बिलासपुर: आजादी के सात दशक बाद हिमाचल प्रदेश में सत्ता और व्यवस्था में कई बदलाव हुए. चाहे कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी की, दावे तो विकास की सभी करते हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही होती है. ऐसा ही एक उदाहरण जिला बिलासपुर में देखने को मिला है.
भराड़ी से जाहू वाया सलाओं-गलाह-दायरा सड़क के बीच दुरुग खड्ड पर टांडा पुल का शिलान्यास 23 वर्ष पहले हुआ था, लेकिन भी अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. इस दुरुग खड्ड पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से पुल बनाया जाना प्रस्तावित है. हालांकि पिछले चार साल से पुल निर्माण कार्य कछुआ चाल से चल रहा था, लेकिन तीन महीने से निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
गौरतलब है कि भराड़ी से जाहू मार्ग पर पुल का शिलान्यास दो फरवरी 1996 में तत्कालीन लोक निर्माण विभाग मंत्री जय बिहारी लाल खाची ने किया था और इस पुल को जल्द बनाने की घोषणा की गई थी लेकिन यह मात्र राजनीति के पालने में ही झूलता रहा.
ग्रामीणों ने बताया कि टांडा पुल का निर्माण न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर बरसात के मौसम में उफनती दुरुग खड्ड को पार करना किसी खतरे से कम नहीं है. वहीं सबसे अधिक परेशानियों का सामना स्कूली बच्चों को झेलनी पड़ रही है.
उधर लोक निर्माण विभाग घुमारवीं मंडल में कार्यरत अधिशाषी अभियंता एमएल शर्मा ने बताया कि दुरुग खड्ड पर निर्माणाधीन टांडा पुल का निर्माण कार्य ठेकेदार की लेवर छुट्टी पर होने के कारण प्रभावित होकर ठप हो गया है. उन्होंने बताया कि ठेकेदार को भराड़ी से जाहू मार्ग पर बनने जा रहे टांडा पुल का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.