बिलासपुर: जिले की घरांण पंचायत के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर अपने बच्चों को सरयाली खड्ड पार करवा रहे हैं. बारिश होने की स्थिति में बच्चे स्कूल-कॉलेज नहीं जा पाते हैं. ग्रामीणों के पास और कोई साधन न होने से नौनिहालों को कंधे पर उठाकर और बड़े बच्चों का हाथ पकड़कर उफनती सरयाली खड्ड को पार करवाया जा रहा है.
जिला बिलासपुर मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित घरांण पंचायत के गांव घुमारपुर, खमेड़ा, बागडू आदि गांव के लोग सड़क सुविधा से वंचित है. ग्रामीणों को मजबूरी में उफनती सरयाली खड्ड को पार कर दूसरी ओर आना पड़ता है. गांव में अगर कोई बीमार हो जाए तो उसे पालकी में उठाकर सरयाली खड्ड को पार कर मुख्यालय तक लाना पड़ता है.
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ग्रामीणों का कहना है कि यहां पर सरयाली खड्ड पर पुल बनाने की मांग को काफी अरसे से उठाया गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन व सरकार की ओर से कुछ नहीं हुआ है. उनका कहना है कि सरयाली खड्ड पर पुल के निर्माण के लिए वे काई बार संबंधित विभाग व जिलाधीश कार्यालय के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उनके प्रार्थना पत्रों को आगामी कार्रवाई के लिए प्रेषित किया जाता है. ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से जल्द उनकी मांगों को पूरा करने की मांग की है.
बता दें कि पिछले साल जिला किन्नौर के शिपकला में ग्लेशियर की चपेट में आने से शहीद हुए भारतीय सेना के जवान राकेश कुमार का घुमारपुर गृह गांव है. राकेश कुमार की शहादत के बाद कुछ दिन दिखावा मात्र सड़क का काम चला था, लेकिन उसके बाद वो भी बंद कर दिया गया था. खास बात ये है कि भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रिखी राम कौंडल की भी यही गृह पंचायत है.
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