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रेणुका बांध प्रोजेक्ट : दिल्ली के साथ-साथ हिमाचल को भी मिलेगा पानी, सिंचाई योजनाओं के लिए नहीं होगी कोई बंदिश

रेणुका बांध प्रोजेक्ट को लेकर सीएम जयराम ठाकुर ने विधानसभा में अपनी बात रखी. बुधवार को सीएम जयराम ठाकुर ने सदन में बताया कि राष्ट्रीय महत्व के रेणुका बांध प्रोजेक्ट से दिल्ली को तो पानी मिलेगा ही, हिमाचल भी जरूरत के हिसाब से पानी ले सकेगा.

रेणुका बांध परियोजना
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Published : Feb 13, 2019, 11:33 PM IST

शिमला: रेणुका बांध प्रोजेक्ट को लेकर सीएम जयराम ठाकुर ने विधानसभा में अपनी बात रखी. बुधवार को सीएम जयराम ठाकुर ने सदन में बताया कि राष्ट्रीय महत्व के रेणुका बांध प्रोजेक्ट से दिल्ली को तो पानी मिलेगा ही, हिमाचल भी जरूरत के हिसाब से पानी ले सकेगा.

रेणुका बांध परियोजना
रेणुका बांध परियोजना
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सिरमौर जिले के गिरि नदी पर देश की राजधानी दिल्ली को पानी देने के लिए बनने जा रहे रेणुका बांध से हिमाचल भी पानी ले सकेगा. गिरि नदी से पेयजल या सिंचाई योजनाओं के लिए पानी लेने की कोई बंदिश नहीं है. रेणुका के विधायक विनय कुमार ने इस संदर्भ में सवाल किया था. उर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने जवाब दिया था. साथ ही सीएम जयराम ठाकुर ने भी स्थिति स्पष्ट की.

अपने जवाब में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अभी इस बांध के भूमि अधिग्रहण के लिए ऊर्जा निगम को 686 करोड़ मिले हैं, जिनमें से 451 करोड़ बांट दिये गए हैं. कोर्ट के आदेश के बाद अब डैम में डूब रही जमीन का मुआवजा समान रेट पर मिलेगा. पहले ये अलग-अलग था.

डैम बनने से पहले क्षेत्र के लिए वैकल्पिक रूट भी बनाए जाएंगे. इस डैम में 40 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट भी बनेगा, जो हिमाचल के लिए होगा, लेकिन इसकी 90 फीसदी निर्माण लागत दिल्ली सरकार वहन करेगी क्योंकि डैम से पानी दिल्ली को दिया जा रहा है.

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इस बारे में संबंधित छह राज्यों ने 11 जनवरी 2019 को दिल्ली में एमओयू किया है. हालांकि इस परियोजना के लिए सबसे पहला एमओयू 12 मई 1994 को हुआ था. इस प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा विधायक सुखराम चौधरी और माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी सवाल पूछे. जवाब में मंत्री ने बताया कि इसके एमओयू में ये बात सुनिश्चित की गई है कि परियोजना क्षेत्र में अपनी जरूरत का पानी लिया जा सकता है.

शिमला: रेणुका बांध प्रोजेक्ट को लेकर सीएम जयराम ठाकुर ने विधानसभा में अपनी बात रखी. बुधवार को सीएम जयराम ठाकुर ने सदन में बताया कि राष्ट्रीय महत्व के रेणुका बांध प्रोजेक्ट से दिल्ली को तो पानी मिलेगा ही, हिमाचल भी जरूरत के हिसाब से पानी ले सकेगा.

रेणुका बांध परियोजना
रेणुका बांध परियोजना
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सिरमौर जिले के गिरि नदी पर देश की राजधानी दिल्ली को पानी देने के लिए बनने जा रहे रेणुका बांध से हिमाचल भी पानी ले सकेगा. गिरि नदी से पेयजल या सिंचाई योजनाओं के लिए पानी लेने की कोई बंदिश नहीं है. रेणुका के विधायक विनय कुमार ने इस संदर्भ में सवाल किया था. उर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने जवाब दिया था. साथ ही सीएम जयराम ठाकुर ने भी स्थिति स्पष्ट की.

अपने जवाब में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अभी इस बांध के भूमि अधिग्रहण के लिए ऊर्जा निगम को 686 करोड़ मिले हैं, जिनमें से 451 करोड़ बांट दिये गए हैं. कोर्ट के आदेश के बाद अब डैम में डूब रही जमीन का मुआवजा समान रेट पर मिलेगा. पहले ये अलग-अलग था.

डैम बनने से पहले क्षेत्र के लिए वैकल्पिक रूट भी बनाए जाएंगे. इस डैम में 40 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट भी बनेगा, जो हिमाचल के लिए होगा, लेकिन इसकी 90 फीसदी निर्माण लागत दिल्ली सरकार वहन करेगी क्योंकि डैम से पानी दिल्ली को दिया जा रहा है.

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इस बारे में संबंधित छह राज्यों ने 11 जनवरी 2019 को दिल्ली में एमओयू किया है. हालांकि इस परियोजना के लिए सबसे पहला एमओयू 12 मई 1994 को हुआ था. इस प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा विधायक सुखराम चौधरी और माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी सवाल पूछे. जवाब में मंत्री ने बताया कि इसके एमओयू में ये बात सुनिश्चित की गई है कि परियोजना क्षेत्र में अपनी जरूरत का पानी लिया जा सकता है.

रेणुका डैम प्रोजेक्ट: दिल्ली को तो मिलेगा ही, हिमाचल भी जरूरत के हिसाब से ले सकेगा पानी 
शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि राष्ट्रीय महत्व के रेणुका बांध प्रोजेक्ट से दिल्ली को तो पानी मिलेगा ही, हिमाचल भी जरूरत के हिसाब से पानी ले सकेगा। सिरमौर जिला की गिरि नदी पर देश की राजधानी दिल्ली को पानी देने के लिए बनने जा रहे रेणुका बांध से हिमाचल भी पानी ले सकेगा। गिरि नदी से पेयजल या सिंचाई योजनाओं के लिए पानी लेने की कोई बंदिश नहीं है। रेणुका के विधायक विनय कुमार ने इस संदर्भ में सवाल किया था। उर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने जवाब दिया था। साथ ही सीएम जयराम ठाकुर ने भी स्थिति स्पष्ट की। अपने जवाब में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अभी इस डैम के भूमि अधिग्रहण के लिए ऊर्जा निगम को 686 करोड़ मिले हैं, जिनमें से 451 करोड़ बांट दिये गए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद अब डैम में डूब रही जमीन का मुआवजा समान रेट पर मिलेगा। पहले ये अलग-अलग था। डैम बनने से पहले क्षेत्र के लिए वैकल्पिक रूट भी बनाए जाएंगे। इस डैम में 40 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट भी बनेगा, जो हिमाचल के लिए होगा। लेकिन इसकी 90 फीसदी निर्माण लागत दिल्ली सरकार वहन करेगी। क्योंकि डैम से पानी दिल्ली को दिया जा रहा है। इस बारे में संबंधित छह राज्यों ने 11 जनवरी 2019 को दिल्ली में एमओयू किया है। हालांकि इस परियोजना के लिए सबसे पहला एमओयू 12 मई 1994 को हुआ था। इस प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा विधायक सुखराम चौधरी और माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी सवाल पूछे। जवाब में मंत्री ने बताया कि इसके एमओयू में ये बात सुनिश्चित की गई है कि परियोजना क्षेत्र में अपनी जरूरत का पानी लिया जा सकता है।

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