बिलासपुर: आठ मार्च को पूरा विश्व महिला दिवस (womens day special) के रूप में मनाता है, लेकिन महिला दिवस की परिभाषा क्या है, इसको लोगों को समझना चाहिए. महिलाओं के सम्मान और उनकी सुरक्षा के लिए पुरूषों को आगे आना चाहिए और पुरूषों को सबसे पहले अपने घर की मां, बहन और पत्नी की रक्षा और उनका सम्मान करना चाहिए, जो असली मायने में महिला दिवस का महत्त्व है.
यह बात ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए बिलासपुर में एचएएस प्रोबेशन (HAS Officer Oshin Sharma) पर तैनात ओशिन शर्मा ने कही. ईटीवी भारत की वुमनिया सीरीज में मेहमान के रूप में आई ओशिन शर्मा ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वह सिविल सर्विसेज की ओर आएंगी. बचपन से उन्हें एक पत्रकार बनने का शौक था, लेकिन पत्रकारिता के भविष्य की ओर आगे न बढ़ते हुए उन्होंने सिविल सर्विसिज (Civil Services Himachal) की राह पकड़ ली.
उन्होंने बताया कि वह चंबा जिले के भरमौर की रहने वाली हैं और वहां की महिलाओं के लिए बाहर निकलकर पढ़ाई करना एक बहुत बड़ा चैलेंज रहता है, लेकिन वह उस क्षेत्र के निकलकर शिमला पढ़ाई के लिए पहुंची. उसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ का रूख किया और वहां आगे की पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद आज वह इस मुकाम पर पहुंची हैं.
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में उन्होंने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ व अपने बेटे को समझाओ' का नारा बुलंद किया है. उन्होंने कहा कि यह नारा परिजनों के लिए हैं कि वह अपने बेटों को समझाएं, क्योंकि जब तक बेटे अपनी सोच नहीं बदलेंगे, तब तक महिलाएं समाज में सुरक्षित नहीं हो पाएंगी.
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