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नैक से मान्यता प्राप्त करने में पिछड़े कॉलेज, शिक्षा विभाग ने शुरू की ये पहल

नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की संख्या का आंकड़ा 37 से पार नहीं जा रहा हैं. नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए शिक्षा विभाग ने भी प्रयास तेज कर दिए है.

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Published : Jun 26, 2019, 10:54 PM IST

माचल शिक्षा विभाग

शिमला: प्रदेश में नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की संख्या का आंकड़ा 37 से पार नहीं जा रहा हैं. नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए शिक्षा विभाग ने भी प्रयास तेज कर दिए है.

प्रदेश में कॉलेजों की बात की जाए तो 63 कॉलेज तो अभी नैक से मान्यता के लिए तैयार ही नहीं है. प्रदेश में 129 कॉलेज है और इसी के साथ ही 7 संस्कृत कॉलेज भी हैं. कॉलेजों के इस आंकड़े में से कुल 37 डिग्री कॉलेजों के पास ही नैक से मान्यता है. वहीं, जो कॉलेज नैक से मान्यता लेने के लिए पात्र है, उनके पास भी शिक्षकों और मूलभूत सुविधाओं की कमी है, जिसकी वजह से ये कॉलेज ग्रेड गिरने की वजह से मान्यता नैक से नहीं ले रहे है. कुछ एक कॉलेज तो ऐसे है जिनकी बिल्डिंग अभी बन कर पूरी नहीं है. ऐसे में ये कॉलेज काम पुरा करके आवेदन करने का इंतजार कर रहे है.

हिमाचल शिक्षा विभाग

शिक्षा विभाग निर्देश कॉलेजों को जारी कर रहा है कि नैक से वो मान्यता जल्द से जल्द ले, जिससे उन्हें ग्रांट प्राप्त हो सके. कॉलेजों को नैक से मान्यता की पूरी प्रक्रिया पता चल सके इसके लिए भी कई तरह की योजनाएं विभाग की ओर से शुरू की जा रही है. इसके साथ ही जिन 63 कॉलेजों के पास अभी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है, उनके भवन बनाने का कार्य पूरा करने के साथ शिक्षकों और अन्य रिक्त पड़े पदों को भी भरने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास कर रही है. जिन कॉलेजों के पास नैक से मान्यता प्राप्त नहीं है, उनके पास ना तो अपना इंफ्रास्ट्रक्चर है और ना ही इन्हें स्थापित हुए 5 साल का समय पूरा हुआ है. ऐसे में नैक से मान्यता के न्यूनतम मापदंड ही ये कॉलेज पूरा ही नहीं कर पा रहे है. इसके अलावा 15 कॉलेज ऐसे है जो मापदंड तो पूरा कर रहे हैं, लेकिन इन्होंने किसी न किसी कारण के चलते नैक से मान्यता कॉलेजों नहीं ली है.

शिमला: प्रदेश में नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की संख्या का आंकड़ा 37 से पार नहीं जा रहा हैं. नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए शिक्षा विभाग ने भी प्रयास तेज कर दिए है.

प्रदेश में कॉलेजों की बात की जाए तो 63 कॉलेज तो अभी नैक से मान्यता के लिए तैयार ही नहीं है. प्रदेश में 129 कॉलेज है और इसी के साथ ही 7 संस्कृत कॉलेज भी हैं. कॉलेजों के इस आंकड़े में से कुल 37 डिग्री कॉलेजों के पास ही नैक से मान्यता है. वहीं, जो कॉलेज नैक से मान्यता लेने के लिए पात्र है, उनके पास भी शिक्षकों और मूलभूत सुविधाओं की कमी है, जिसकी वजह से ये कॉलेज ग्रेड गिरने की वजह से मान्यता नैक से नहीं ले रहे है. कुछ एक कॉलेज तो ऐसे है जिनकी बिल्डिंग अभी बन कर पूरी नहीं है. ऐसे में ये कॉलेज काम पुरा करके आवेदन करने का इंतजार कर रहे है.

