाती बस चालक बसों को चलाते ही नही है ।उन्होंने कहा कि जगह जगह पर पुलिस तैनात रहती है लेकिन वह भी ओवरलोड़ बसों को देख कर अनदेखा कर देती है जिससे बस बस चालको का मनोबल बढ़ता है और वह मन माने तहर से बसों में सवारियो को भरते हैं।उन्होंने कहा कि जब कोई दुर्घटना होती है तब ही सरकार जगती है और थोड़े दिनों के लिए चालान काटती है।। उन्होंने कहा कि बसों की भी कमी रहती है जिसके कारण लोग मजबूरन में फूल बसों में चलने को मजबूर होते है।


Conclusion:एक अन्य वरिष्ठ नागरिक जे आर ठाकुर ने बताया कि बसों में ओवरलोडिंग बड़ी समस्या बन गयी है।और आये दिन सड़क ओवरलोडिंग ओर तेज रफ्तार के कारण ही सड़क दुर्घटना होती है। उन्होंने कहा की शहर में धड़ल्ले से ओवरलोड़ बसे दौड़ रही है उनका चालान नही काटा जाता जबकि गांव व दूर दराज के इलाकों में जहाँ बस कम संख्या में चलती है वहा एक भी अधिक सवारी का चालान काट कर जनता को परेशान कर रहे है उन्होंने कहा कि जहाँ बसों की संख्या गिनीचुनी है वहाँ पहले बसों की संख्या बढ़ाए जिससे लोगो को आने जाने मे परेशानी न हो।उनका कहना था कि एक ही कानून पर दोहरा मापदण्ड अपना रही है सरकार जबकि शहर में जहाँ अधिक बसे चलती है और ओवरलोड़ होती उनका चालान नही काटा जाता है ओर दूर दराज में इक्का दुक्का जाने वाली बसों का चालान काट कर आम जनता को परेशान कर रहीं है सरकार ।
जो भी हो सरकार तब जगती है जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है और फिर उसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। राजधानी में ही दिन भर निजी लोकल बसे ओवरलोड़ हो कर शहर में दौड़ती है और जगह जगह चेक पोस्ट बने है लेकिन वहाँ पर खड़े पुलिस कर्मचारी ओवरलोड़ बसों को देख कर अनदेखा कर देते है।
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