हिमाचल शिक्षा विभाग

शिक्षा विभाग निर्देश कॉलेजों को जारी कर रहा है कि नैक से वो मान्यता जल्द से जल्द ले, जिससे उन्हें ग्रांट प्राप्त हो सके. कॉलेजों को नैक से मान्यता की पूरी प्रक्रिया पता चल सके इसके लिए भी कई तरह की योजनाएं विभाग की ओर से शुरू की जा रही है. इसके साथ ही जिन 63 कॉलेजों के पास अभी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है, उनके भवन बनाने का कार्य पूरा करने के साथ शिक्षकों और अन्य रिक्त पड़े पदों को भी भरने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास कर रही है. जिन कॉलेजों के पास नैक से मान्यता प्राप्त नहीं है, उनके पास ना तो अपना इंफ्रास्ट्रक्चर है और ना ही इन्हें स्थापित हुए 5 साल का समय पूरा हुआ है. ऐसे में नैक से मान्यता के न्यूनतम मापदंड ही ये कॉलेज पूरा ही नहीं कर पा रहे है. इसके अलावा 15 कॉलेज ऐसे है जो मापदंड तो पूरा कर रहे हैं, लेकिन इन्होंने किसी न किसी कारण के चलते नैक से मान्यता कॉलेजों नहीं ली है.

Intro:प्रदेश में नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की संख्या का आंकड़ा 37 से पार नहीं जा रहा हैं। नैक से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए शिक्षा विभाग ने भी अपने प्रयास अब तेज कर दिए है। प्रदेश में कॉलेजों की बात की जाए तो 63 कॉलेज तो अभी नैक से मान्यता के लिए तैयार ही नहीं है। इन कॉलेजों के पास ना तो अपना इंफ्रास्ट्रक्चर है और ना ही इन्हें स्थापित हुए 5 साल का समय पूरा हुआ है। ऐसे में नैक से मान्यता के न्यूनतम मापदंड ही यह कॉलेज पूरा ही नहीं कर पा रहे है। इसके अलावा 15 कॉलेज ऐसे है जो मापदंड तो पूरा कर रहे है लेकिन इन्होंने किसी न किसी कारण के चलते नैक से मान्यता इन कॉलेजों ने नहीं ली है।


Body:बता दे कि प्रदेश में 129 के करीब कॉलेज है और इसी के साथ ही 7 संस्कृत कॉलेज भी है। कॉलेजों के इस आंकड़े में से कुल 37 डिग्री कॉलेजों के पास ही नैक से मान्यता है। जो कॉलेज नैक से मान्यता लेने के लिए पात्र है उनके पास भी शिक्षकों और मूलभूत सुविधाओं की कमी है जिसकी वजह से यह कॉलेज ग्रेड गिरने की वजह से मान्यता नैक से नहीं ले रहे है। कुछ एक कॉलेज तो ऐसे है जिनकी बिल्डिंग अभी बन कर पूरी नहीं है या कुछ एक काम उन कॉलेजों में चल रहे है जिन्हें पुरा कर नैक से मान्यता के लिए आवेदन करने का इंतजार कॉलेज कर रहे है लेकिन उस वजह से इन कॉलेजों को रूसा से मिलने वाली ग्रांट पर संकट आ रहा है।


Conclusion:शिक्षा विभाग निर्देश कॉलेजों को जारी कर रहा है कि नैक से वो मान्यता जल्द से जल्द ले जिससे कि उन्हें ग्रांट प्राप्त हो सके। यहां तक कि इन कॉलेजों को नैक से मान्यता की पूरी प्रक्रिया पता चल सके इसके लिए भी कई तरह की योजनाएं विभाग की ओर से शुरू की जा रही है। इसके साथ ही जिन 63 कॉलेजों के पास अभी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है उनके भवन बनाने का कार्य पूरा करने के साथ शिक्षकों और अन्य रिक्त पड़े पदों को भी भरने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किए जा रहे है, जिससे कि कॉलेजों के नैक से बेहतर ग्रेड लेने में परेशानी ना हो।
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